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Kaiserganj Lok Sabha Seat Brij Bhushan Sharan Singh : कैसरगंज से बृजभूषण सिंह की बड़ी मुश्किलें, कट सकता है टिकट, जानें किसे मिलेगा टिकट

Big problems for Brij Bhushan Singh from Kaiserganj, ticket may be deducted, know who will get the ticket

Kaiserganj Lok Sabha Seat Brij Bhushan Sharan Singh: बृजभूषण शरण सिंह महिला पहलवानों के यौन शोषण केस के चलते विवादों में आ चुके हैं। यही वजह है कि अभी तक कैसरगंज सीट से बीजेपी प्रत्यावशी नहीं घोषित कर पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बीजेपी इस बार बृजभूषण (Brij Bhushan Singh) की जगह उनके छोटे बेटे करण भूषण को टिकट दे सकती है।

यूपी के कैसरगंज लोकसभा से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों का दावा है कि बीजेपी ने इस बार यहां से निवर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया है। उनकी पत्नी या बेटे को टिकट दिया जा सकता है। बृजभूषण सिंह पिछले कई दिनों से अपने इलाके में तेजी से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अभी तक कैसरगंज और रायबरेली सीट पर बीजेपी उम्मीनदवार नहीं तय कर पाई है। कहा जा रहा है कि अमित शाह बृजभूषण सिंह से बातचीत कर उनके परिवार के किसी सदस्यअ को टिकट देने के लिए सहमति बनाएंगे।

ऐसी अफवाहें हैं कि बृजभूषण को हराने के लिए भूषण सिंह को बीजेपी से टिकट मिल सकता है. बीजेपी के पहले विधायक बड़े बेटे प्रतीक हैं. मीडिया में दावा किया जा रहा है कि बीजेपी जल्द ही कैसरगंज सीट से अपना उम्मीदवार घोषित करेगी. महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न को लेकर बृजभूषण सिंह ने जो आरोप लगाए हैं उससे संदेह पैदा हो गया है. बृजभूषण सिंह का कैसरगंज के अलावा आसपास की लोकसभा सीटों पर प्रभाव माना जाता है।

3 मई पर्चा भरने की अंतिम डेट

बृजभूषण सिंह लगातार तीन बार विधायकी में कंसरगंज सीट से जीत हासिल कर चुके हैं. इससे पहले उन्होंने दो गोंडा और एक बार बहराईच लोकसभा चुनाव जीता था। कैसरगंज सीट पर पांचवें चरण का मतदान 20 मई को होना है। नामांकन जमा करने की आखिरी तारीख 3 मई है। बीजेपी के अलावा एसपी ने अभी तक अपनी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की है। ब्राह्मण कार्ड खींचने वाले नरेंद्र पांडे को बसपा ने बर्खास्त कर दिया है.

फर्जी सूची से बढ़ी हलचल, लोग रहे दंग

कैसरगंज में प्रत्याशी तय करने के चले जा रहे दांवपेच में फर्जीवाड़ा भी हो रहा है। बुधवार दोपहर अचानक भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव की ओर से कैसरगंज सीट के प्रत्याशी तय करने का फर्जी पत्र जारी हो गया। इससे लोग दंग रह गए। राजनीतिक जोड़- घटाव में शुरू हो गया।

चंद समय बाद ही फर्जी सूची में शामिल शख्स लाइव आया और सूची को सिरे से खारिज किया। एफआईआर की चेतावनी के साथ ही नाम बदनाम करने की साजिश करार दिया। यह पत्र क्यों जारी हुआ, इसे लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं। कहा तो यह जा रहा है कि यह भी बड़ा खेल था।

मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के दौरे पर, दिल्ली के फैसले पर टिकी नजर

टिकट तय होने की दौड़ लखनऊ से लेकर दिल्ली तक चल रही है। सीएम के महाराष्ट्र चुनावी रैली में होने के कारण पार्टी के दिग्गज नेताओं को मायूसी ही हाथ लगी, वहीं दिल्ली से भविष्य तय होने की चर्चाएं जोर पकड़े रहीं। माना जा रहा है कि दिल्ली के दिग्गज बड़े फैसले की ओर बढ़े हैं।

खामोशी साधी, पर चर्चाओं ने पकड़ा जोर

दबदबा और दाबमदाब की ओर बढ़ रहे कदम रोककर अखाड़ेबाज की खामोशी भी चर्चा में है। दो दिनों से सियासी फिजा से दूरी क्या बनाई कि तेजी से लोगों की निगाहें उनके दांव पर टिक गई। जरवलरोड के देवकुमार कहते हैं कि यह चुप्पी बड़े संकेत दे रही है। आने वाला वक्त ही बताएगा कि क्या होने वाला है।

फिलहाल रोहित तो भरोसा जताते हैं कि भाजपा को उन पर भरोसा है, लेकिन टिकट न मिलने पर यह खामोशी बड़ा बदलाव लाएगी। वह मैदान में आए तो परिणाम पर असर पड़ना तय है।

Prachi Chaudhary

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