World Cancer Day 2025: बच्चों में होने वाले 8 सबसे आम कैंसर, लक्षण, कारण और इलाज
World Cancer Day 2025: इस साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे 2025 मनाया जाएगा। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो न केवल वयस्कों बल्कि बच्चों को भी प्रभावित कर सकती है। बच्चों में भी कई तरह के कैंसर देखे जाते हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। बच्चों में होने वाले सबसे आम कैंसर कौन-कौन से हैं, उनके लक्षण क्या होते हैं, और किन कारणों से ये विकसित हो सकते हैं—इन सवालों के जवाब पाने के लिए हमने एक विशेषज्ञ डॉक्टर से बातचीत की। आइए जानते हैं, उन्होंने इस बारे में क्या जानकारी दी।
World Cancer Day 2025: हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसके इलाज में हो रही प्रगति को सामने लाना है। कैंसर दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले रहा है, और चिंता की बात यह है कि यह बीमारी न केवल वयस्कों बल्कि छोटे बच्चों को भी प्रभावित कर रही है।
बच्चों में होने वाले कुछ प्रकार के कैंसर काफी सामान्य हैं। इनमें ल्यूकेमिया, ब्रेन ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा, विल्म्स ट्यूमर, लिम्फोमा, रैबडोमायोसारकोमा, हड्डी का कैंसर और रेटिनोब्लास्टोमा शामिल हैं। इन बीमारियों के लक्षण, कारण और उपलब्ध इलाज को समझना बहुत जरूरी है, ताकि समय रहते सही निदान किया जा सके और बच्चों की जान बचाई जा सके।
बच्चों में होने वाले 8 सबसे आम कैंसर
विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में कुछ कैंसर अधिक देखने को मिलते हैं। आइए, जानते हैं इनके बारे में विस्तार से—
- ल्यूकेमिया (Leukemia)
ल्यूकेमिया बच्चों में सबसे आम कैंसर है, जो रक्त और बोन मैरो (अस्थि मज्जा) को प्रभावित करता है। यह कैंसर दो प्रकार का होता है—
एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL)
एक्यूट मायलॉयड ल्यूकेमिया (AML)
लक्षण:
बिना कारण बार-बार बुखार आना
कमजोरी और थकान
त्वचा का पीला पड़ना
असामान्य रक्तस्राव या चोट के निशान
हड्डियों और जोड़ों में दर्द
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- ब्रेन और सेंट्रल नर्वस सिस्टम (CNS) ट्यूमर
ब्रेन ट्यूमर भी बच्चों में एक आम कैंसर है। इसमें मेडुलोब्लास्टोमा और ग्लिओमा जैसे ट्यूमर शामिल हैं, जो मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करते हैं।
लक्षण:
लगातार सिरदर्द
सुबह के समय उल्टी आना
दृष्टि में समस्या
संतुलन बनाने में परेशानी
- न्यूरोब्लास्टोमा (Neuroblastoma)
यह कैंसर स्नायु कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) में शुरू होता है और आमतौर पर एड्रेनल ग्रंथि में पाया जाता है। यह छोटे बच्चों में अधिक देखा जाता है।
लक्षण:
शरीर में गांठ या सूजन
पेट दर्द और सूजन
त्वचा पर नीले-नीले धब्बे
कमजोरी और थकान
- विल्म्स ट्यूमर (Wilms Tumor)
यह कैंसर किडनी में होता है और आमतौर पर 3 से 4 साल के छोटे बच्चों को प्रभावित करता है।
लक्षण:
पेट में सूजन या गांठ
पेट में दर्द
भूख न लगना
वजन कम होना
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- लिम्फोमा (Lymphoma)
यह कैंसर लिम्फेटिक सिस्टम (प्रतिरक्षा तंत्र) को प्रभावित करता है और दो प्रकार का होता है—
हॉजकिन लिम्फोमा
नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा
लक्षण:
गर्दन, बगल या कमर में सूजन
बार-बार बुखार आना
अत्यधिक पसीना आना
वजन कम होना
- रैबडोमायोसारकोमा (Rhabdomyosarcoma)
यह एक दुर्लभ सॉफ्ट टिशू कैंसर है, जो शरीर की मांसपेशियों में विकसित होता है।
लक्षण:
दर्दनाक गांठ या सूजन
आंखों में सूजन
पेशाब या मलत्याग में कठिनाई
- ऑस्टियोसारकोमा और यूविंग सारकोमा (Osteosarcoma & Ewing Sarcoma)
ये हड्डियों के कैंसर हैं, जो खासतौर पर टीनेजर्स (13-19 साल) में अधिक देखने को मिलते हैं।
लक्षण:
हड्डियों में दर्द
सूजन और लाली
हड्डी का कमजोर होकर आसानी से टूट जाना
- रेटिनोब्लास्टोमा (Retinoblastoma)
यह एक दुर्लभ कैंसर है, जो आंखों में होता है और आमतौर पर छोटे बच्चों (2-5 साल) को प्रभावित करता है।
लक्षण:
आंख की पुतली में सफेद चमक दिखना
दृष्टि संबंधी समस्याएं
आंखों में लालिमा और सूजन
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बच्चों में कैंसर होने के कारण (रिस्क फैक्टर)
कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं—
- जेनेटिक म्यूटेशन: डीएनए में अचानक बदलाव
- अनुवांशिकता: अगर परिवार में किसी को कैंसर हुआ हो
- रेडिएशन का संपर्क: जन्म से पहले या बाद में अधिक रेडिएशन के संपर्क में आना
- कमजोर इम्युनिटी: HIV, ऑर्गन ट्रांसप्लांट या अन्य बीमारियों के कारण
बच्चों में कैंसर का इलाज
बचपन में होने वाले कैंसर का इलाज आज पहले से बेहतर और अधिक प्रभावी हो चुका है। कुछ महत्वपूर्ण इलाज के तरीके निम्नलिखित हैं—
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है।
- सर्जरी (Surgery)
कैंसरग्रस्त ट्यूमर को हटाने के लिए ऑपरेशन किया जाता है।
- रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy)
हाई-एनर्जी रेडिएशन का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है।
- इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy)
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करके कैंसर से लड़ने में मदद की जाती है।
- स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Stem Cell Transplant)
बोन मैरो (अस्थि मज्जा) में नई स्वस्थ कोशिकाओं को प्रत्यारोपित किया जाता है।
- प्रिसिजन मेडिसिन (Precision Medicine)
यह एक नई तकनीक है, जिसमें हर मरीज के कैंसर के आधार पर विशेष रूप से डिजाइन की गई दवाएं दी जाती हैं।
- प्रोटॉन बीम थेरेपी (Proton Beam Therapy)
इसमें ट्यूमर पर सटीक रूप से रेडिएशन डालकर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
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