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LPG Cylinder Price: मध्य पूर्व तनाव के चलते भारत में LPG गैस सिलेंडर की कीमतों पर संकट के बादल, गैस आपूर्ति पर बड़ा असर संभव

ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष का असर धीरे-धीरे वैश्विक ऊर्जा बाजारों पर दिखने लगा है, और इसका प्रभाव भारत में एलपीजी (LPG) गैस सिलेंडर की कीमतों पर भी पड़ सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि यह तनाव और गहराता है तो एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में निकट भविष्य में इजाफा देखने को मिल सकता है।

LPG Cylinder Price: ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष का असर धीरे-धीरे वैश्विक ऊर्जा बाजारों पर दिखने लगा है, और इसका प्रभाव भारत में एलपीजी (LPG) गैस सिलेंडर की कीमतों पर भी पड़ सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि यह तनाव और गहराता है तो एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में निकट भविष्य में इजाफा देखने को मिल सकता है।

भारत में गैस का संकट

भारत की ऊर्जा ज़रूरतों का एक बड़ा हिस्सा मध्य पूर्व से आयात किया जाता है। खासकर घरेलू उपयोग के लिए आवश्यक तीन में से दो LPG सिलेंडर पश्चिम एशिया से आते हैं। ऐसे में यदि इस क्षेत्र में आपूर्ति बाधित होती है तो भारत में गैस का संकट खड़ा हो सकता है।

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16 दिनों की LPG खपत भंडार

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार, भारत के पास फिलहाल सिर्फ 16 दिनों की औसत एलपीजी खपत के बराबर भंडार मौजूद है। यह भंडार मुख्यतः आयात टर्मिनलों, रिफाइनरियों और बॉटलिंग प्लांटों में सीमित मात्रा में जमा है। यदि सप्लाई लाइन में रुकावट आती है, तो सबसे पहले घरेलू उपभोक्ताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

जहाजों में 25 दिनों का स्टॉक

हालांकि कच्चे तेल के मामले में भारत ने बेहतर तैयारी कर रखी है। मौजूदा समय में रिफाइनरियों, पाइपलाइनों और जहाजों में करीब 25 दिनों का स्टॉक उपलब्ध है। इसके अलावा, देश के पास रणनीतिक भंडार (Strategic Petroleum Reserve) भी है, जो संकत के घड़ी में काम आ सकता है।

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सतर्क रहना जरूरी

LPG के मामले में सरकार अभी हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी जमाखोरी की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हल्की बढ़त जरूर देखने को मिल रही है, लेकिन फिलहाल पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकारी तेल विपणन कंपनियां (OMCs) अभी तक खुदरा कीमतों को स्थिर बनाए रखने में सफल रही हैं, बावजूद इसके कि वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बनी हुई है।

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आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा भारत

एक सकारात्मक पक्ष यह है कि भारत पेट्रोल और डीजल के मामले में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। भारत घरेलू पेट्रोल की करीब 40% और डीजल की लगभग 30% खपत को निर्यात करता है। ऐसे में अगर जरूरत पड़ी तो बाहर भेजने वाले ईंधन को घरेलू बाजार की ओर मोड़ा जा सकता है।

कुल मिलाकर, मौजूदा वैश्विक भू-राजनीतिक हालात भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक चेतावनी संकेत हैं। सरकार को चाहिए कि LPG के रणनीतिक भंडार को बढ़ाने पर विचार करे ताकि भविष्य में आम उपभोक्ताओं को झटका न लगे। जब तक ईरान-इजराइल विवाद सुलझता नहीं, तब तक भारत समेत पूरी दुनिया को ऊर्जा बाजार में अनिश्चितता का सामना करना पड़ सकता है।

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