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RBSE 12th Result 2025: डॉक्टर-इंजीनियर देने वाला कोटा बोर्ड परीक्षा में पिछड़ा, इन जिलों ने मारी बाज़ी

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसले में POCSO एक्ट के तहत दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति को सजा देने से इनकार कर दिया। यह मामला एक 15 वर्षीय लड़की के साथ यौन संबंध से जुड़ा था, जो अब आरोपी की पत्नी है।

RBSE 12th Result 2025: राजस्थान का कोटा शहर पूरे देश में अपनी कोचिंग इंडस्ट्री के लिए प्रसिद्ध है, जहां से हर साल हजारों छात्र JEE और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में टॉप करते हैं। लेकिन इस बार RBSE 12वीं बोर्ड परीक्षा 2025 के नतीजों ने एक चौंकाने वाली हकीकत उजागर की है। देश को इंजीनियर और डॉक्टर देने वाला यह शहर खुद राजस्थान बोर्ड की परीक्षा में कई जिलों से पीछे रह गया है।

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने हाल ही में 12वीं कक्षा के तीनों संकायों—विज्ञान, वाणिज्य और कला—के नतीजे जारी किए। इन नतीजों में कोटा की स्थिति बेहद औसत रही, जबकि कुछ छोटे और अपेक्षाकृत कम चर्चित जिलों ने टॉप रैंकिंग हासिल कर सभी को चौंका दिया।

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विज्ञान में कोटा 30वें स्थान पर

देशभर के मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश दिलाने के लिए मशहूर कोटा इस बार RBSE विज्ञान संकाय में 30वें स्थान पर रहा। यहां 97.80% छात्र ही परीक्षा में सफल हो सके, जबकि राजसमंद जिले ने बाज़ी मारते हुए 99.58% सफलता के साथ टॉप स्थान हासिल किया। इसके बाद डीडवाना कुचामन, नागौर, सीकर और बाड़मेर जिलों ने शानदार प्रदर्शन किया।

वाणिज्य में भी कोटा को मात

वाणिज्य (कॉमर्स) विषय में कोटा की स्थिति थोड़ी बेहतर रही, लेकिन वह भी 22वें स्थान से आगे नहीं बढ़ सका। यहां 99.13% छात्र पास हुए। इस संकाय में छह जिलों ने 100% सफलता दर के साथ टॉप किया—कोटपुतली-बहरोड़, करौली, बाड़मेर, सवाई माधोपुर, प्रतापगढ़ और सलूंबर।

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आर्ट्स में कोटा की हालत सबसे खराब

कला संकाय (Arts) में कोटा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। यह जिलेवार रैंकिंग में 37वें स्थान पर रहा, जो कि नीचे से पांचवां स्थान है। यहां सिर्फ 97.02% छात्र पास हो सके। जबकि इस संकाय में सिरोही जिला टॉप पर रहा, जहां 99.18% परीक्षार्थी सफल हुए। सिरोही के बाद राजसमंद, बाड़मेर, सीकर और डीग ने टॉप 5 में जगह बनाई।

“बोर्ड और कोचिंग दो अलग दुनिया”

कोटा के इस प्रदर्शन पर शैक्षणिक विशेषज्ञों का मानना है कि कोचिंग का फोकस प्रतियोगी परीक्षाओं पर होता है, जबकि बोर्ड परीक्षा में स्कूल शिक्षण की गुणवत्ता, पाठ्यक्रम की समझ और नियमित अभ्यास का योगदान अधिक होता है। एक वरिष्ठ शिक्षक ने कहा, “कोचिंग संस्थान बोर्ड परीक्षा की तैयारी पर ध्यान नहीं देते। ऐसे में बोर्ड परीक्षा में कोटा पिछड़ना स्वाभाविक है।”

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बोर्ड ने बताए परिणाम

RBSE ने बताया कि इस बार विज्ञान में 98.43%, कॉमर्स में 99.07% और आर्ट्स में 97.78% परीक्षार्थी सफल हुए। इन आंकड़ों से साफ है कि कोटा इन औसत प्रतिशत से भी पीछे रहा।

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