नई दिल्ली: देशभर में शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. अलग-अलग स्थानों पर दुर्गा पूजा पंडाल (World Largest Durgapuja Pandal) को आकर्षक और खूबसूरत बनाने के लिए पंडालों (World Largest Durgapuja Pandal) के निर्माण में कारीगरों द्वारा विशेष कार्य किया जाता है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जानकीपुरम सेक्टर-एफ स्थित दुर्गा पूजा पार्क में करीब 137 फीट ऊंचा पंडाल तैयार किया गया है.
पंडाल की खूबसूरती के चर्चे
पंडाल अपनी विशेषताओं के साथ काफी खूबसूरत है. इसी के चलते इसका नाम गिनीज बुक वर्ल्ड (World Largest Durgapuja Pandal) रिकॉर्ड में शामिल हुआ है. इस दुर्गा पूजा पंडाल के निर्माण के लिए बांस, कपड़ा और थर्माकोल का उपयोग किया है. वृंदावन के चंद्रोदय मंदिर की प्रतिकृति के रूप में बनाया गया यह पंडाल पूरी तरह से भूकम्प रोधी है, जिसके लिए 32 फुट लंबे बांसों को विशेष तौर पर असम से मंगवाया गया है.
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पंडाल का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल
इसमें करीब 12 हजार बांस और 4 ट्रक थर्माकोल से तैयार किया है. पंडाल (World Largest Durgapuja Pandal) को तैयार करने की परिकल्पना तो एक साल से की जा रही थी, लेकिन 52 कारीगरों ने इसे डेढ़ महीने में बनाया है. वहीं, यह भी कहा कि इसमें सबसे ज्यादा कठिनाई बांस को लाने में हुई है.
पंडाल (World Largest Durgapuja Pandal) की सुंदरता और विशेषताओं की वजह से ही इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड शामिल हुआ है. इसे बनाने में लगातार इस बात का ध्यान रखा गया है, कि यह पूरी मजबूती के साथ खड़ा रहे. बता दें कि इसे बनाने के लिए बांस असम से लाए गए हैं. कपड़ा गुजरात से आया है. लाइट महाराष्ट्र से आई हैं. वहीं, बनाने वाले कारीगर पश्चिम बंगाल के हैं. दुर्गा पूजा से लेकर दशहरे तक पूजा कराने के लिए पुजारी भी बंगाल से आए हैं. पंडाल के ढांचे पर करीब 58 लाख रुपये खर्च हुए हैं।