Rajasthan Water Connection: रेगिस्तान में विकास को तरसा पानी! जैसलमेर-बाड़मेर में 70% से ज्यादा जल कनेक्शन आवेदन खारिज
राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर और बालोतरा जैसे सरहदी जिलों में औद्योगिक विकास की रफ्तार ‘वाणिज्यिक जल कनेक्शन’ की मंजूरी न मिलने के कारण बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इन जिलों में निवेश की संभावनाएं तो हैं, लेकिन जरूरी बुनियादी सुविधा यानी पानी के अभाव ने उद्योगपतियों के हौसले पस्त कर दिए हैं। नियमों की जटिलता और नीतियों की अस्पष्टता इस विकास को लगातार रोक रही है।
Rajasthan Water Connection: रेगिस्तान की रेत में सपनों के कारखाने लगाने की उम्मीदें अब ‘जल संकट’ की रेखाओं में उलझ गई हैं। राजस्थान के सरहदी जिले जैसलमेर, बाड़मेर और बालोतरा में औद्योगिक विकास की संभावनाएं तो अपार हैं, लेकिन ‘वाणिज्यिक जल कनेक्शन’ की स्वीकृति न मिल पाने से कई उद्यमी हताश हैं। कहीं फाइलें धूल खा रही हैं तो कहीं आवेदन नियमों की बली चढ़ रहे हैं।
एक ओर राज्य सरकार उद्योग बढ़ाने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर इन इलाकों में ‘विकास’ अब भी पानी के इंतजार में बैठा है। खासकर पर्यटन, होटल, फैक्ट्री और वाणिज्यिक इकाइयों को जरूरी जल कनेक्शन तक नहीं मिल पा रहा, जिससे उद्योगों की रफ्तार थमती जा रही है।
सिर्फ 14 आवेदन, निर्णय अधर में
जैसलमेर जैसे पर्यटन प्रधान जिले में अब तक वाणिज्यिक जल कनेक्शन के लिए केवल 14 आवेदन आए हैं। इनमें से 5 आवेदन ‘सम’ पर्यटन क्षेत्र के हैं, जहां हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। बावजूद इसके, अब तक न नीति तय हो पाई है और न ही मंजूरी की गति नजर आ रही है। “एक आवेदन खारिज हो चुका है जबकि चार अब भी लंबित हैं। शहरी क्षेत्र के 9 में से कोई भी आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ।”
सबसे ज्यादा आवेदन खारिज
बाड़मेर जिले में कुल 83 वाणिज्यिक जल कनेक्शन के आवेदन प्राप्त हुए, लेकिन इनमें से 54 आवेदन खारिज कर दिए गए, यानी 65% से अधिक। केवल 22 आवेदन ही स्वीकृत किए गए। 7 फाइलें अब भी लंबित हैं। ब्लॉकवार स्थिति देखें तो बाड़मेर शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 42 आवेदन आए, जिनमें से 22 खारिज हुए। ग्रामीण क्षेत्रों जैसे चौहटन, गडरा रोड, शिव और गुड़ामलानी में भी निराशाजनक आंकड़े देखने को मिले।
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फाइलों में अटका विकास
बालोतरा जिले की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है। यहां 71 में से 37 आवेदन खारिज कर दिए गए, यानी हर दूसरा आवेदन अस्वीकृत हुआ।14 को स्वीकृति मिली और 20 अब भी फाइलों में लंबित हैं। बालोतरा सिटी में 38 आवेदन आए, जिनमें से 19 खारिज कर दिए गए। सिणधरी में सभी चार आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए, जबकि समदड़ी और सिवाना में भी स्थिति सुधरती नजर नहीं आ रही।
राज्य के अन्य जिलों में क्या स्थिति?
राजस्थान के अन्य जिलों की तुलना करें तो सरहदी जिलों की स्थिति कहीं ज्यादा गंभीर नजर आती है। देखें कुछ जिलों के आंकड़े:
जिला कुल आवेदन
जयपुर 4423
जोधपुर 1284
बीकानेर 564
अजमेर 987
अलवर 203
भरतपुर 127
खेरथल-तिजारा 208
डीडवाना-कुचामन 137
इन आंकड़ों से साफ है कि विकास की दौड़ में रेगिस्तान के जिले नीति और सुविधा की कमी के कारण पीछे रह गए हैं।
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विकास को चाहिए ‘जल नीति की स्पष्टता’
विशेषज्ञों का मानना है कि इन इलाकों में वाणिज्यिक जल कनेक्शन की स्वीकृति प्रक्रिया में पारदर्शिता, त्वरित कार्रवाई और स्पष्ट दिशा-निर्देशों की सख्त जरूरत है। यदि जल ही नहीं मिलेगा तो उद्योग कैसे पनपेंगे? “विकास सिर्फ योजनाओं और घोषणाओं से नहीं होता, उसे जमीन पर उतारने के लिए पानी जैसे बुनियादी संसाधनों की उपलब्धता जरूरी है।”
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