Joshimath Sinking: जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद अलर्ट पर धामी सरकार समीक्षा बैठक
बता दें कि जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा सहित विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया। सर्वे के बाद प्रशासन ने बताया कि अब तक कुल 561 इमारतों में दरारें देखी गईं, 38 परिवारों को स्थानांतरित किया गया है। स्थानांतरित लोगों को समायोजित करने के लिए, 70 कमरे, 7 हॉल और 1 सभागार की पहचान की गई है।
अखिलेश अखिल: उत्तराखंड के चमोली जनपद के जोशीमठ में बड़े पैमाने पर भू-धंसाव के बाद आज अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई गई है। अचानक इस हादसे के बाद धामी सरकार अलर्ट हो गई है। पिछले दो दिनों से सरकार इस इलाके का सर्वेक्षण भी कर रही है और कई तरह के आदेश भी जारी किये हैं। माना जा रहा है कि आज की समीक्षा बैठक में इस पुरे इलाके की देखभाल और प्राकृतिक संभावित घटनाओ पर विस्तृत चर्चा होगी ताकि भविष्य के किसी भी खतरे से बचा जा सके।
बता दें कि जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा सहित विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया। सर्वे के बाद प्रशासन ने बताया कि अब तक कुल 561 इमारतों में दरारें देखी गईं, 38 परिवारों को स्थानांतरित किया गया है। स्थानांतरित लोगों को समायोजित करने के लिए, 70 कमरे, 7 हॉल और 1 सभागार की पहचान की गई है।
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जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। जिला प्रशासन ने हेलंग बाईपास और एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्यो पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह रोक अग्रिम आदेशों तक जारी रहेगी। इसके अलावा जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। जोशीमठ प्रशासन ने एनटीपीसी और एचसीसी को 4000 प्री-फैब्रिकेटेड हाउस उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। जोशीमठ नगर क्षेत्र से 43 परिवारों को अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं।