दिल्ली के करोल बाग के बापा नगर में मंगलवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब एक पुरानी चार मंजिला इमारत अचानक भरभराकर जमीन पर गिर पड़ी। सुबह के 9:11 बजे का समय था, जब इस हादसे ने इलाके में सनसनी फैला दी। इमारत का एक बड़ा हिस्सा अचानक ढह गया, जिससे चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली फायर विभाग ने तेजी से प्रतिक्रिया दी और पांच दमकल गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। राहत कार्यों की शुरुआत होते ही मलबे से एक के बाद एक 12 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, लेकिन इस हादसे में एक व्यक्ति की दुखद मौत की भी पुष्टि हो चुकी है।
राहत कार्य जारी, 15 लोग बचाए गए
मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों और स्थानीय लोगों की मदद से 15 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। मलबे के नीचे अब भी कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है, और राहत कार्य तेजी से जारी है। दिल्ली फायर सेवा के अफसरों के मुताबिक, घटनास्थल पर मलबे को हटाने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। इलाके में डर और चिंता का माहौल है, क्योंकि इमारत के गिरने से आसपास के लोग दहशत में हैं।
हादसे का कारण और जांच के आदेश
करोल बाग के बापा नगर स्थित अंबेडकर गली हिल मार्केट में एक पुरानी और जर्जर इमारत, जो मात्र 25 वर्ग गज के क्षेत्र में बनी थी, अचानक ढह गई और पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। यह इमारत वर्षों से खड़ी थी, लेकिन कमजोर संरचना और उम्र के साथ इसकी नींव भी हिल चुकी थी। आखिरकार, कमजोर दीवारें और ढांचे ने मंगलवार की सुबह अपना दम तोड़ दिया। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने इस घटना को बेहद दुखद बताया और जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि इस हादसे के पीछे के कारणों का जल्द से जल्द पता लगाया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जाए और घायलों का तुरंत इलाज कराया जाए।
सीएम आतिशी की प्रतिक्रिया
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और एमसीडी मेयर शैली ओबेरॉय से इस मामले पर बातचीत की है। उन्होंने निर्देश दिया कि दिल्ली में निर्माणाधीन या पुरानी इमारतों की सुरक्षा जांच की जाए ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को टाला जा सके। मुख्यमंत्री ने दिल्लीवासियों से अपील की कि अगर किसी भी निर्माण या पुरानी इमारतों में कोई खतरे की आशंका हो, तो तुरंत प्रशासन और निगम को सूचित करें ताकि समय रहते उचित कार्रवाई की जा सके।
मलबे में दबे और लोगों की आशंका
दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस घटना में अब तक एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है, जबकि 12 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। राहत कार्य में जुटी टीमें मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका को ध्यान में रखते हुए तेजी से काम कर रही हैं। दमकल विभाग और स्थानीय प्रशासन की ओर से मलबे को हटाने के लिए सभी जरूरी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन इस घटना की जांच में लगे हुए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि और कोई व्यक्ति मलबे में फंसा न हो।
पुरानी इमारतें बनीं खतरा
दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में पुरानी और जर्जर इमारतें समय-समय पर खतरा पैदा करती रहती हैं। करोल बाग जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर इस तरह की घटनाएं लोगों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि शहर में पुरानी इमारतों की स्थिति की जांच कितनी जरूरी है।
जांच और भविष्य की कार्रवाई
इस घटना के बाद दिल्ली सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस हादसे के पीछे के कारणों की गहन जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री आतिशी ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वह इस हादसे के कारणों का पता लगाएं और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही, एमसीडी को भी इस मामले में शामिल किया गया है ।
फिलहाल, करोल बाग में घटना स्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है, और मलबे से लोगों को निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है। हादसे के बाद से इलाके में भय और चिंता का माहौल है, और स्थानीय लोग इस हादसे के बाद से सतर्क हो गए हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द से जल्द मलबे से बचे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा, और हादसे के कारणों का पता लगाया जाएगा।
इस घटना ने दिल्लीवासियों के बीच पुरानी और कमजोर इमारतों को लेकर एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है। सरकार और प्रशासन को अब इस दिशा में तेजी से कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदियों को रोका जा सके।