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Modi Cabinet Potential Expansion: मोदी मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार पर बीजेपी सांसदों की निगाहें

फरवरी से देश में चुनावी खेल शुरू होना है और बीजेपी नेताओं के दौर जारी हो गए हैं। लेकिन इसी बीच बीजेपी सांसदों की निगाहें मोदी (Modi) सरकार के विस्तार या यूँ कहिये कि मंत्रिमंडल में फेरबदल पर जा टिकी है। इस टकटकी के दोनों कारण हैं।

अखिलेश अखिल दिल्ली: हमेशा मूड में रहने वाली बीजेपी इस साल होने वाले दस राज्यों के चुनाव को अपने पक्ष में करने को वेताब  है। बीजेपी की यही खासियत भी है। और दलों के लिए चुनाव भले ही  खेल हो और हार- जीत से वे बेपरवाह रहते हों लेकिन बीजेपी ऐसा नहीं मानती। सत्ता में रहने की अब उसे आदत सी होती गई है। यही आदत पहले कांग्रेस की थी लेकिन जैसे ही बीजेपी (BJP) ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल किया बीजेपी अब बार -बार सत्ता की चाह करने लगी है। फरवरी से देश में चुनावी खेल शुरू होना है और बीजेपी नेताओं के दौर जारी हो गए हैं। लेकिन इसी बीच बीजेपी सांसदों  की निगाहें मोदी (Modi) सरकार  के विस्तार या यूँ कहिये कि मंत्रिमंडल में फेरबदल पर जा टिकी है। इस टकटकी के दोनों कारण हैं। कुछ मंत्रियों को लग रहा है कि उनकी सवा समाप्त की जा सकती  है और सारे ठाठ ख़त्म हो सकते हैं। कुछ ऐसे नेता भी है जो इस जुगाड़ में हैं कि उनकी लॉटरी लग जाए। मंत्री बन जाए तो रुतवा बढ़ जाए। ऐसे में  दोनों तरह के व्याकुल सांसद काफी परेशानी में हैं। लुटियंस जोन में ऐसे सांसदों की कहानियां भरी हुई है। लेकिन अहम् बात तो ये है कि मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार या फेरबदल कब होगा यह कौन जाने ! और किसकी मजाल है कि इस पर चर्चा करे ! फिर  और गृह मंत्री शाह से कोई पूछ भी तो नहीं सकता।  यह किसी को नहीं पता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) अपनी सरकार में अगली फेरबदल कब करेंगे, उसमें किसको जगह मिलेगी और किसकी छुट्टी होगी। इस बारे में भाजपा के नेता अनुमान लगाने से भी बच रहे हैं। भाजपा (BJP) के एक बड़े नेता पिछले दिनों पत्रकारों के सामने झल्लाते हुए कहा कि इस कयास का कोई मतलब नहीं है क्योंकि सिर्फ एक ही व्यक्ति को पता है कि कब विस्तार होगा, कौन रहेगा और कौन हटेगा। लेकिन यह तय बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार में फेरबदल करेंगे। इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रख कर फेरबदल की जाएगी। ध्यान रहे दूसरी बार सरकार बनने पर प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ एक बार मंत्रिमंडल में फेरबदल की और वह भी सरकार बनने के कोई ढाई साल के बाद। कहा जा रहा है कि अब एक आखिरी फेरबदल होने वाली है।

फाइल फोटो

 सूत्रों ने बताया कि जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव (assembly elections) होने हैं वहां के राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में बदलाव किए जाएंगे। माना जा रहा है कि इन बदलाव के जरिए इस साल होने वाले चुनावों में बीजेपी बढ़त बनाने की कोशिश करेगी। सूत्रों के मुताबिक  मंत्रिमंडल में फेरबदल में न केवल मंत्रियों के परफॉर्मेंस का ध्यान रखा जाएगा बल्कि रोटेशन पॉलिसी का भी पालन किया जाएगा ताकि अन्य को भी मौका मिल पाए। इसके जरिए काबिल सांसदों को मौका देना और कुछ मंत्रियों का इस्तेमाल संगठन में करना है। लेकिन असल बात तो यह है कि मोदी के नाम पर चुनाव जीतकर आये सांसद संगठन के भी तो काबिल नहीं है। ऐसे बहुत से नेता है। कहा जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में ऐसे दर्जनों नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा। कुछ सांसद भी इस बात को मान रहे हैं। उनकी इच्छा भी यही है कि भले ही टिकट नहीं मिले लेकिन एक बार मंत्री तो बन जाए। फिर पाला भी बदला जा सकता है। बीजेपी की निगाह भी ऐसे नेताओं पर है। 

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 मोदी मंत्रिमंडल में 2019 के बाद एकमात्र बदलाव पिछले  साल जून में हुआ था। 8 जून को हुए इस बदलाव में 12 मंत्रियों को शामिल किया गया था जबकि कुछ बड़े मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई थी। सूत्रों का मानना है कि इस बार के फेरबदल में भी कुछ ऐसा ही होने वाला है। माना जा रहा है कि इस बार लोकसभा सांसदों की संख्या मंत्रिमंडल में बढ़ सकती है और यहां के सांसदों को अहम जिम्मेदारियां दी जा सकती है।

 बताया जा रहा है कि गुजरात विधानसभा में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए राज्य के कुछ सांसदों को इनाम दिया जा सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का ये साफ कहना है कि पार्टी को सफलता दिलाने वाले लोगों को इग्नोर नहीं किया जा सकता है। खबर के मुताबिक़  पार्टी के बड़े नेताओं ने गुजरात के नेताओं के कई राउंड की बातचीत की है। ये तय किया गया है कि मंत्रिमंडल में महिलाओं और आरक्षित वर्ग से आने वाले लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।

 लेकिन असली बात तो यही है कि वह फेरबदल कब होगी इसे लेकर कुछ भी पता नहीं है। सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। बता दें कि  भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 16 और 17 जनवरी को दिल्ली में होने वाली है। यानी एक महीने का ‘खरमास’ खत्म होने के बाद भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी होगी। इसके बाद 31 जनवरी से संसद का बजट सत्र शुरू होने की संभावना है। सो, संभव है कि 17 से 31 जनवरी के बीच सरकार में फेरबदल हो। क्योंकि फरवरी से चुनाव शुरू हो जाएंगे। फरवरी में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनाव हैं। अगर जनवरी में फेरबदल नहीं होती है तो दूसरी संभावना यह है कि अप्रैल में बजट सत्र खत्म होने के तुरंत बाद मोदी मंत्रिमंडल मे फेरबदल हो। मई में कर्नाटक के चुनाव होने वाले हैं और मई में ही केंद्र सरकार के चार साल पूरे होंगे, जिसके बाद चुनावी साल शुरू हो जाएगा। उससे पहले सरकार में फेरबदल की संभावना है।      कहा जा रहा है कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां के सांसदों को मंत्री बनाया जायेगा। ऐसा संभव भी है। लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बिहार ,बंगाल ,झारखंड के अलावा कुछ और राज्यों के सांसदों की भी लॉटरी लग सकती है। इसी संभावित लॉटरी के फेर बहुत से सांसद भाग दौड़ कर रहे हैं। लेकिन मंत्रिमंडल में फेरबदल कब होगा कोई नहीं जनता। सब कुछ अँधेरे में है।

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Neetu Pandey

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