नोएडा: नोएडा पुलिस ने डिजिटल रेप के आरोप में एक 81 वर्षीय बुर्जुग को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी नाबालिग पीडिता को कई साल पहले घर में बेटी बनाकर लाया था और तब से वह उसके घर में रह रही थी। संभवतः नोएडा में डिजीटल रेप का यह पहला मामला है। आपको रेप और डिजिटल रेप के अंतर के बारे में बता दें कि यदि कोई व्यक्ति यौन उत्पीड़न के लिए अपने उंगलियों अंगूठों, पैरों का इस्तेमाल करता है तो यह कृत्य डिजिटल रेप की श्रेणी में आता है।
नोएडा पुलिस ने डिजीटल रेप के आरोप में 81 वर्षीय मौरिस राइडर नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह मूल रुप से प्रयागराज (उ.प्र.) का रहने वाला है, लेकिन विगत 22 वर्षों से नोएडा में रह रहा है। 17 वर्षीया पीड़िता मौरिस राइडर के साथ कई वर्षो से रह रही थी और वह लंबे समय से उसके साथ डिजिटल रेप कर रहा था। आरोप है कि मौरस उसे अश्लील वीडियो और ब्लू फिल्म दिखाकर उसके प्राईवेट पार्ट सहित शरीर के नाजुक अंगों से छूता और छेडछाड़ करता था।
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नोएडा पुलिस ने बताया कि डिजिटल रेप के आरोप में गिरफ्तार मौरिस राइडर पेशे से चित्रकार है। उसने वर्षों पहले हिन्दू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था। वह दो दशक पहले प्रयागराज से नोएडा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहने आया था। लेकिन कुछ महीने बाद ही दिल्ली की एक प्रदर्शनी में एक महिला से मुलाकात होने पर वह उसे अपने घर ले आया था और वह उसके साथ रहने लगी थी। इससे नाराज होकर उसकी पत्नी उसे छोड़कर वापस अपने गृह नगर इलाहाबाद (अब प्रयागराज) चली गयी थी।
पीडिता को भी चित्रकार मौरिस राइडर कई साल से अपने घर में बेटी बनाकर रखे हुए था और वही उसे लिखाई-पढाई की जिम्मेदारी निभा रहा था। लेकिन संरक्षक की आड़ में वह उसका यौन शोषण भी कर रहा था। पुलिस आरोपी के बारे में अन्य जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है।