नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज से शुरु होने वाले ससंद के मानसून सत्र में सांसदों को सदन की गरिमा रखते हुए खुले मन से संवाद करें। वे जरुरत होने पर वाद-विवाद करने के साथ ही यदि आवश्यक हो तो सरकार की आलोचना भी करें, ताकि उत्तम प्रकार के बारीक विश्लेषण से सदन में नीति बनाने और निर्णय लेने उनका सकारात्मक योगदान हो। साथ ही राष्ट्रहित में संसद का सकारात्मक उपयोग किया जा सके।
पीएम मोदी सोमवार को यहां संसद के मानसून सत्र भाग लेने जाने और राष्ट्रपति पद चुनाव में मतदान करने से पूर्व मीडिया को संबोधन कर रहे थे। उन्होने कहा कि सदन में सबके सहयोग से ही लोकतंत्र की महत्ता बढायी जा सकती है। यहां सबको मिलकर देश की समस्याओं के बारे में गहन चिंतन, चर्चा किये जाने से ही उत्तम निर्णय लिये जा सकते हैं। पीएम ने अपील की कि सदन एक तीर्थ क्षेत्र है और यहां हम सबको राष्ट्रहित में सार्थक व सकात्मक सोच के साथ सदन की गरिमा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना चाहिए।
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प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर तंज भरे अंदाज में कहा कि दिल्ली में मानसून आ चुका है और बारिश होने से गर्मी कम हुई है, लेकिन मानसून सत्र में पता चलेगा कि गर्मी कम हुई है या फिर अभी भी पहले जैसी स्थिति बनी हुई है। उन्होने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति चुनाव में सब देश की आजादी के लिए मुश्किलें झेलने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और शहीदों के बलिदान को ध्यान में रखते हुए सदन से समय का राष्ट्रहित में सदुपयोग करने में सहयोग करेंगे।