सीतापुर- सीतापुर डीएम अर्जुन सिंह और एसपी आरपी सिंह ने शनिवार को सीतापुर जेल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान यहां बंद सपा के वरिष्ठ नेता और विधायक आजम खां के बैरक की तलाशी ली गई। हालांकि तलाशी में अधिकारियों को कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं हुई है। आला अधिकारियों ने इस कार्रवाई को रुटीन चैकिंग का हिस्सा बताया है।
सपा के कद्दावर नेताओं में शुमार वरिष्ठ नेता और विधायक आजम खां विगत 14 महीनों से सीतापुर जेल में बंद हैं। आजम के खिलाफ विभिन्न आरोपों में 87 मामले दर्ज हैं। उन्होंने रामपुर से सांसद होते हुए भी जेल में सपा के टिकट पर विधान सभा चुनाव लड़ाऔर जीता थे। विधायक बनने के बाद उन्होने सांसद पद से अपना इस्तीफा भिजवा दिया था।
पिछले दिनों सपा विधायक आजम खां के सर्मथकों ने रामपुर में एक बैठक के दौरान उनके नजदीकी नेताओं ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ भारी नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया था कि अखिलेश यादव ने चुनावों में केवल मुस्लिमों का वोट लेने का काम किया और अब उनके लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं। अखिलेश ने पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले वरिष्ठ नेता आजम खां की जेल जाने के बाद कोई सुध नहीं ली और न ही उनकी रिहाई कराने के लिए प्रयास किये।
योगी सरकार द्वारा आजम खां और दूसरे सपा नेताओं के खिलाफ हुई कार्रवाई के मामलों में अखिलेश ने कोई बयान न देकर चुप ही रहे। इस पर रामपुर और बरेली के मुस्लिम नेताओं और धार्मिक गुरूओं ने अखिलेश यादव को खूब खरी खोटी सुनाई और मुसलमानों से सपा से नाता तोड़ देने का आह्लान किया।
इसी बीच अखिलेश यादव से नाराज चल रहे उनके चाचा शिवपाल यादव ने सीतापुर जेल में आजम खां से मुलाकात करके अखिलेश खेमे में खलबली मचा दी। इसके बाद अखिलेश को सपा विधायक रविदास मल्होत्रा को आजम खां से मिलने भेजा, लेकिन आजम के मुलाकात करने से इंकार करने पर अखिलेश का आजम की भारी नाराजगी का अहसास हुआ।
इस मामले में अखिलेश की और किरकिरी तब हुई थी कि जब दूसरे दिन ही प्रियंका गांधी वाड्रा के शांतिदूत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोदम् से आजम खां से सीतापुर जेल में खुलकर मुलाकात की थी। शनिवार को सीतापुर जेल की छापेमारी से एक बार फिर आजम खां सुर्खियों में हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सीतापुर जेल से कोई भी राजनीतिक बड़ी खबर आ सकती है।