दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर लखनऊ -एससीआर विकसित करने की तैयारी !
Uttar Pradesh News: यूपी की योगी सरकार अब एक बड़ी योजना पर काम कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक यूपी सरकार दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर लखनऊ एससीआर विकसित करने की रही है। लखनऊए एससीआर और कानपूर में दो नोड शामिल किये गए हैं। इसमें लखनऊए ,कानपूर ,कानपूर देहात ,उन्नाव ,रायबरेली ,बाराबंकी ,सीतापुर और हरदोई समेत आठ जिले शामिल किये गए हैं।
प्रस्तावित क्षेत्र लगभग 34 हजार वर्ग किलोमीटर का होगा और लगभग करीब तीन करोड़ की आबादी को यह शामिल करेगा। लखनऊ के संभागीय आयुक्त रोशन जैकब के मुताबिक लखनऊ और कानपूर को विश्व स्तरीय आधुनिक शहर के रूप में विकसित करने की योजना है। इससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी। यह अगले चार से पांच सालों में पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था को बनाने में सहायक होगा।
रोशन जैकब ने कहा कि इन दोनों शहरों के विस्तारीकरण के बाद विकास को गति मिल जाएगी। बड़ी संख्या में यहाँ औद्योगिक इकाई स्थापित होंगी और इससे युवाओं को काफी रोजगार भी मिलेंगे। जानकारी के मुताबिक़ इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए परियोजना सलाहकार की नियुक्ति जल्द ही की जानी है ताकि योजना को तेजी से आगे बधाई जा सके। कहा जा रहा है कि लखनऊ एससीआर का विकास दिल्ली एनसीआर की तरह ही एक काउंटर मैग्नेट क्षेत्र के रूप में कार्य करेगा और निजी निवेश को आकर्षित करेगा।
जानकारी के मुताबिक एससीआर पास के जिलों में आकर्षक नौकरी और स्व रोजगार के अवसर प्रदान करके लखनऊ को भीड़भाड़ से भी मुक्त करेगा।इससे बड़े शहरो में नौकरी की भीड़ भी कम होगी और युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। कहा जा रहा है कि एससीआर जिलों को बेहतर परिवहन ,लॉजिस्टिक और विनियदि सभी सुविधाएं दी जाएगी। यूपी के अधिकतर जिले एक्सप्रेस वे से जुड़ गए हैं और हवाई मार्ग की सुविधा भी बढ़ी है ऐसे में किसानो को भी लाभ होगा और स्थानीय कृषि और पारम्परिक उद्योगों को भी लाभ होगा।
कहा जा रहा है कि लखनऊ और कानपुर को हाई स्पीड फ्रेट कॉरिडोर से जोड़ा जा रहा है। इस तरह से रोड मैप तैयार होने और लागू होने के बाद एससीआर के पास रफ़्तार पकड़ने के लिए जमीनी कार्य पहले से ही तैयार होगा। इसके साथ ही लखनऊ एससीआर के मॉडल पर यूपी में साथ अन्य विकास क्षेत्र भी विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है।