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Operation Lotus: आखिर कांग्रेस के नेता लगातार बीजेपी में क्यों जा रहे है?

Operation Lotus | Why are Congress leaders continuously joining BJP?

Operation Lotus: हालांकि दलबदलू नेताओं की इस देश में कोई कमी नहीं रही है। इसके साथ ही यह भी सच है कि दल बदल के बिना राजनीति संभव भी नहीं। राजनीति अगर किसी विचार के साथ नहीं की जाए और नेताओं (Leaders) में कोई विचारधारा नहीं बन पाए तो ऐसे लोग राजनीति में एक जगह ठहर नहीं पाते।

राजनीति ऐसे लोगों के लिए सत्ता सुख और पावर से ज्यादा कुछ भी नहीं। ऐसे नेताओं में हमेशा इस बात का डर बना रहता है कि अगर उनकी सत्ता चली गई या उनकी सरकार नहीं बनी तो आगे क्या होगा ? ऐसे में बहुत से लोग इस वजह से ही पार्टी बदलते हैं कि जहां जा रहे हैं वहां उनकी राजनीति चमक सकती है और सत्ता का सुख भी मिल सकता है।

जहां तक कांग्रेस (Congress) से निकलते लोगों की कहानी है तो इस बात को कहने में कोई संशय नहीं होना चाहिए कि आज की तारीख में कांग्रेस काफी कमजोर हो गई है। यह भी सच है कि कांग्रेस की जड़ आज भी मजबूत हैं लेकिन उस मजबूत जड़ में खाद और पानी डालने वालों की बहुत ही कमी है। लम्बे समय तक कांग्रेस में रहकर सत्ता और पावर को जीने वाले अधिकतर लोग अब कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। वे कहते हैं कि उनकी उपेक्षा की जा रही है।

उनके लिए अब कोई जगह नहीं है। लेकिन वे यह नहीं बताते कि वे अब कांग्रेस के लिए कर भी तो नहीं रहे हैं। उनकी चाहत यही रहती है कि पार्टी उन्हें ही आगे बढ़ाती रहे। उन्हें ही संगठन में काम मिलता रहे और उन्हें ही राज्य सभा में भेजा जाता रहे .और अगर धोखे से सरकार बन बी ही गई तो उन्हें या उनके परिजन को ही मंत्री वगैरह बनाया जाता रहे। और ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस बेकार है।

ऐसे नेताओं से पूछा जाना चाहिए कि वे पार्टी (Party) के लिए क्या त्याग कर रहे हैं ? पार्टी को मजबूत करने के लिए वे क्या कुछ कर रहे हैं ? उदहारण के लिए अभी हाल में अशोक चौहान ,मिलिंद देवड़ा वगैरह लोपज कांग्रेस से निकल गए। कांग्रेस ने इन लोगों को क्या -क्या नहीं दिया ? लेकिन वे नहीं माने चले गए। जाने वालों को कोई कैसे रोक सकता है। जो किसी डील के जरिए कही जा रहा हो व्क़ह कैसे रुक सकता है ?

कमलनाथ ही बीजेपी में जाने का नौटंकी कर रह रहे हैं। आखिर क्यों ? अभी हालिया मध्यप्रदेश चुनाव (Madhya Pradesh Election) में तो हार गए फिर किस बात की अकड़ दिखा रहे हैं ? वर्षो तक लोकसभा (Loksabha) ,राज्यसभा (Rajyasabha) का आननद उठा रहे ,मंत्री बने ,सीएम बने और संगठन में भी बड़े पदों पर रहे लेकिन सत्ता जाते ही बिलबिला गए। उन्हें अपने पुर का लोभ सताने लगा।

उनके भविष्य की के बारे में सोंचने लगे। भविष्य की चिंता होने लगी। ऐसे में साफ़ है कि लोभी नेता कभी भी एक जगह नहीं बैठ सकते। जिस नेता में कोई विचारधारा नहीं वह नेता कैसे बन सकता है ?जनता को भी ऐसे नेताओं को वोट नहीं देना चाहिए। जो एक पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी की राजनीति करने की बात कर रहे हों जाहिर है ऐसे नेता ठग ही हो होते हैं।

एक बात और है। अब किसी भी नेता में कोई विचार नहीं है। आज जो नेता बीजेपी के साथ ही दिख रहे हैं वे केवल सत्ता के लिए वहां बैठे हुए हैं। सत्ता जाते ही सभी कुछ बदलने लगते हैं। चुकी कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है इसलिए पुराने नेता जो हिन्दू (Hindu) होने की राजनीति (Politics) करते थे अब इस विचार के जरिये भी बीजेपी (BJP) के साथ जाते दिख रहे हैं।

इसके साथ ही बहियत से नेता जांच एजेंसियों (investigating agencies) के भय से भी बीजेपी के साथ जुड़ रहे हैं। सत्ता में रहते हुए बहुत से नेताओं ने जो गलत काम किया है अब बीजेपी सरकार (BJP Government) उसे इसी के जरिये अपने पाले में लाने में सफल भी हो रही है। बीजेपी के भीतर रहकर जो गलत काम कर रहे हैं वे सत्ता बदलते ही पाला बदल सकते हैं।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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Akhilesh Akhil

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