MINOR MARRIAGE IN PITHORAGARH: 14 वर्षीय नाबालिग ने रोका बाल विवाह, पुलिस को दी सूचना, परिजनों को समझाया गया कानून
MINOR MARRIAGE IN PITHORAGARH: पिथौरागढ़ में एक 14 वर्षीय नाबालिग की शादी उसके परिजनों ने तय कर दी थी। किशोरी ने जागरूकता दिखाते हुए तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने स्कूल पहुंचकर छात्रा और उसके परिजनों की काउंसलिंग की और बाल विवाह कानून की जानकारी दी। परिजनों ने 18 वर्ष की उम्र के बाद शादी का आश्वासन दिया। मामला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को भेजा गया है।
MINOR MARRIAGE IN PITHORAGARH: सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में बाल विवाह की एक गंभीर घटना उस समय सामने आई, जब एक 14 वर्षीय नाबालिग किशोरी ने साहसिक कदम उठाते हुए अपनी शादी के निर्णय के खिलाफ पुलिस को सूचित किया। यह घटना पिथौरागढ़ के जाजरदेवल थाना क्षेत्र की है, जहां छात्रा ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए पहल करते हुए बाल विवाह को रोका।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही किशोरी को पता चला कि उसके परिजन उसकी शादी तय कर रहे हैं, उसने तुरंत जाजरदेवल पुलिस को इसकी जानकारी दी। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम स्कूल पहुंची और पूरे मामले की पड़ताल की। शिक्षकों और अन्य स्टाफ की उपस्थिति में पुलिस ने छात्रा की काउंसलिंग की और उससे स्थिति की जानकारी ली।
इसके बाद, पुलिस टीम ने किशोरी के घर पहुंचकर उसके परिजनों से बातचीत की। परिजनों को बाल विवाह के खतरे और इसके कानूनी पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया गया।
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परिजनों ने कानून की अनभिज्ञता जताई
काउंसलिंग के दौरान परिजनों ने स्वीकार किया कि उन्हें बाल विवाह के कानून और इसके दुष्परिणामों के बारे में जानकारी नहीं थी। पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें समझाया कि बाल विवाह न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि इससे बच्चों का भविष्य भी प्रभावित होता है। इसके बाद परिजनों ने आश्वासन दिया कि वे अपनी बेटी की शादी तभी करेंगे, जब वह 18 वर्ष की आयु पूरी कर लेगी।
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को भेजी गई रिपोर्ट
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) को पूरी रिपोर्ट भेज दी है। सीडब्ल्यूसी अब इस मामले में आवश्यक कदम उठाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि बालिका को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
एसपी ने की जागरूकता बढ़ाने की अपील
पिथौरागढ़ की एसपी रेखा यादव ने इस घटना को समाज के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बताते हुए कहा कि ऐसे मामलों में लोगों को जागरूक होना बेहद जरूरी है। उन्होंने अपील की कि यदि किसी को बाल विवाह या बाल अधिकारों के हनन की जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इससे न केवल बच्चों के अधिकारों की रक्षा की जा सकेगी, बल्कि समाज में जागरूकता भी बढ़ेगी।
बाल विवाह रोकने की दिशा में पुलिस की भूमिका
यह घटना पिथौरागढ़ में पुलिस और सामाजिक संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे जन जागरूकता अभियान की सफलता का उदाहरण है। हालांकि, इसके बावजूद भी बाल विवाह की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना कितना आवश्यक है।
बाल विवाह के खतरे और कानून
बाल विवाह कानून (प्रोहिबिशन ऑफ चाइल्ड मैरिज एक्ट, 2006) के अनुसार, 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के की शादी गैरकानूनी है। बाल विवाह बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और उनके शिक्षा तथा भविष्य के अवसरों को बाधित करता है।
नाबालिग किशोरी बनी प्रेरणा
14 वर्षीय छात्रा का यह साहसिक कदम न केवल पिथौरागढ़, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा है। इस घटना ने यह संदेश दिया है कि बच्चे, यदि सही समय पर कदम उठाएं और अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें, तो वे अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं।
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि समाज को जागरूक करना और बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति शिक्षित करना ही बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका है।
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