Lok Sabha Election 2024: जी 20 की बैठक के बाद अब बीजेपी की निगाह आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) पर है। पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव भी बीजेपी के लिए चुनौती है। लेकिन बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती लोकसभा चुनाव ने फिर से फतह करने की है। बीजेपी जानती है कि अगर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में वह पिछड़ गई तो खेल ख़राब होगा। बीजेपी को यह भी पता है कि आज की सरकार जो भी काम विपक्ष के खिलाफ कर रही है, कल सत्ता जाने के बाद वही खेल उसके साथ भी हो सकता है। बीजेपी को यह भी मालूम है कि सत्ता जाने के बाद बीजेपी के बहुत से नेता ही जेल नहीं जायेंगे बीजेपी की बहुत सी संस्थाएं भी खत्म हो सकती है। बहुत से संगठन भी ख़त्म हो सकते हैं और फिर कई बीजेपी सरकारों के कारनामे भी सामने आएंगे। बीजेपी को यह भी पता है कि पार्टी की हार होते हैं पार्टी में टूट भी हो सकती है और बीजेपी को यह भी पता है कि सत्ता के जाते ही आज जो बीजेपी के नेता मोदी और शाह के सामने नतमस्तक हैं वे ही कल उनके खिलाफ बोलने से चूक नहीं पाएंगे।
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इसलिए चुनाव (Lok Sabha Elections) जीतना जरुरी है। यह बात और है कि आज भी मोदी के सामने विपक्ष का कोई भी नेता बराबरी नहीं कर पा रहा है। लेकिन यह भी साफ़ है कि मोदी जी का इकबाल अब पहले जैसा नहीं रहा। उनका इकबाल लगातार घटता जा रहा है। उनकी सरकार अब सकते में फंसती जा रही है। उनकी सरकार के खिलाफ लोग अब जवाब उठा रहे हैं। उनकी भक्ति में लीन रहने वाले बहुत से लोगों का सपना अब टूट गया है। उनकी आंखें खुल गई और अब से उन लोगों की संख्या सामने आते दिख रही है जो कल तक बीजेपी के लिए जान देने को तैयार थे लेकिन आज वे मोदी और शाह के खिलाफ जगह-जगह प्रवचन भी दे रहे हैं।
पांच राज्यों में चुनाव बीजेपी की पहली चुनौती है। अगर इन राज्यों में बीजेपी की जीत नहीं हो पाती है तो फिर बीजेपी के लिए 2024 संकट बड़ा हो जाएगा। मध्यप्रदेश और कर्नाटक के साथ ही राजस्थान से भी बीजेपी को लगभग सभी सीटें बीजेपी को पिछले लोकसभा चुनाव मिल थी। यह बीजेपी की जीत का क्लाइमेक्स काल था। अधिक से अधिक सीटें बीजेपी ने जीती है। अब सीटें तो आगे और बधाई नहीं जा सकती। लेकिन अब सीटें अगर घटती है तब क्या होगा? क्या बीजेपी यह दावा कर सकती है कि इस बार के चुनाव (Lok Sabha Elections) में भी उसे उतनी ही सीटें मिलेगी जितनी पिछले चुनाव में मिली थी। हरगिज नहीं। बीजेपी के जो लोग यह दावा कर रहे हैं वे या तो झूठ बोल रहे हैं या फिर जनता को भ्रमित कर रहे हैं।
पांच राज्यों का चुनाव अगर बीजेपी के पक्ष में नहीं जाता है तो आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ जाएगी। वैसे बीजेपी अभी यह भी चाह रही है कि लोकसभा और विधान सभा चुनाव एक साथ ही हो और इसके लिए संभवतः संसद के विशेष सत्र में कोई बड़ी बात भी हो। लेकिन इतना तो सच है कि बीजेपी की हालत अब पहले वाली नहीं रह गई है। कांग्रेस जिस तेजी से खुद को रिवाइव कर रही है उससे बीजेपी की परेशानी और भी बढ़ती जा रही है।
बीजेपी की सबसे ज्यादा परेशानी बिहार और यूपी में होने जा रही है। बिहार में जिस तरह की घेराबंदी नीतीश कुमार और लालू प्रसाद करते दिख रहे हैं ऐसे में बीजेपी को पांच से छह सीटों को जीतना भी मुश्किल हो सकता है। यह बात और है कि बीजेपी इस बार पूरी ताकत के साथ बिहार में उतरने को तैयार है। बीजेपी को खुद ही जितनी सीट मिलेगी उसी पर उसको यकीन है। बीजेपी भी जानती है कि बिहार में उसके साथ जितनी पार्टियां जुड़ी हुई है उसका कोई राजनीतिक आयाम नहीं है।
इसके साथ ही यूपी में भी बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है। सपा और बसपा बड़ी तैयारी के साथ बीजेपी को चुनौती देने को तैयार है। हालांकि बसपा अभी तक अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रही है लेकिन भीतर से यह खबर भी सामने आ रही है कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद बसपा प्रमुख मायावती कोई बड़ा निर्णय ले सकती है। उधर जयंत चौधरी और कांग्रेस की तैयारी चल रही है उससे बीजेपी घबरा सी गई। जयंत की कोशिश वेस्टर्न यूपी को साधने की है वही कांग्रेस की कोशिश दलित और मुस्लिम वोटों के साथ ही ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने की है। ऐसे में ये सभी वोट अगर एक साथ मिल जाते हैं तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है। वैसे बीजेपी पूरी कोशिश कर रही है कि इस चुनाव में बीजेपी एक ग्राफ और भी आगे बढ़े। लेकिन सपा और कांग्रेस के साथ पूरे इंडिया गठबंधन की जो राजनीति चल रही है वह बीजेपी के लिए कम चुनौतीपर्ण नहीं।