Latest News Electric Air Taxi: देश के कई शहरों में जल्द ही एयर टैक्सियों की शुरुआत हो सकती है। इसके लिए देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने एक अमेरिकी बिजनेस के साथ समझौता किया है। एयर टैक्सी की शुरुआत दिल्ली से गुरुग्राम के बीच होने की संभावना है। जानिए कितना होगा इसका किराया…
दिल्ली (delhi) से गुरुग्राम (gurugram) जाने के लिए अब आपको ट्रैफिक में नहीं फंसना होगा। इन 2 शहरों के बीच 2026 में एयर टैक्सी (airtaxis) शुरू की जा सकती है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (airline indigo) की पेरेंट कंपनी ने इसके लिए अमेरिका की एक फर्म के साथ हाथ मिलाया है। अमेरिका (America) की इस कंपनी को एयरक्राफ्ट (aircraft) बनाने वाली कंपनी बोइंग का सपोर्ट हासिल है। यह कंपनी पांच-सीटर विमान बनाती है। कैलिफोर्निया की इस कंपनी का नाम आर्चर (Archer) है और इसके टैक्सी-कम-प्लेन को e-VTOL कहा जाता है। यह इलेक्ट्रिकल वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग का संक्षिप्त रूप है। इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज और आर्चर ने दिल्ली और गुड़गांव, बेंगलुरु शहर और उसके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (international airport) तथा मुंबई में बांद्रा और कोलाबा के बीच एयर टैक्सी सेवा शुरू करने की योजना की घोषणा की है।
अगर देखे जाए तो , यह महँगा होगा, लेकिन ज्यादा महँगा नहीं। एयर टैक्सी मे सफर करने से समय की बचत होगी. सोमवार की सुबह, कल्पना कीजिए कि आप दस मिनट से भी कम समय में कनॉट प्लेस से गुरुग्राम पहुँच रहे हैं। आर्चर के भारतीय मूल के सीसीओ निखिल गोयल ने बताया कि इस सेवा का इस्तेमाल करने पर प्रति यात्री लागत उबर की तुलना में थोड़ी अधिक होगी। उदाहरण के लिए, दिल्ली-गुरुग्राम के लिए उबर से 1,500-2,000 रुपये का खर्च आता है। एयर टैक्सी में प्रति यात्री लागत इससे 1.5 गुना या 2,000-3,000 रुपये तक होगी। उबर और अन्य टैक्सी एग्रीगेटर्स के किराये डायनैमिक हैं और मांग पर निर्भर करते हैं। अगर आप व्यस्त समय में यात्रा नहीं कर रहे हैं तो गुड़गांव-दिल्ली का किराया 1,000 रुपये से कम भी हो सकता है।
मिडनाइट मॉडल
ई-वीटीओएल अपनी एयर टैक्सी के लिए, इंटरग्लोब ने आर्चर के 12-रोटर ‘मिडनाइट’ का उपयोग करने का विकल्प चुना है। इसमें चार यात्री और एक पायलट बैठ सकते हैं. इसके अतिरिक्त, यह कुछ वस्तुओं को धारण कर सकता है। आर्चर के निवेशकों में से एक, अमेरिकी एयरलाइन यूनाइटेड ने भी इसी अवधारणा को चुना है। व्यवसाय ने 2019 के लिए दो लॉन्च रणनीतियों का चयन किया है। उनमें से एक ओ’हेयर से शिकागो के सिटी सेंटर तक यात्रा करती है, जबकि दूसरी नेवार्क में एयरलाइन के केंद्र से डाउनटाउन मैनहट्टन तक यात्रा करती है। यूएई भी अबू धाबी और दुबई के बीच यात्रा के लिए इसी मॉडल को चुनने की योजना बना रहा है।
अमेरिका में ऐसी सर्विसेज को ऑपरेट करने के लिए फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन की मंजूरी की जरूरत होती है। यह भारत में डीजीसीए की तरह संस्था है। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने अब तक इसे मंजूरी नहीं दी है लेकिन आर्चर को इसी साल मंजूरी मिलने की उम्मीद है। एक बार जब यह अमेरिका में इसने उड़ान शुरू की तो इसका अगला डेस्टिनेशन भारत और यूएई होगा। हालांकि यह सब सरकारी मंजूरी पर निर्भर होगा। कमर्शियल लॉन्च से पहले डीजीसीए की अनुमति से देश में इसकी ट्रायल फ्लाइट्स ऑपरेट की जाएंगी।