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Dayashankar Singh Divorce: परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने लिया 22 साल बाद पत्नी स्वाति सिंह से तलाक

उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का पूर्व मंत्री स्वाति सिंह से तलाक हो गया है परिवारिक न्यायालय के मुकदमे की सुनवाई करते हुए अपर प्रधान न्यायाधीश देवेंद्र नाथ सिंह ने विवाह को समाप्त मानते हो फैसला सुनाया है शादी के 22 साल बाद दोनों ने तलाक  लिया है.

22 साल बाद दोंनो ने लिया तलाक 

यूपी की योगी सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और पूर्व मंत्री व उनकी पत्नी  स्वाति सिंह का शादी के 22 साल बाद दोंनो ने तलाक ले लिया है 30 दिसंबर 2022 को परिवारिक न्यायालय में वाद दाखिल कर तलाक की अर्जी दी थी परिवारिक न्यायालय ने पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए 28 मार्च को विवाह को खत्म मानते हुए तलाक की मंजूरी दी है.

18 मई 2001 में की थी शादी

18 मई 2001 को दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह शादी के बंधन मे बंधे थे. विवाद के चलते दोंनों 10 साल से अलग रह रहे थे. दोंनो के बीच वैवाहिक रिश्ता नही था.जिसके बाद कोर्ट ने स्वीति के दारा पेश किए गए सबूतों से सहमत होकर तलाक का फैसला सुना दिया.

18 मई 2001 को दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह शादी के बंधन मे बंधे थे. विवाद के चलते दोंनों 10 साल से अलग रह रहे थे. दोंनो के बीच वैवाहिक रिश्ता नही था.जिसके बाद कोर्ट ने स्वीति के दारा पेश किए गए सबूतों से सहमत होकर तलाक का फैसला सुना दिया.

स्वाति सिंह और दयाशंकर सिंह का राजनीतिक विवाद 2022 के विधानसभा चुनाव से बढने लगा. मुकदमे की सुनवाई के दौरान साल 2017 में भाजपा ने स्वाति सिंह विधानसभा चुनाव का टिकट दिया  को स्वाति सिंह चुनाव में जीतने के बाद यूपी सरकार में मंत्री बनी.  साल 2022 के चुनाव में जब स्वाति सिंह की टिकट का विरोध करते हुए दयाशंकर सिंह ने खुद को टिकट मांगा तो या विवाद और बढ़ गया. भाजपा पार्टी के सिद्धांत में एक परिवार में एक नेता की पार्टी को आगे बढ़ाते हुए स्वाति सिंह का टिकट सरोजनी नगर विधानसभा से काट दिया गया और दयाशंकर सिंह को बलिया से विधायक का टिकट दिया गया यूपी सरकार में दया शंकर सिंह स्वतंत्र प्रभारका  परिवहन मंत्री बनाय

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स्वाति सिंह नें इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की पढाई

स्वाति सिंह नें इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई कर रही थी और दयाशंकर सिंह लखनऊ में विश्र्वविधालय की छात्र राजनीति में अग्रिम पंत्कि के नेता थे  बताया जाता है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रमों में अक्सर दोनों लोगों की मुलाकातें होने लगी. परिषद के कार्यक्रमों में दोनों का मेलजोल बढ़ा और दोनों लोग बलिया के ही रहने वाले थे इसलिए उनके रिश्ते और प्रगाढ़ हो गए। कुछ ही समय में दोनों विवाह बंधन में बंध गए बाद में स्वाति सिंह इन लखनऊ विश्वविद्यालय पीएचडी में पंजीकरण कराया और यहां से साथ पढ़ाई करने लगे.

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