दुर्गा शंकर मिश्र एवं प्रख्यात आध्यात्मिक मार्गदर्शक ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया कार्यक्रम का शुभारम्भ
‘संकल्प से सिद्धि’ विषयक कार्यक्षमता वृद्धि व्याख्यानमाला के अन्तर्गत द्वितीय प्रस्तुतीकरण का आयोजन लोक भवन ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि एवं मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र एवं प्रख्यात आध्यात्मिक मार्गदर्शक ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
लखनऊ। ‘संकल्प से सिद्धि’ विषयक कार्यक्षमता वृद्धि व्याख्यानमाला के अन्तर्गत द्वितीय प्रस्तुतीकरण का आयोजन लोक भवन ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि एवं मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र एवं प्रख्यात आध्यात्मिक मार्गदर्शक ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि जब कोई व्यक्ति संकल्प लेता है तो उसमें भाव होता है। 2014 में प्रधानमंत्री जी ने लाल किले की प्राचीर से देश को स्वच्छ करने का संकल्प लिया था, उस वक्त आम जनमानस को असंभव लग रहा था, हमारा देश कैसे स्वच्छ होगा, लेकिन आज देश की तस्वीर बदल गई है, पूरा देश स्वच्छता के रास्ते पर कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि महाकाव्य रामायण और श्रीमद्भागवत गीता पढ़ने से हर बार नया सीखने को मिलता है, वह व्यक्ति को अलग स्तर पर ले जाता है, ठीक उसी प्रकार प्रख्यात आध्यात्मिक मार्गदर्शक ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी को सुनने से कुछ नया सीखने को मिलेगा और सकारात्मकता के साथ कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।
प्रख्यात आध्यात्मिक मार्गदर्शक ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने अपने संबोधन में कहा कि व्यक्ति अपने दुखों का कारण खुद ही होता है। सुख और शांति खुद में है, कहीं जाने से शांति नहीं मिलेगी। कुछ आदतें ऐसी होती हैं जो कभी खुश नहीं रहने देती हैं। खुश रहना चाहते हैं तो सबसे पहले तो सुबह जल्दी उठने की आदत डालें।
सुबह के समय उठकर मेडिटेशन में बैठकर अगर आप अपने काम के लिए भी चिंतन करेंगे तो इससे आपको लाभ मिलेगा क्योंकि इस समय वातावरण में सारे तनाव वाले मन सो रहे होते हैं। जैसे सुबह अगर आपको कहीं जाना है तो आप जल्दी निकलने की कोशिश करेंगे क्योंकि उस समय सड़क खाली होती है। इसी तरह कुछ अच्छी बात सोचनी है तो सुबह सोच लें क्योंकि वातावरण का हाइवे इस समय बिल्कुल खाली होता है। सुबह 4 बजे बहुत गहरी गहरी बात मन से निकलकर आती हैं।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में उतार चढ़ाव आते हैं, कई बार इंसान बुरी परिस्थितियां आने पर बिल्कुल ही टूट जाता है और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कैसी भी परिस्थिति हो पर अपने धैर्य नहीं खोते। जीवन एक बहती नदी की तरह है जिसमें कई तरह के मोड़ आएंगे। इसलिए कभी भी कैसी भी परिस्थिति हो तो अपना धैर्य न खोये, क्योंकि बुरा समय आज है। वह एक दिन चला जाएगा, क्योंकि समय कभी किसी का ठहरता नहीं अच्छा हो या बुरा वह बीत ही जाता है।
उन्होंने कहा कि संकल्प से सिद्धि बनती है, संकल्प स्वयं करना होगा। जीवित रहने के लिए प्रकृति के पांच तत्वों (जल, वायु, आकाश, अग्नि, पृथ्वी) के कुछ न कुछ अंश की आवश्यकता है, क्योंकि हमारा शरीर इन्हीं पांच तत्वों से मिलकर बना है। उसी प्रकार आत्मा को संचालित करने के लिए जीवन में सात गुण (सुख, शांति, प्रेम, आनंद, ज्ञान, शक्ति व पवित्रता) की आवश्यकता होती है.
क्योंकि आत्मा इन्हीं सात गुणों से मिलकर बनी है, इसलिए आत्मा को सतोगुणी आत्मा कहा जाता है और इन सातों गुणों का मुख्य स्रोत है परमात्मा। ये सातों गुण वैसे तो आत्मा में रहते हैं, इन्हें अनुभव करने की जरूरत है। अपने अंदर शांति की अनुभूति करने से अन्य छः गुण अपने आप जीवन में आने लगते हैं तथा जीवन जीने में आनंद महसूस होने लगता है।
उन्होंने कहा कि हमेशा खुश रहना चाहिए, निडर रहना चाहिए, यह एक महत्वपूर्ण संस्कार है। एक संकल्प आप सभी लोग अपने शरीर के लिए लीजिए, मेरा शरीर स्वस्थ है, निरोगी है, हमेशा स्वस्थ रहेगा। मुझे किसी से कुछ चाहिए नहीं, मैं सबको देने वाली आत्मा हूं। नकारात्मक सोच के साथ सकारात्मक जीवन नहीं जिया जा सकता, इसलिए जितना हो सके सभी नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदल दो।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने उपस्थित लोगों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये। कार्यक्रम के उपरान्त मुख्य सचिव ने ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी को ओ0डी0ओ0पी0 के उत्पाद भेंट किये।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन हेमन्त राव, अपर मुख्य सचिव पशुपालन डॉ0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव होमगार्ड्स अनिल कुमार, अपर मुख्य सचिव आयुष विभाग श्रीमती आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव सूचना एवं गृह संजय प्रसाद प्रमुख सचिव भाषा जितेन्द्र कुमार समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।