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बीजेपी के संस्थापकों में से एक आडवाणी भी भारत रत्न से सम्मानित किये जायेंगे

Bharat Ratna Award: अंत भला तो सब भला। बीजेपी (BJP) के संस्थापकों में से एक लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna advani) को तो वैसे प्रधानमंत्री बनने की हसरत थी लेकिन पूरी नहीं हो सकी। उन्ही एक और हरसत राष्ट्रपति बनने की भी थी लेकिन वह भी सपना टुटा ही गया। लेकिन अब मोदी सरकार ने आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया है।
पीएम मोदी (PM Modi) ने एक्स पर पोस्ट में कहा, “मैं यह साझा कर के काफी खुश हूं कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित (Award) किया जाएगा। मैंने उनसे बात की और उन्हें इस सम्मान को दिए जाने पर बधाई दी। वह हमारे समय के सबसे बड़े और सम्मानित जननेता रहे हैं। भारत के विकास में उनका योगदान स्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर देश के उप-प्रधानमंत्री के तौर पर काम करते हुए चला। उन्होंने गृह मंत्री और सूचना-प्रसारण मंत्री के तौर पर काम करते हुए भी खुद को दूसरों से अलग किया। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय रहे हैं और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।”


आडवाणी भारत रत्न के हकदार भी हैं। उन्होंने बीजेपी के लिए बहुत कुछ किया है और देश के निर्माण में भी उनकी भूमिका को कमतर नहीं माना जा सकता है। बाजपेयी के साथ मिलकर जिस बीजेपी को उन्होंने बनाया ,सींचा और आगे बढ़ाया वही बीजेपी आज देश भर में फ़ैल चुकी है और देश ही नहीं दुनिया की बड़ी पार्टी के रूप में चिन्हित है। ये बात अलग है कि आडवाणी ने ही देश में और खासकर बीजेपी में हिंदुत्व के अजेंडे को आगे बढ़ाने में अहा भूमिक निभाई है। उन्होंने ने मंदिर आंदोलन को गति दी थी। आडवाणी इस देश के सक्षम गृहमंत्री के रूप में भी जाने गए। संसद में उनके कई भाषण आज भी दर्ज है जो काफी अहम् माने जा सकते हैं।
आडवाणी का जन्म वैसे तो पकिस्तान के कराची में आठ नवंबर 1927 को हुआ है। उनका जन्म एक सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता किशनचंद आडवाणी एक उद्यमी थे। माता का नाम ज्ञान देवी था। शुरुआती शिक्षा उनकी कराची में ही हुई थी विभाजन के वक्त उनका परिवार कराची से मुंबई शिफ्ट हो गया। मुंबई में ही उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ़ बॉम्बे से कानून की पढ़ाई भी की। उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है। उनके दो बच्चे हैं। बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है। देश की राजनीति में भी आडवाणी की बड़ी भूमिका रही है और बीजेपी के निर्माण में उनकी भूमिका को कौन भुला सकता है।


आडवाणी और अटल की जोड़ी काफी शानदार रही है। यह बात और है कि दोनों बड़े नेताओं के बीच कभी -कभी मनमुटाव भी होते थे लेकिन यह सब कुछ समय बाद स्वतः ही ख़त्म हो जाते थे। आडवाणी को लगा था कि 2014 के चुनाव में उन्हें बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार बनाये जा सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। संघ ने भी मोदी को ही आगे बढ़ाया और फिर आडवाणी की पूरी राजनीति ही ख़त्म हो गई।
आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उप प्रधानमंत्री रह चुके हैं। इससे पहले वे 1998 से 2004 के बीच एनडीए सरकार में गृह मंत्री भी रह चुके हैं। आडवाणी की राजनीतिक यात्रा संघ से शुरू हुई थी। 2025 उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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