Manipur Violence: विदेश दौरे से लौटते ही पीएम नरेंद्र मोदी ने मणिपुर हिंसा के हालात जाने। केंद्रिय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को सुबह सुबह PM आवास पहंचे। मणिपुर में हिंसा के चलते हाल बेहद ही खाराब है। शाह ने पीएम को ताजा हालात की जानकारी दी। मणिपुर में हिंसा की स्थिति को देखते हुए इंटरनेट पर बैन को 30 जून तक बढ़ा दिया गया है। मणिपुर की स्थिति की जानकारी दी। सिंह ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारें हिंसा काफी हद तक कंट्रोल करने में सक्षम हैं। गृह मंत्री ने आश्र्वासन दिया है कि केंद्र मणिपुर में शांति वापस लाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
मणिपुर में भीड़ के सामने सैनिकों की इंसानियत
आरक्षण पर कुकी और मैतेई समुदाय में हिंसा के बीच सेना का मानवता भरा चेहरा सामने आया है। शनिवार को ईस्ट इंफाल में सेना ने ऑपरेशन चलाकर प्रतिबंधित संगठन कांगलेई यावोल कन्ना लुप यानी KYKL के 12 लड़ाकों को पकड़ा था, लेकिन विरोध में 1500 लोगों ने रास्ता रोका, जिसमें बड़ी तादाद में महिलाएं थीं। किसी की जान न जाए, इसलिए सैनिकों ने पकड़े गए लोगों को छोड़ दिया।
अधिकारियों के मुताबिक सेना ने खुफिया सूचना पर इंफाल के इथम गांव में सर्च ऑपरेशन शुरु किया था।तभी 1500 लोगों की भीड़ उन उग्रवादियों की ढ़ाल बन गई। भीड़ पर कार्रवाई करते तो मासूम लोगों को भी जान माल का नुसान पहुंचता, इसलिए सेना ने उग्रवादियों को गांव के लोगों को सौंप दिया और हथियार लेकर लौट गई।
अधिकारियों के मुताबिक, KYKL मैतेई समुदाय से जुड़ा उग्रवादी ग्रुप है, जो 2015 में सुरक्षाबलों पर घात लगाकर किए हमलों में शामिल रहा है।
शनिवार को हुई थी सभी दलों की बैठक
मणिपुर में जारी हिंसा के मद्देनजर शनिवार को सर्वदलीय बैठक गई थी। कांग्रेस ने PM मोदी की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाया था। कांग्रेस ने कहा कि बेहतर होता कि अगर यह सर्वदलीय बैठक दिल्ली के बजाय इम्फाइल में बुलाई गई होती और इसकी अध्यक्षता PM मोदी करते। तृणमूल समेत के लोगों की जरुरत को अनदेखा कर रहा है। शाह ने कहा था कि पीएम के निर्देश पर वहां शांति बहाली के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।