नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की पार्टी के नेताओं और मंत्रियों की ईमानदारी से जनता खुश है। देश की जनती केजरीवाल से पूछ रही है, कि ‘आप’ की ईमानदारी का सबूत आपके दल के दो भ्रष्ट मंत्रियों की गिरफ्तारी से मिल चुका है। इस मुद्दे पर केजरीवाल की बोलती बंद है। ‘आप’ नेताओं की असलियत सामने आने से उनका ईमानदार होने का दावा हवा हो गया है।
आम लोगों का कहना है कि हम और सबूत चाहते हैं, क्या ‘आप’ यानी आम आदमी पार्टी बतायेगी कि अब कहां की तैयारी है ? अब आपका कौन सा और कहां का ‘ईमानदार’ मंत्री भ्रष्टाचार में सलाखों के पीछे जाने वाला है। केजरीवाल की पार्टीं के नेताओं की करतूतों के उजागर होने से केजरीवाल कोई सफाई नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन वे इस बात को लेकर चिंतिंत हैं कि अब जनता के सामने अपनी पार्टी को सबसे ज्यादा ईमानदार कैसे बता सकेंगें।
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ईमानदारी का ढिंढोरा पीटते हुए सपना देख रहे थे कि दिल्ली और पंजाब के बाद दूसरे राज्यों में भी जनता बरगलाकर वहां अपनी पकड़ बना लेंगे। इसी रविवार को कुरुक्षेत्र में रैली करके हरियाणा को अपनी जन्मभूमि बताते हुए जनता को इमोशनल ब्लैकमेल करने की चाल चली थी, ताकि स्थानीय निकाय चुनाव में हरियाणा में ‘आप’ (यानी आम आदमी पार्टी) अपने पैर जमा सके, लेकिन एक सप्ताह के भीतर ही दो अलग-अलग राज्यों के उनकी पार्टीं के दो मंत्री भ्रष्टाचार में जेल के सलाखों के पीछे पहुंचने से केजरीवाल की बोली बंद हो गयी है।
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इस समय दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और मजेदार बात यह है कि दोनों ही राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री एक सप्ताह के अंदर गिरफ्तार हो चुके हैं। पिछले सप्ताह पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डा. विजय सिंगला को विभागीय ठेका देने पर कमीशनखोरी के आरोप में न केवल गिरफ्तार हुए थे, बल्कि उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त भी कर दिया गया था। अब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग (धन शोधन) मामले में गिरफ्तार किया गये हैं। उन पर पांच करोड़ रुपये की हेरा फेरी का आरोप है। ईडी ने 2018 में 7 बार समन जारी किया था, लेकिन उनके द्वारा अब तक कोई जबाव न मिलने दिये जाने पर उन्हें गिरफ्तार किया है।