Karnataka News: किसी भी नेता से आप पूछिए कि राजनीति क्यों करते हैं तो झट से जवाब मिलेगा कि जनता और समाज की सेवा कर रहा हूँ। कुछ और बातें भी वे कर सकते हैं लेकिन समाज सेवा उनका जुमला रहता ही है। यही है भारतीय राजनीति और नेताओं के सच। लेकिन दूसरा सच ये है कि एक बार चुनाव जीतने के बाद वे करोड़पति हो जाते हैं। अपराध करने के भी दाग उन पर लग जाते हैं। उनसे फिर पूछिए कि आप करोड़पति और दागी कैसे बन गए ? जवाब मिलेगा सब बिपक्ष की माया है। जो जनता की सेवा करता है उस पर दाग लगते ही है और फिर वे कहते मिल जायेंगे कि जो धन सामने आपको दिख रहा है सब पैतृक संपत्ति है, घरेलू व्यापार की आय है।
संसद से लेके विधान सभा में पहुँचने वाले अधिकतर नेताओं की यही कहानी है। कर्नाटक में होने जा रहे हालिया चुनाव की कहानी पर गौर करे चौंकाने वाले तथ्य सामने आज जायेंगे। यह बात और है कि अब तो सभी विधायक चुनाव में जा चुके हैं लेकिन उनकी आमदनी और दाग लगे चेहरे की खबरे ज्यादा ही बन रही है।
एडीआर की रिपोर्ट कहती है कि 224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधान सभा में 219 सदस्यों की जो जांच पड़ताल की गई तो चौंकाने वाली बात सामने आयी। मौजूदा समय में 219 विधायकों में 209 करोड़पति हैं। यानी 95 फीसदी विधायक करोड़पति !इनमे बीजेपी के 118 विधायकों की औसत संपत्ति करीब 20 करोड़ की है जबकि कांग्रेस के 67 विधायकों की औसत संपत्ति करीब 49 करोड़ की है। जेडीएस के 30 विधायकों की औसत संपत्ति करीब 27 करोड़ की है जबकि चार निर्दलीय विधायकों की औसत संपत्ति 41 करोड़ से ज्यादा की है।
करोड़पतियों की यह राजनीति क्या जनता के लिए होती है ,इसका जवाब किसी के पास नहीं है। देखा तो यह भी जा रहा है कि इनकी संपत्ति में हर बार बढ़ोतरी होती जाती है और जनता की आमदनी लगातार घटती जाती है। लोकतंत्र का यह खेल बड़ा ही भयावह है। इस खेल में कोई किसी के प्रति जिम्मेदार नहीं है लेकिन कहा जाता है कि नेता लोग देश की सेवा कर रहे हैं। बड़ा सवाल तो यह है कि इस खेल में कोई भी पार्टी पीछे नहीं है। राजनीति की इस लूट में सब एक जैसे हैं और सब मिलाकर बहती गंगा में हाथ धोने से नहीं चूकते।
कांग्रेस के डी शिवकुमार सबसे धनी नेता हैं। उनकी संपत्ति 2018 में 840 करोड़ की थी। अब पांच साल में कितनी बढ़ी है उसे देखने की बात होगी। पिछले चुनाव में वे 69 फीसदी वोट शेयर के साथ चुनाव में बाजी मरे थे। आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष है और फिर से चुनावी खेल को आगे बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस के ही दूसरे सबसे अमीर विधायक बीएस सुरेश हैं। 2018 में उनकी सम्पत्ति 416 करोड़ की थी। अब कहा जा रहा है कि उनकी संपत्ति दोगुनी हुई होगी। कांग्रेस के ही एम कृष्णप्पा की संपत्ति 236 करोड़ की थी जो अब बढ़कर और भी ज्यादा हो गई है। ये कर्नाटक से तीसरे सबसे अमीर विधायक हैं।
यही हाल बीजेपी और जेडीएस नेताओं की है। कोई सौ करोड़ का मालिक है तो कोई दो सु करोड़ का। साब कहते हैं कि खनन व्यापार ने नेताओं को धनी बना दिया है। सरकर चाहे किसी की हो सब मिलाकर खाते हैं और मॉल बनाते हैं।
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मौजूदा समय में कर्नाटक के 75 फीसदी विधायक दागी हैं। डग भी ऐसे कि दाग भी शरमा जाए।
26 फीसदी विधायकों पर गंभीर आरोप हैं। चार विधायकों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हैं। बीजेपी के 42 फीसदी विधायक दागी हैं तो कांग्रेस के 24 फीसदी विधायक दागी हैं। जेडीएस के 30 फीसदी विधायक दागी हैं तो निर्दलीय विधायकों में 50 फीसदी दागदार बताये जाते हैं।
लेकिन इन विधायकों क एक दूसरा सच ये हैं कि इनमे से 73 विधायक यानी 33 फीसदी पांचवी से बारहवीं तक पढ़े हुए हैं। 64 फीसदी विधायक स्नातक हैं जबकि एक विधायक केवल साक्षर होने की बात करता है। लेकिन सच ये हैं कि इन्ही विधायकों के पास सबसे ज्यादा धन है। ये पार्टी के शीर्ष नेता माने जाते हैं। इन्ही के इशारे पर प्रदेश की राजनीति बढ़ती रहती है। इस चुनाव में भी यही सब हो रहा है। कर्नाटक का यह सच लुभा रहा है और भरमा भी रहा है।