Amarnath Yatra 2025: 581 कंपनियां, डॉग स्क्वॉड और ड्रोन… इस बार 38 दिन की है अमरनाथ यात्रा, सुरक्षा ऐसी कि परिंदा भी पर न मार सके
सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना की संयुक्त योजना के तहत अमरनाथ यात्रा के सभी मार्गों का सुरक्षा ऑडिट किया गया है। डिजिटल मैपिंग के जरिए तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नजर रखी जाएगी। इस बार हर तीर्थयात्री और टट्टू सवार के लिए डिजिटल पहचान पत्र भी बनाया जाएगा, ताकि हर व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित की जा सके।
Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए सरकार की तैयारियां जोरों पर हैं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। ऐसे में केंद्र सरकार तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती। सुरक्षा इतनी कड़ी होगी कि परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। अमरनाथ यात्रा के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की कुल 581 कंपनियां तैनात रहेंगी।
3 जुलाई से 9 अगस्त तक होने वाली इस अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने विस्तृत और हाईटेक सुरक्षा योजना तैयार की है। सीआरपीएफ सूत्रों के मुताबिक इस बार यात्रा की अवधि घटाकर 38 दिन कर दी गई है, जो पिछले साल 52 दिन की थी। इसे देखते हुए सुरक्षा तैयारियों को और पुख्ता किया गया है। इस बार यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों की कुल 581 कंपनियां ड्यूटी पर रहेंगी।
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डिजिटल मैपिंग के माध्यम से यात्रियों की आवाजाही पर निगरानी
सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना की संयुक्त योजना के तहत सभी रूटों का सुरक्षा ऑडिट किया गया है। डिजिटल मैपिंग के जरिए यात्रियों की आवाजाही पर नजर रखी जाएगी। इस बार हर यात्री और टट्टू सवार के लिए डिजिटल पहचान पत्र भी बनाए जाएंगे, ताकि हर व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित की जा सके।
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- यात्रा के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े सभी संपर्क मार्ग बंद रहेंगे।
- यात्रा के दौरान काफिले के साथ जैमर और एस्कॉर्ट वाहनों से सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।
- त्वरित कार्रवाई दल, बम निरोधक दस्ते, के9 डॉग स्क्वॉड और ड्रोन निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।
- यात्रा मार्ग पर संयुक्त पीसीआर (पुलिस नियंत्रण कक्ष) वाहन सक्रिय रहेंगे।
- इस बार यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों की कुल 581 कंपनियां तैनात रहेंगी।
यात्रा के शांतिपूर्ण और सुरक्षित संचालन के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। केंद्र और राज्य सरकारों की प्राथमिकता है कि श्रद्धालु बिना किसी भय और बाधा के पवित्र गुफा तक पहुंच सकें। श्री अमरनाथजी यात्रा भगवान शिव को समर्पित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर की एक वार्षिक हिंदू तीर्थयात्रा है, जो जम्मू और कश्मीर के हिमालय में लगभग 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
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बर्फ का शिवलिंग, जो भगवान शिव का प्रतीक है
गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ से बना शिवलिंग है, जिसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। यह यात्रा आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण (जुलाई से अगस्त) के महीने में श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की देखरेख में और सुरक्षा और नागरिक प्रशासन के समन्वित समर्थन से आयोजित की जाती है।
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