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School Fee Hike: फीस के बोझ से परेशान माता-पिता ने सड़कों पर जताया विरोध, “सरकार थोड़ा दिल दिखाओ, अब तो अपना बिल दिखाओ”

School Fee Hike: दिल्ली में निजी स्कूलों की बढ़ती फीस को लेकर शनिवार को लोगों का आक्रोश सड़कों पर साफ नजर आया। तपती गर्मी के बावजूद बड़ी संख्या में अभिभावक विरोध जताने के लिए सड़कों पर उतर आए। और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

School Fee Hike: दिल्ली में निजी स्कूलों की बढ़ती फीस को लेकर शनिवार को लोगों का आक्रोश सड़कों पर साफ नजर आया। तपती गर्मी के बावजूद बड़ी संख्या में अभिभावक विरोध जताने के लिए सड़कों पर उतर आए। और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

सरकार थोड़ा दिल दिखाओ, अब तो अपना बिल दिखाओ

प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों के हाथों में तख्तियाँ थीं, जिन पर लिखा था। “सरकार थोड़ा दिल दिखाओ, अब तो अपना बिल दिखाओ”, “बच्चों की दुआएं लेती जा, हर बार तेरी सरकार बने”।
इस विरोध मार्च का नेतृत्व किसी संगठन ने नहीं, बल्कि खुद आम लोग कर रहे थे – वे माता-पिता, जो हर साल स्कूल की बढ़ती फीस से परेशान हैं और अब सरकार की नीतियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

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AAP का भाजपा पर हमला

आम आदमी पार्टी ने इस प्रदर्शन को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला। पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा,
दिल्ली की चार इंजन वाली भाजपा सरकार ने सिर्फ चार महीने में मिडल क्लास परिवारों को इस चिलचिलाती गर्मी में सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। परेशान अभिभावक अब सरकार से गुहार लगा रहे हैं – कुछ इंसानियत दिखाओ, और साफ-साफ बताओ कि फीस बढ़ोतरी का जिम्मेदार कौन है।
भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि जिस बिल का सरकार प्रचार कर रही है, वह अभिभावकों को राहत देने के बजाय स्कूल प्रबंधन को फायदा पहुंचाने वाला है।

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क्या है सरकार का नया ऑर्डिनेंस?

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने कुछ सप्ताह पहले दिल्ली कैबिनेट से एक नया अध्यादेश (ऑर्डिनेंस) पास कराया है, जिसका उद्देश्य निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर लगाम लगाना बताया जा रहा है।
इस अध्यादेश के तहत फीस बढ़ाने के लिए स्कूलों को तीन स्तरों की समिति से अनुमति लेनी होगी। स्कूल स्तर, जिला स्तर और राज्य स्तर। इसके साथ ही अगर कोई निजी स्कूल बिना सरकारी इजाज़त के फीस बढ़ाता है या फिर बच्चों के साथ किसी तरह का पक्षपात करता है, तो ऐसे मामलों में उस पर प्रति छात्र ₹50,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, यह प्रावधान अभी सिर्फ एक अध्यादेश के रूप में लागू हुआ है, इसे अभी तक विधानसभा में बतौर विधेयक (बिल) पेश नहीं किया गया है।

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हाईकोर्ट का रुख

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में द्वारका के एक स्कूल को लेकर निर्देश दिया कि बढ़ी हुई फीस का केवल 50 प्रतिशत हिस्सा ही अभिभावक जमा करें। कोर्ट ने इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेने की बात कही और सरकार से पारदर्शी समाधान लाने की अपेक्षा जताई।

अभिभावकों की पीड़ा

अभिभावकों का कहना है कि हर साल फीस में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी जाती है, और यह सीधे उनकी जेब पर असर डालता है। किसी स्कूल में कंप्यूटर फीस के नाम पर चार्ज लिया जाता है, तो कहीं “एक्टिविटी फीस” और “स्पेशल एजुकेशन फीस” जैसे नामों से अलग-अलग शुल्क वसूले जाते हैं।

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