Yes Bank Layoff: बैंकों में हर कोई काम करना चाहता है क्योंकि वह सबसे आराम का काम माना जाता है। इसी बीच यैस बैंक से एक खबर सामने आई है जिसे सुन कर आप सब हैरान हो जाएंगे। प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक (Yes Bank) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। जिसमें बताया जा रहा है कि इस बैंक ने बहुत बड़ी छंटनी की है और एक साथ 500 से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया हैं।
इसी के साथ आने वाले दिनों में इस बैंक से और लोगों की छंटनी होने की संभावना जताई जा रही है। Yes Bank की ओर से हुई इस बड़ी छंटनी के पीछे कॉस्ट कटिंग की वजह बताई जा रही है और इसी के साथ तमाम अन्य कारण भी बताए गए हैं जिसे लेकर बैंक ने लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया है। आइए जानते हैं कि आखिर अचानक से यस बैंक ने यह फैसला क्यों लिया है। बता दें कि एक समय था जब भारत के बैंकिंग सेक्टर में Yes Bank का नाम सबसे ऊंचा था और एक वक्त पर इसके शेयर का प्राइस 1400 रुपये पहुंचा था। लेकिन आज यस बैंक अर्श से फर्श पर आ चुका है हालांकि कही ना कही Layoff का वजह यह भी हो सकता है।
आजकल हर कंपनी digital की ओर रुख कर रही हैं जिस वजह से कंपनियां लोगों को निकाल रही हैं। वहीं Yes Bank ने 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है यह सुनकर आप सब को झटका लगेगा लेकिन सच यह सच है। जिन 500 कर्मचारियों को निकाला गया है उनको 3 महीने की वेतन के बराबर राशि भी दी गई है। वहीं बिजनेस टुडे ने एक रिपोर्ट छपी है जिसमें कहा गया है कि आने वाले जुलाई महीने में छंटनी का अगला दौर शुरु होने वाला है और साथ ही Yes Bank के साथ कई और बैंक को नाम शामिल हैं।
बैंक ने Layoff का बताया कारण
एक रिपोर्ट की मानें तो यस बैंक में जो छंटनी की गई है वह Yes Bank के रिस्ट्रक्चरिंग प्रोसेस के तहत की गई है। आप सोच रहे होंगे कि आखीर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोसेस क्या है ? तो बता दें कि रिस्ट्रक्चरिंग प्रक्रिया सरल भाषा में समझे तो यह ऋणों पर ब्याज दर को कम करना और देनदारियों का भुगतान के तिथि को आगे बढ़ाना है। ये कदम किसी कंपनी के लिए उनकी देनदारियों का पुनर्भुगतान करने के लिए किया जाता है।
Yes Bank पर लगा था फाइन
वहीं निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है था कि 2017 से ही यस बैंक पर RBI की लगातार नजर बनी हुई हैं।साथ ही कहा कि मार्च 2019 में बैंक पर 1 करोड़ रुपये का फाइन भी लगाया गया था और सितंबर 2019 के बाद से ही SEBI इस मामले की गहन जांच कर रही हैं।
यस बैंक की शुरुआत 2004 में शुरू हुई थी। इसे राणा कपूर और अशोक कपूर ने रैबो बैंक के साथ मिलकर शुरू किया था। यस बैंक के शुरू होने के 4 साल बाद प्रमोटर फैमिली में कुछ गलत होना शुरू हो गया था और नतीजा ये रहा कि बैंक के कारोबार पर इसका गलत असर दिखने लगा था। मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले में अशोक कपूर की मौत के बाद इस बैंक का हाल और खराब हो गया।