Glenn Maxwell: ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंर ग्लेन मैक्सवेल ने वह कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी मुश्किल थी। अब जब भी कभी वनडे इतिहास के सर्वश्रेष्ठ रनचेज का जिक्र आएगा, हमेशा अफगानिस्तान के खिलाफ कंगारुओं के 292 रन वाला मुकाबला याद किया जाएगा। खेल के जगत में मिसाल कायम करने वाले हीरोज की कमी नहीं हैं। लेकिन गिरकर उठने, उठकर दौड़ने और आखिर में सबको पीछे छोड़कर मंजिल तक पहुंचने वाले बाजीगर कभी कभी देखने को मिलते हैं। आप जिस भी परिस्थिति में हों, जिस भी खेमे में हों, ऐसे क्षण आपको ऊर्जा से भर देते हैं और आपको बरबस यह कहने को मजबूर कर देते हैं -अद्भुत, अविस्मरणीय, अप्रतिम। ऐसी ही एक बेमिसाल इनिंग्स खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल (Glenn Maxwell) ने 7 नवंबर यानि मंगलवार को मायानगरी मुंबई में किया। पिछले दिनों विश्व कप का सबसे तेज शतक लगाने वाले मैक्सवेल (Glenn Maxwell) के दोहरे शतक ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट से जीत हासिल की और सेमीफाइनल (semifinal) में अपना स्थान पक्का कर लिया।
बता दें टीम अफगानिस्तान ने 292 रन का टारगेट दिया था और टारगेट का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ( team Australia ) के 19वें ओवर में 91 रन पर 7 विकेट चटक गए थे। नाउम्मीदी के बीच यहां से मैक्सवेल (Glenn Maxwell) ही टीम के लिए एक उम्मीद थे। उन्हें दूसरे छोर से एक साथी भी चाहिए था। कप्तान पैट कमिंस ने एक छोर संभाला और 68 बॉल पर 12 रन बनाकर नॉट आउट रहे। मैक्सवेल (Glenn Maxwell) ने रन बनाने की जिम्मेदारी अकेले उठाई। मैक्सवेल 3 बार क्रैंप के शिकार हुए। रन लेते हुए गिर पड़े। बीच मैदान इलाज लिया। फुटवर्क जीरो हो गया था। मगर उन्होंने उमस भरे माहौल में हिम्मत नहीं हारी। कप्तान कमिंस एक छोर से बैट पर एक हाथ की थपथपी से उनका मनोबल बढ़ाते और मैक्सवेल (Glenn Maxwell) हर बार चौका या छक्का लगाते। उनके लिए दौड़ना मुश्किल था।
ज्यादा दिन नहीं हुए जब ग्लेन मैक्सवेल (Glenn Maxwell) ने मेंटल हेल्थ का हवाला देकर क्रिकेट से ब्रेक ले लिया था। उनका ब्रेक अनिश्चितकालीन था और खेल में वापसी के बारे में उन्होंने तब सोचा नहीं था। उस दौर में मैक्सवेल किसी से फोन पर बात तक नहीं करना चाहते थे। उस दौरान उनके साथी क्रिकेटर मोइजेज हेनरिक्स ने उन्हें फोन किया जो इसी तरह की समस्या से गुजर चुके थे। परिवार के सपोर्ट और मोइजेज के अनुभव बांटने से मैक्सवेल (Glenn Maxwell) कुछ हफ्तों बाद सामान्य हुए और फिर से बैट पकड़ लिया। बैट के साथ वह क्या कर सकते थे यह सबको पता था। वह लौटे तो पहले से ज्यादा मजबूती के साथ लौटे। अपनी इस पारी के बाद मैक्सवेल (Glenn Maxwell) मानसिक मजबूती की नई मिसाल बन गए हैं।
मैक्सवेल और कमिंस (Glenn Maxwell) ने 8वें विकेट के लिए 170 गेंद पर नाबाद 202 रन की वर्ल्ड रिकॉर्ड साझेदारी की और मैक्सवेल 201* रन पर नाबाद लौटे। उन्हें सिक्स के साथ दोहरा शतक (double century) पूरा किया और टीम को जीत भी दिलाई। वनडे में लक्ष्य का पीछा करते हुए यह पहली डबल सेंचुरी बनी और टारगेट का पीछा करते हुए यह सबसे बड़ा स्कोर बना। मैक्सवेल (Glenn Maxwell) की यह साहसिक पारी सदा याद रखी जाएगी। मैक्सवेल अब ऑस्ट्रेलिया ( australia) की तरफ से वनडे में डबल सेंचुरी मारने वाले पहले खिलाड़ी बन चुके हैं। लक्ष्य का पीछा करते हुए वनडे का सर्वोच्च स्कोर। दोहरा शतक मारने वाले पहले नॉन ओपनर। रनचेज करते हुए वनडे का पहला दोहरा शतक जैसे रिकॉर्ड मैक्सवेल (Glenn Maxwell) के नाम आ चुके हैं।