Maharashtra : महाराष्ट्र का सियासी तापमान आज फिर से बढ़ गया। पूरे देश में वर्षा की वजह से मौसम का तापमान गिरा हुआ है जबकि महाराष्ट्र (Maharashtra) का सियासी तापमान उस समय बढ़ गया जब विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे और ठाकरे गुट के विधायकों को नोटिस जारी किया। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) ने कहा है कि शिंदे गुट के 40 और ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर विधानसभा सदस्यता से अयोग्यता पर जवाब मांगा गया है।
कहा जा रहा है कि अब इस पहल के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra News) की सियासत में भूचाल आने की सम्भावना है। जिस तरह से एनसीपी को तोड़कर अजित पवार गुट को सरकार में शामिल किया गया है उसके बाद ही राजनीतिक जानकारों का कहना था कि अब महाराष्ट्र में कुछ बड़ा होने वाला है क्योंकि शिंदे गुट के 16 विधायकों पर अयोग्यता की तलवार लटक रही है। जिस भी दिन इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष अपना फैसला देंगे शिंदे की सरकार गिर जाएगी। ऐसे में सरकार न गिरे इसके इसके लिए बीजेपी ने पहले से ही एनसीपी को तोड़ डाला और अजित पवार गुट को अपने साथ कर लिया।
बता दें कि 17 जुलाई से महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Vidhansabha) का मानसून सत्र (Monsoon Session) शुरू होना है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मई महीने में ही महाराष्ट्र (Maharashtra News) की घटनाओं पर बहुत कुछ निर्णय लिया था और शिंदे की सरकार को बरकरार रख दिया था। लेकिन इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने विधानसभा अध्यक्ष को यह भी कहा था कि उचित समय पर शिंदे गुट (Eknath Shinde) के 16 विधायकों के बारे में जल्द निर्णय लिया जाए। बता दें कि इन विधायकों पर अयोग्यता की तलवार लटक रही है।
इधर जब विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की तरफ से इस मामले में देरी हो रही थी तब ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray) की तरफ से शीर्ष अदालत ने एक याचिका के जरिये जल्द शिंदे गुट के 16 विधायकों के बारे में निर्णय दिलाने की अपील की गई थी। इस अपील के बाद ही अभी एक दिन पहले ही नार्वेकर ने कहा कि उन्हें चुनाव आयोग की तरफ से शिवसेना का संविधान मिल गया है और अब शिंदे गुट के 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की जाएगी। आज नार्वेकर ने साफ़ तौर पर कहा है कि शिंदे गुट के 40 विधायकों समेत उद्धव गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी किया गया है और उनसे अयोग्यता पर जवाब भी मांगा गया है।
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यह भी बता दें कि अयोग्यता का यह मामला उस समय का है जब शिंदे गुट ने शिवसेना (Shivsena) तोड़कर बीजेपी (BJP) के साथ हाथ मिलाया था। उस समय विधायक सुनील प्रभु ने अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में उस समय शिंदे और 15 अन्य विधायकों के खिलाफ विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की याचिका दायर की थी।
अब देखना ये है कि विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर किस तरह का फैसला लेते हैं। हालांकि इस मामले पर शीर्ष अदालत की भी नजर है। ऐसे में नार्वेकर वही करेंगे जो कानून सम्मत है और अगर फैसला शिंदे गुट के खिलाफ जाता है तो संभव है कि महाराष्ट्र की सरकार पर इसका असर पड़ेगा और वहां एक नई राजनीति भी शुरू हो सकती है। इस पूरे खेल में यह भी हो सकता है कि शिंदे गुट के बहुत से विधायक फिर से उद्धव गुट के साथ जा सकते हैं और इसकी सम्भावना भी बढ़ी हुई है लेकिन फिर शिंदे की राजनीति क्या होगी यह देखने की बात होगी। बीजेपी इस पूरे मामले में अभी मौन है।