BlogSliderWeatherउत्तराखंडट्रेंडिंगन्यूज़राज्य-शहर

Bhim Goda Shivling: हरिद्वार के भीमगोड़ा कुंड में गिरा पहाड़, प्राचीन शिवलिंग क्षतिग्रस्त

हरिद्वार में भारी बारिश के कारण भीमगोड़ा कुंड में भूस्खलन हुआ, जिससे प्राचीन शिवलिंग क्षतिग्रस्त हो गया। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और धरोहर को बचाने की मांग की है।

Bhim Goda Shivling: उत्तराखंड में मॉनसून की बारिश ने धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर लिया है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और जलभराव जैसी आपदा की स्थिति बन गई है। जहां एक ओर नदी-नाले उफान पर हैं, वहीं दूसरी ओर मैदानी क्षेत्रों में भी इसका असर साफ देखा जा सकता है। खासकर हरिद्वार में भारी वर्षा के चलते एक दुखद और चिंताजनक घटना सामने आई है, जहां प्राचीन धार्मिक स्थल भीमगोड़ा कुंड में स्थित शिवलिंग भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया।

शिवलिंग को हुआ भारी नुकसान

हरिद्वार स्थित पौराणिक भीमगोड़ा कुंड, जो धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, अब प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। स्थानीय मंदिर के पुजारी रत्न लाल ने जानकारी दी कि शनिवार की सुबह अचानक पहाड़ी क्षेत्र से विशालकाय पत्थर और पेड़ नीचे गिर गए। गिरते हुए मलबे ने मंदिर की संरचना को क्षति पहुंचाई और उसी के साथ कुंड के भीतर स्थित स्वयंभू शिवलिंग भी टूट गया। यह शिवलिंग लंबे समय से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र था।

Latest ALSO New Update Uttar Pradesh Newsउत्तराखंड की ताज़ा ख़बर

पहले से था खतरे का संकेत

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र में दरारें पहले से दिख रही थीं और कई बार प्रशासन को इस बारे में चेतावनी भी दी गई थी। लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार प्रशासन को बताया था कि यह पहाड़ी धीरे-धीरे दरक रही है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। विशेष रूप से इसलिए भी क्योंकि यह स्थल हजारों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है और यहां नियमित रूप से दर्शन करने वालों की भीड़ रहती है।

स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि यदि समय रहते उचित कदम उठाए जाते और सुरक्षा इंतजाम किए जाते, तो यह दुर्घटना टाली जा सकती थी। आज स्वयंभू शिवलिंग का टूट जाना न सिर्फ धार्मिक आस्था पर आघात है, बल्कि यह प्रशासन की लापरवाही का भी संकेत है।

पढ़े ताजा अपडेटNewswatchindia.comHindi NewsToday Hindi News, Breaking

प्रशासन से उठी जवाबदेही की मांग

भक्तों और स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस ऐतिहासिक स्थल को बचाने और उसकी पुनःस्थापना के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। साथ ही, पहाड़ी क्षेत्रों की नियमित जांच कर भूस्खलन संभावित स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

यह भी मांग की जा रही है कि प्रशासन न केवल इस घटना को गंभीरता से ले, बल्कि निकट भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करे।

Amarnath Yatra 2025: 3 जुलाई से शुरू हो रही है अमरनाथ यात्रा, जम्मू से कश्मीर तक ऐसे हैं इंतजाम, सुरक्षा भी रहेगी कड़ी

प्राचीन धरोहर को बचाने की जरूरत

हरिद्वार के लोग इस स्थान को न केवल एक धार्मिक स्थल के रूप में देखते हैं, बल्कि इसे अपनी सांस्कृतिक धरोहर मानते हैं। भीमगोड़ा कुंड और उसमें स्थित शिवलिंग का संबंध महाभारत काल से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि पांडवों में सबसे बलशाली भीम ने अपनी गदा से इस कुंड का निर्माण किया था। इसलिए इस स्थल को “भीमगोड़ा” कहा जाता है।

स्वयंभू शिवलिंग का टूट जाना आस्था पर आघात जैसा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस धरोहर को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा या फिर इसे भी अन्य उपेक्षित विरासत स्थलों की तरह भुला दिया जाएगा?

प्राकृतिक आपदाएं चेतावनी के संकेत देती हैं, लेकिन जब उन पर समय रहते ध्यान नहीं दिया जाता, तो परिणाम दुखद होते हैं। हरिद्वार के भीमगोड़ा कुंड की यह घटना न केवल श्रद्धालुओं की भावना को ठेस पहुंचाने वाली है, बल्कि यह शासन-प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी है। अब समय आ गया है कि प्राचीन धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और उन्हें आपदा प्रबंधन की योजनाओं में उचित स्थान दिया जाए।

Political News: Find Today’s Latest News on PoliticsPolitical Breaking News, राजनीति समाचार, राजनीति की खबरे from India and around the World on News watch india.

Follow Us: हिंदी समाचारBreaking Hindi News Live  में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुडलाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें  हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। TwitterNEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV

news watch india
Team News Watch India

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button