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side effect of covishield vaccine highlights: कोरोना से बचाया, वैक्सीन से मरवाया! कोविशील्ड पर सवाल, विपक्ष का बवाल!

Saved from Corona, killed by vaccine! Question on Covishield, opposition ruckus!

side effect of covishield vaccine highlights: जिस वैक्सीन ने करोड़ों लोगों को बचाया, आज वही वैक्सीन लोगों की जान ले रही है। जी हां आज यही दावा किया जा रहा है, जिससे की लोगों की रूंह कांप रही है। क्योंकि हिंदुस्तान में करीब 80 करोड़ लोगों ने ‘मौत’ की वैक्सीन लगवाई, जिसका नाम है कोविशील्ड वैक्सीन।

कोरोना वायरस (Corona virus) जब रौद्र रूप अपनाया हुआ था। तब कोविशील्ड ‘रामबाण’ साबित हुआ। लेकिन अब यही रामबाण मौत को दस्तक दे रहा है। यूपी के वाराणसी से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिससे लोगों के दिलों की धड़कनें बढ़ गई हैं। ये वीडियो एक जिम का है, जहां एक युवक ने वार्म अप शुरू ही किया था कि उसके सिर में तेजी से दर्द हुआ और अचानक वो नीचे गिर गया और दर्द से तड़पने लगा। इसके कुछ ही पलों में उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि, युवक को ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) हुआ था, जिसके बाद काल के गाल में समा गया। जिसपर ये दावा किया जा रहा है कि कोविशील्ड वैक्सीन की वजह से युवक की मौत हुई है।

बता दे कि, ये कोई पहला मामला नहीं है। पिछले कुछ सालों में चलते-फिरते, उठते बैठते, नाचते-गाते और जिम में अचानक ही कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक (Heart Attack) और ब्रेन हेमरेज के मामले देखने को मिल रहे हैं। वहीं इन दिनों देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर भी विवाद छिड़ा हुआ है। कोविडशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनिका (AstraZeneca) ने ब्रिटेन की कोर्ट (British court) में माना है कि इस कोविशील्ड वैक्सीन के गंभीर साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं। भारत में ये वैक्सीन कोविशील्ड (Vaccine Covishield) के नाम से लगाई गई है।

लेकिन अब आपको हम कुछ सच्चाई बताते हैं। कोविशील्ड वैक्सीन पर उठ रहे सवालों के बीच विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना महामारी के बाद अचानक मौतें हो रही हैं। लेकिन वैक्सीनेशन हर मौत की सीधी वजह नहीं है। विशेषज्ञ मानते हैं कि देश में वैक्सीनेशन को हुए लंबा समय गुजर गया है। यदि टीकाकरण के बाद कोई साइड इफेक्ट्स दिखता, तो अभी तक देश में बड़े स्तर पर केस सामने आ चुके होते।

वहीं एम्स (AIIMS) ने अचानक हुई मौतों की वजह जानने के लिए जो अध्ययन किया उसमें से 50 फीसदी मौतें हार्ट अटैक से नहीं हुईं। सांस समेत दूसरी बीमारियों से इनकी मौते हुई हैं। बचे 50 फीसदी को सीधे तौर पर हार्ट अटैक आया। एम्स (AIIMS) के विशेषज्ञों की राय है कि यदि खून में थक्का (Blood Clot) पड़ता तो सभी मौते हार्ट अटैक से होनी चाहिए थी।

इससे पहले सोमवार को ब्रिटेन की कोर्ट में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार माना था कि उनकी वैक्सीन से दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसमें कहा गया था कि इसके कारण थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (Thrombocytopenia Syndrome) हो सकता है जिससे शरीर में खून के थक्के जम सकते हैं। ऐसा होने पर पीड़ित को स्ट्रोक (Stroke), हृदयगति थमने (Heart Failure) जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

अब जैसा ही ये दावा हुआ, वैसे ही विपक्षी नेता अपनी रोटियां सेंकने में लग गए। मोदी सरकार पर जमकर प्रहार किए जाने लगे और वोटबैंक की खातिर लोगों को गुमराह किए जाने लगा। कई डॉक्टर्स ये मान चुके हैं कि ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं है। कुछ लोग गलत अफवाह फैला रहे हैं।

Chanchal Gole

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