मिशन यूपी : राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे अखिलेश, क्या अबदलेगी तस्वीर ?
Bharat jodo Nyay yatra News UP: खेल तो चौतरफा चल रहा है। और सबसे बड़ी बात है कि सभी खेल राजनीतिक हैं और चुनाव से जुड़े हुए हैं। बीजेपी एक तरफ दिन रात बैठके कर रही है। नेताओं को समझा बुझा रही और और कैसे सामने वालों को ध्वस्त किया जा सकता है इसको लेकर मंथन भी कर रही है।
मकसद एक ही है कि चाहे जो भी हो जाए इस बार भी लोकसभा चुनाव को फतह करना है और और केंद्र में मोदी की सरकार बनानी है। बीजेपी इस बात को जानती है कि अगर सरकार नहीं बनी तो फिर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ेगी और साथ ही संघ पर भी हमला किया जाएगा। बीजेपी के कई लोग परेशानी में पड़ेंगे और उनकी कई योजनाएं ध्वस्त हो जाएगी। बीजेपी को यह भी कीसत्ता से हटने के बाद वही सब उसके साथ भी हो सकता है जो अभी वह किसी दूसरे के साथ कर रही है। बीजेपी के कई क्षेत्रीय नेताओं की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ सकती है। इसलिए सत्ता में रहना जरुरी है और सत्ता में बने रहने किए लिए लोगों को भ्रमित करना जरूरी है और असली मुद्दों से उन्हें हटाए रखना भी जरुरी है।
लेकिन यह तो सत्तारूढ़ बीजेपी की कहानी है। उधर विपक्ष में भी तो बहुत कुछ चल रहा है। उनकी परेशानी तो और भी ज्यादा है। विपक्ष भी जानते हैं कि इस बार चुनाव जीतने से पिछड़ गए तो खेल कुछ और भी होगा। उनकी राजनीति तो ख़त्म होगी ही उनकी पार्टी भी ख़त्म हो जाएगी। पार्टी रूपी दूकान ख़त्म हुई तो खेलो ही ख़त्म हो सकता है। की क्षेत्रीय दलों की परेशानी पहले से जो चल रही है और इस बार जब सभी विपक्षी दल एक होकर इंडिया गठबंधन के बैनर पर पहुंचे हैं तो एक आस जरूर जगी है लेकिन अभी भी इनमे कई दलों के भीतर ऐंठन है और उनको लग रहा है कि उनके बिना गठबंधन संभव ही नहीं है।
इंडिया गठबंधन में सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस के लिए है। कांग्रेस दस साल से सत्ता से बाहर है। इस बार भी अगर वह सत्ता से चूक जाती है तो पार्टी का बचे रहना भी मुश्किल है। ऐसे में कांग्रेस की सब्नसे जिद इस कोशिश में जुटी हुई है कि सबकोप साथ लेकर बीजेपी को चुनौती दी जाए। राहुल गाँधी भी सबको साथ लेकर आगे बढ़ते दिख रहे हैं। इधर रहल गाँधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर फिर से निकले हुए हैं। वे मणिपुर से यात्रा की शुरुआत कर अभी ओडिशा पहुँच चुके हैं। यात्रा को व्यापक समर्थन भी मिल रहा है लेकिन अभी तक वाम दलों को छोड़कर कोई भी विपक्षी बड़ा नेता यात्रा में शामिल नहीं हुआ है। यात्रा को सबसे जायदा सम्मान झारखण्ड में मिला है। बंगाल में हालांकि ममता को शामिल होना था लेकिन वह भी शामिल नहीं हो सकी लेकिन अब उम्मीद की जा रही है कि जब यात्रा यूपी में प्रवेश करेगी तो यूपी लकी मुख्य विपक्षी पार्टी सपा और उसके नेता अखिलेश यादव यात्रा में शामिल होंगे।
अखिलेश यादव को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने यात्रा में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा था और अब अखिलेश यादव ने उसे स्वीकार कर लिया है और यात्रा में शामिल होने की बात भी कही है। या इस यातर के लिए बड़ी बात है। अखिलेश यादव ने कहा है कि वे व्यक्तिगत रूप से इस यात्रा में रायबरेली और अमेठी में हाजिर रहेंगे।
अखिलेश की इस सहमति के बाद अब बीजेपी की परेशानी बढ़ रही है। बीजेपी को उम्मीद थी कि नीतीश और ममता की तरह ही अखिलेश भी यात्रा से दूर हो जायेंगे लेकिन अखिलेश ने यातर के निमंत्रण को स्वीकार कर बीजेपी की परेशानी को और भी बढ़ा दिया है। ऐसे में अब यूपी में बड़े खेल की सम्भावन व्यक्त की जा रही है। कहा जा रहा है कि इस बार यूपी में ही सब्नसे बड़ा खेला होगा। एक तरफ बीजेपी अपना कमाल दिखाएगी तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन का अपना खेल होगा।