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वाह रे ‘सुशासन बाबू’…महिलाओं को पीटा, घसीटा, पानी की बौछारें हुई और नीतीश बाबू मौन रहे, बिहार में जंगल राज रिर्टन!

Patna Vidhansabha Halla Bol: बिहार में सुशासन बाबू का राज, वो सुशासन बाबू जो ये दावा करते हैं कि बिहार में सब कुछ ठीक है। बिहार में कभी मुख्यमंत्री नीतीश बाबू महिलाओं पर विवादित टिप्पणी करते हैं, तो कभी महिलाओं पर लाठीचार्ज करवाते हैं। जी हां बिहार में इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ महिलाओं में आक्रोश है। चूंकि एक तो नीतीश कुमार ने कल महिलाओं पर विवादित टिप्पणी की थी, तो वहीं दूसरा महिलाओं पर लाठीचार्ज कराया था। पटना विधानसभा के बाहर कल वो हुआ,जिसके बाद हर कोई ये सोचने पर मजबूर हो गया की क्या सच में यहां शासन का राज है या जगंल राज है। जिस तरीके से महिलाओं को घसीटा गया, उन पर पानी की बौछारें की गई वो बेहद की शर्मनाक है।

दरअसल आपको बता दें कि कल पटना विधानसभा के बाहर महिलाओं पर लाठीचार्ज किया गया, लंबी लंबी पानी की बौछारें की गई। महिलाओं को सड़कों पर घसीटा गया। कारण  चाहे जो भी हो, लेकिन क्या इस तरीके से महिलाओं के साथ व्यहार करना पुलिस को शोभा देता है। कितने दुर्भाग्य की बात है ना की जहां हर राज नेताआज महिला सशक्तिकरण की बात करते थकते नहीं है। जहां महिलाओं को आगे की बढ़ाने की बात करते है।उस देश में इस तरह से महिलाओं के साथ अत्याचार करना भला क्या दर्शाता है।अब जरा ये भी जान लीजिए की ये बर्बता की कहानी कहा की है। ये मामला दरअसल बिहार का है, जी हां बिहार का…जहां पर सुशासन बाबू का राज है। बिहार के सुशासन बाबू यूं तो अपनी सरकार के विकास कार्यों और जनता की सेवा को लेकर मीडिया के सामने बड़ी बड़ी बाते करते हैं।लेकिन वो कहते है ना साहब की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क होता है।आप खुदी देख लीजिए। जो नीतीश सरकार हमेशा कहती है की बिहार विकास की राह पर है। बिहार में इतना विकास हो रहा है..जितना कहीं नहीं हो रहा है। शायद यहीं विकास है इतना विकास हो गया है की विकास सड़कों पर आ गया है।

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इस समय बिहार में विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। जहां सत्र के दूसरे दिन कार्यवाही शुरु होने से पहले ही हंगामा मच गया। विधान मंडल का घेराव करने बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सहायिका पहुंच गई। जिन्हें हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इतना ही नहीं पुलिस भीड़ को भगाने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार करते भी नजर आई। पुलिस वाले आंगनबाड़ी सेविकाओं को जबरन सड़क पर घसीटते हुए नजर आए। वहीं पुलिस के इस रवाइए के बाद आंगनबाड़ी कर्मियों का आक्रोश और बढ़ गया।

रिपोर्ट्स की माने तो, विरोध प्रदर्शन के बीच एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बेहोश हो गई लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने पानी की बौछारों का इस्तेमाल बंद नहीं किया।पुलिस प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए इस कदर आतुर दिखी मानो…वो प्रदर्शनकारी नहीं घुसपैठिए। दरअसल विरोध प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कर्मियों का कहना है कि बिहार सरकार जब तक हमारी मांगे नहीं मानती है तब तक हम धरना देते रहेंगे। जानकारी के मुताबिक आंगनबाड़ी सेविकाएं बिहार सरकार से अपना मानदेय बढ़ाने और सरकारी कर्मी का दर्जा देने की मांग कई दिनों से कर रहीं है। कर्मियों ने कहा है कि सरकार से हमारी पांच मांग है, जिसमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने और मानदेय बढ़ाना प्रमुख है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हमे ग्रेच्युटी का लाभ देने और सरकारी कर्मी का दर्जा देने का निर्देश दिया है। लेकिन बिहार सरकार इसका लाभ नहीं दे रही है।

पटना में बिहार सरकार के खिलाफ आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन पर RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को सरकार के सामने अपनी मांग रखने का अधिकार है और सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान भी देना चाहिए। बिहार विधानसभा के बाहर हुए इस बवाल के बाद सियासत भी जमकर हुई। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हाथों में पोस्टर लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, बता दें कि इसमें बीजेपी के कई बड़े नेता भी शामिल रहे।

ये लोकतंत्र है, यहां अपनी मांगों को लेकर सभी को अधिकार है की वो सरकार तक अपनी बात पहुंचाएं। चाहे वो भूख हड़ताल के माध्यम से हो या शांति पूर्वक प्रदर्शन के माध्यम से।बदले में सरकार को यहां सकारात्मक होना चाहिए। क्यों आप सत्ता में बैठे भी हैं तो सिर्फ इस जनता की वजह से, अगर आप इन्हीं की नहीं सुनोंगे..तो फिर.।ये कहां जाएं पटना की सड़कों में जो हुआ वो बेहद ही शर्मनाक है।

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