नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल नाग पंचमी का त्योहार 2 अगस्त को पड़ रहा है. पौराणिक काल से ही सर्पों को देवता मानकर पूजा जाता रहा है, इसलिए इस दिन प्रमुखता के साथ नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस दिन विधि विधान से पूजा करने पर व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है. हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व बताया गया है.
इस दिन नाग की प्रतिमा पर दूध चढ़ाया जाता है. उनसे मंगलमयी जीवन की कामना की जाती है. नाग पंचमी 2 अगस्त दिन मंगलवार को है. सावन के मंगलवार मां मंगला गौरी का व्रत भी रखा जाता है. इस तरह मंगला गौरी व्रत और नाग पंचमी एकसाथ पड़ रही है. भगवान शिव, माता पार्वती और नाग देवता की पूजा एकसाथ की जाएगी. विधिवत पूजा का फल कई गुना बढ़कर मिलेगा.
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नाग पंचमी का शुभ मुहुर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक 2 अगस्त को सुबह 05:14 से पंचमी तिथि प्रारंभ होगी जो कि 3 अगस्त को सुबह 05:42 तक रहेगी. मुहूर्त की अवधि 02 घंटे 41 मिनट तक रहेगी. पूजा मुहूर्त 2 अगस्त 2022 को सुबह 5:42 AM से 8:24 सुबह तक रहेगी. नाग पंचमी की शुभ मुहूर्त अवधि 02 घण्टे 41 मिनट तक होगा.
जानें पूजा की सही विधि
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने के लिए नाग देवता की प्रतिमा रखें. इसके साथ शिव जी व माता पार्वती की प्रतिमा और श्रृंगार की सामग्री रखें. देवी देवताओं को चढ़ाने के लिए बेलपत्र, धतूरा, भांग व बेलपत्र रखें. गाय के कच्चे दूध से सभी देवी देवताओं का जलाभिषेक करें. देवी देवताओं को पंच फल व पंचमेवा फल अर्पित करें. इसके साथ ही इस मंत्र का जाप करें – ‘ऊं भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्.
नागपंचमी का महत्व
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विधि विधान से पूजा करने से व्यक्ति सभी कष्टों से मुक्ति पाता है. इसके अलावा व्यक्ति को कालसर्प दोष से भी छुटकारा मिलता है.
नाग पंचमी पर शुभ योग
इस साल नाग पंचमी पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं. 2 अगस्त को नाग पंचमी शिव योग और सिद्धि योग में मनाई जाएगी. इस दिन शाम 06 बजकर 38 मिनट तक शिव योग रहेगा. इसके बाद सिद्धि योग शुरू होगा. इन मुहूर्तों में भगवान शिव और नाग देवता की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है.