ट्रेंडिंगन्यूज़

आखिर कांग्रेस ने क्यों भेजा 21 दलों को आमंत्रण?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी एकता के लिए बुधवार को 21 विपक्षी दलों के अपने समकक्षों को 30 जनवरी को श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्रा के समापन दिवस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। ये दल हैं – तृणमूल कांग्रेस, जनता दल-युनाइटेड, शिवसेना-यूबीटी, तेलुगू देशम पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस (फारूक और उमर अब्दुल्ला दोनों को आमंत्रित किया गया), समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, द्रमुक, भाकपा, माकपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राजद (लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव दोनों), रालोद, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, एमडीएमके, वीसीके, आईयूएमएल, केएसएम और आरएसपी। 

           खड़गे का यह पत्र जैसे ही जारी हुआ देश की राजनीति गर्म हो गई। विपक्षी एकता की सम्भावना फिर से परवान चढ़ गई। लेकिन क्या यह सब इतना आसान है ? कांग्रेस की जो अभी हालत है उसमे एक नयी बात यही है कि जमींदोज हो चुकी कांग्रेस को भरता जोड़ो यात्रा से जीवन दान तो मिल  गया है। पार्टी में उमंग है और कांग्रेस समर्थकों में नया तेवर। लेकिन चुनावी राजनीति में अभी कांग्रेस मोदी के सामने कहाँ खड़ी है इसे कहने की कोई जरूरत नहीं। यह बात और है कि पिछले चुनाव में हिमाचल में जीत हाशिल कर कांग्रेस ने अपनी लाज तो बचा ली है लेकिन आगामी विधान सभा चुनाव में उसकी सबसे बड़ी चुनौती राजस्थान ,छतीसगढ़ में बने रहने की है। और सबसे अहम् बात कि अगर वह कर्नाटक के चुनाव में जीत हाशिल है तो दक्षिण का किला भी खत्म हो जाएगा। फिर लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ मुठभेड़ करने की ताकत उसके पास नहीं होगी। कांग्रेस एक तरफ भारत जोड़ो यात्रा के जरिये लोगों से जुड़ रही है तो दूसरी तरफ पार्टी के भीतर विपक्षी एकता को लेकर भी मंथन जारी है। भारत जोड़ो यात्रा राहुल गाँधी को मजबूत तो बना रही है लेकिन बीजेपी के खिलाफ एकता बनाने की जिम्मेदारी अब सोनिया और खड़गे के ऊपर है। कांग्रेस जानती है कि उसकी सच्चाई क्या है। विपक्ष की एकता के वगैर वह अभी कुछ करने की स्थिति में नहीं है। लेकिन बीजेपी की तरह  दल कांग्रेस के खिलाफ खड़े हैं तो खड़गे और सोनिया की यहाँ जरूरत दिख रही है।    कहा गया है कि अंत भला तो सब भला। खड़गे यही चाहते हैं कि जिस तरह से भारत जोड़ो यात्रा को समर्थन मिला है वही समर्थन विपक्ष को भी मिले। कांग्रेस पार्टी नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इस दौर में विकट संकट का सामना कर रही है। हालात ये हैं कि एक-एक राज्यों में सीमित सियासी दल भी उसे आंखें दिखा रहे हैं। टीएमसी की अध्यक्ष ममता बनर्जी, बीआरएस के अध्यक्ष केसीआर, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आप  के मुखिया अरविंद केजरीवाल कई मौकों पर खुद को राहुल गांधी से बड़े कद का नेता साबित करने के प्रयास कर चुके हैं।

Read: Congress News: Latest Congress News and Updates at News Watch India!

ऐसे में कांग्रेस पार्टी लगातार यह साबित करने करना चाहती है कि उसके साथ सबसे ज्यादा दल एकजुट हो सकते हैं और उसके साथ ही छोटी पार्टियां सुरक्षित हैं। अगर भारत जोड़ो यात्रा के समापन में कांग्रेस पार्टी विपक्षी दलों का बड़ मजमा जुटाने में सफल रहती है तो काफी हद तक ऐसी संभावनाएं है कि वो बड़े राज्यों में बड़ा जनाधार भाजपा विरोधी दलों को भी आने वाले दिनों में साधने में सफल रहेगी।

        मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र में कहा, “यात्रा की शुरुआत से ही हमने हर समान विचारधारा वाले भारतीयों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। राहुल गांधी के आमंत्रण पर विभिन्न चरणों में कई राजनीतिक दलों के सांसद भी यात्रा में शामिल हुए हैं। मैं अब आपको व्यक्तिगत रूप से 30 जनवरी को दोपहर में श्रीनगर में आयोजित होने वाली भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं। यह समारोह महात्मा गांधी की स्मृति को समर्पित है, जिन्होंने इस दिन नफरत और हिंसा की विचारधारा के खिलाफ अपने अथक संघर्ष में अपना जीवन बलिदान कर दिया था।”

      उन्होंने कहा, “इस समय जब संसद और मीडिया में विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है, भारत जोड़ो यात्रा लाखों लोगों को जोड़ रही है। हमने अपने देश को प्रभावित करने वाले गंभीर मुद्दों – महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक विभाजन, लोकतांत्रिक संस्थानों के कमजोर होने और हमारी सीमाओं पर खतरे पर चर्चा की है।”

        मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में समाज के हर वर्ग से लोग शामिल हो रहे हैं और अपनी समस्याएं बता रहे हैं। इन लोगों में युवा, महिला, बुजर्ग, किसान, लेबर, छोटे व्यापारी, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक शामिल हैं। लोगों से सीधा संवाद भारत जोड़ो यात्रा की प्रमुख विशेषता रही है।

      और भी बहुत सी बातें खड़गे ने पत्र में रखी है। लेकिन असली सवाल ये है कि क्या विपक्ष एक जुट हो पायेगा ? अहम् बात तो ये है कि 30 तारीख के नाम पर सभी दल  भारत जोड़ो यात्रा के समापन में पहुँच भी गए तो आगे की राजनीति एकता वाली होगी ,बीजेपी के खिलाफ होगी ,कहना मुश्किल है।

political news
Neetu Pandey

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button