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Ramnagar Municipality increases house tax : रामनगर नगर पालिका द्वारा हाउस टैक्स में 10% वृद्धि, जनता में आक्रोश

रामनगर नगर पालिका ने हाउस टैक्स में 10% की वृद्धि कर दी है, लेकिन जनता इसे मानने को तैयार नहीं। हर 5 साल में सर्वे के बाद यह टैक्स बढ़ाया जाता है, लेकिन इस बार लोगों का कहना है कि बिना सर्वे ही बढ़ोतरी कर दी गई है, और यही कारण उनके विरोध की मुख्य वजह बन गया है।

Ramnagar Municipality increases house tax : रामनगर: नगर पालिका प्रशासन द्वारा हाल ही में हाउस टैक्स में 10% की वृद्धि की गई है, जिससे नगर क्षेत्र के लोगों में भारी असंतोष और आक्रोश व्याप्त है। इस कर वृद्धि के विरोध में स्थानीय निवासियों ने नगर पालिका प्रशासन से इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि यह वृद्धि बिना किसी सर्वेक्षण के की गई है, जो जनता के हितों के खिलाफ है।

बढ़े हाउस टैक्स का विरोध:


स्थानीय निवासियों का आरोप है कि नगर पालिका प्रशासन हर पांच वर्ष में एक सर्वेक्षण कराकर भवन कर में 10% की वृद्धि करता है, लेकिन इस बार बिना किसी सर्वे के कर में वृद्धि कर दी गई है। लोगों का कहना है कि यह वृद्धि मनमानी है और प्रशासन जनता को आर्थिक बोझ तले दबाने की कोशिश कर रहा है। उनका कहना है कि यह कदम पूरी तरह से जनविरोधी है और वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

कई लोगों ने यह भी बताया कि पांच वर्ष पहले जिन भवनों में किरायेदार रहते थे, अब वे खाली हैं। ऐसे में किराएदार न होने के बावजूद भवन स्वामियों को बढ़ा हुआ कर चुकाना होगा, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। विरोध कर रहे लोगों ने नगर पालिका प्रशासन से मांग की है कि इस वृद्धि को तत्काल वापस लिया जाए और भविष्य में कोई भी वृद्धि सर्वेक्षण के बाद ही की जाए।

10% increase in house tax by Ramnagar Nagar Palika, public outrage.

नगर पालिका की सफाई:


इस मुद्दे पर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल ने कहा कि हाउस टैक्स में यह वृद्धि सरकार के निर्देशों के अनुसार की गई है। उन्होंने बताया कि नगर पालिका अधिनियम में प्रावधान है कि प्रत्येक पांच वर्ष में भवन कर में 10% की वृद्धि की जाए। इसके साथ ही, सरकार ने भी नगर पालिकाओं को कर वृद्धि के आदेश दिए हैं। यदि नगर पालिकाएं यह वृद्धि नहीं करती हैं, तो उन्हें सरकारी बजट से वंचित कर दिया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि टैक्स वृद्धि न करने पर राज्य सरकार ने पहले ही 14 नगर निकायों के खिलाफ कार्रवाई की है और उनके विकास कार्यों के बजट पर रोक लगा दी है। इसलिए, रामनगर नगर पालिका के पास कर वृद्धि लागू करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।

आपत्तियों का समाधान करने का आश्वासन:


अधिशासी अधिकारी ने जनता को आश्वासन दिया है कि यदि किसी को इस कर वृद्धि से कोई आपत्ति है, तो वह अपनी शिकायत नगर पालिका में लिखित रूप में दर्ज करा सकता है। प्रशासन द्वारा सर्वेक्षण कराकर उनकी शिकायतों का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सर्किल रेट के आधार पर हाउस टैक्स वसूली की जाएगी और इसके लिए शासन द्वारा नियमावली तैयार की जा रही है।

जनता की मांग और भविष्य की राह:


प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कर वृद्धि को लागू करने से पहले जनता से राय-मशविरा किया जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नगर पालिका प्रशासन ने इस निर्णय में पारदर्शिता नहीं बरती है और यह कदम गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने वाला है। विरोध कर रहे लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि नगर पालिका प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो वे बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे।

रामनगर में यह हाउस टैक्स विवाद धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है और प्रशासन के लिए इसे हल करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। अब देखना होगा कि नगर पालिका प्रशासन जनता की शिकायतों का समाधान कैसे करता है और क्या यह कर वृद्धि वापस ली जाती है या नहीं।

Mansi Negi

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