महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीजेपी (BJP) का खेल कही उल्टा तो नहीं पड़ रहा है। अजीत पवार गुट के आने से मौजूदा बीजेपी गठबंधन में विधायको की संख्या भले ही 200 के पार हो गई है लेकिन भीतर से खेल हो रहा है उससे बीजेपी की परेशानी बढ़ती जा रही है। यही हाल शिंदे गुट की भी है। शिंदे गुट के दर्जन भर विधायकों ने साफ कह दिया है कि अगर उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया तो फिर वे आगे जो भी करेंगे उसके लिए शिंदे जिम्मेदार होंगे।
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जानकारी के मुताबिक शिंदे गुट के करीब 6 विधायक इस बीच में उद्धव गुट से मिले है। कहा जा रहा है कि उद्धव की पार्टी की तरफ से इन विधायको को फिर से पार्टी में वापसी करने की बात कही गई है लेकिन यह भी कहा गया है कि पहले विधान सभा अध्यक्ष के निर्णय को देखना जरूरी है। बता दें की शिंदे गुट के 16 विधायकों पर विधायकी (Maharashtra) खत्म होने की तलवार लटकी हुई है। इनमें खुद सीएम शिंदे भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले को गंभीरता से देख रहा है। विधान सभा अध्यक्ष नार्वेकर क्या फैसला लेते है इस पर देश की नजर है ।
उधर अजीत पवार की एंट्री के बाद बीजेपी के भीतर भी घमासान मचा हुआ है। बीजेपी के कई विधायक इस आस में बैठे हुए थे कि मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें जगह (Maharashtra) मिल सकती है। लेकिन जिस तरह से एनसीपी के बागी गुट ने अजीत पवार के नेतृत्व में सरकार में शामिल होकर शरद पवार को धोखा दिया है उससे बीजेपी के लोग अब मानकर चल रहे है कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनके लिए अब कोई जगह नहीं है।
बीजेपी के नाराज नेता अब कह रहे हैं कि एनसीपी से आए लोग काफी वरिष्ठ है ऐसे में सभी अहम मंत्रालय में उनकी ही पहुंच होगी और अजीत पवार ने यह शर्त भी रखी हुई है ।अगर ऐसा होता है तो बीजेपी के लिए क्या कुछ बचेगा ।
जानकर यह भी कह रहे है कि सबसे ज्यादा परेशानी बीजेपी को है। अगले साल लोकसभा चुनाव है और साथ ही विधान सभा चुनाव भी है। ऐसे में बीजेपी के नेताओं को लग रहा है कि जो माहौल है उसमें चुनावी मैदान में उतरना भी कठिन है। कौन किस सेट पर लड़ेगा और कौन किसके खिलाफ जायेगा यह काफी अहम हो गया है।
शिंदे गुट के बारे में बीजेपी मानकर चल रही थी कि सभी हारी हुई सीट शिंदे गुट को दे दी जाएगी लेकिन अब अजीत पवार की एंट्री के बाद बीजेपी की मुश्किल ज्यादा बढ़ गई है। कई बीजेपी विधायक कह रहे है कि अगर उनकी सीट काटी गई तो खेला हो जाएगा। वे या तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या फिर किसी पार्टी में जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।