मुंबई: पिछले दो दिन से उद्धव ठाकरे की सरकार पर छाया ‘महासंकट’ कम होने की बजाय बढता ही जा रहा है। उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 40 विधायकों के अपने साथ होने का दावा किया है। इन सभी विधायकों को पहले गुजरात के सूरत में एक पंच सितारा होटल में रखा गया था, लेकिन अब सबको गुवाहाटी शिफ्ट कर दिया गया है।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार में शामिल सहयोगी दलों कांग्रेस और एनसीपी(राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टीः की शरण में है, लेकिन इसके बावजूद सरकार बचाये रखने की फिलहाल कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए कांग्रेस नेता कमलनाथ मुंबई जाकर मुलाकात की है। वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी अपने पार्टी ने विधायकों के साथ बैठक कर चुके हैं और वे भी उद्धव से मिल सकते हैं, लेकिन जिस तरह से शिवसेना के बागी विधायक पाला बदले बैठे हैं, इससे संख्या बल के हिसाब से महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में गिरनी तय ही मानी जा रही है।
शिवसेना नेता संजय राउत मीडिया के सामने स्वीकार कर चुके हैं कि शिवसेना के कुछ विधायकों से मनमुटाव है। वे कह चुके हैं कि महाराष्ट्र की सत्ता चली जाएगी, इससे ज्यादा और क्या हो सकता है।
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राउत का कहना है कि एकनाथ शिंदे से एक घंटे तक बातचीत हुई है, लेकिन क्या वे उन्हें मना पाये हैं, इस बारे में कुछ नहीं बता पाये हैं। इधर उद्धव सरकार गिरते ही भाजपा महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाने का दावा ठोंक सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणनीस इसके लिए पूरी जोड़तोड़ के साथ तैयारी में जुट गयी है। अब देखना ये होगा कि शिवसेना को इस सियासी संकट से उबारे में कांग्रेस के कमलनाथ और एनसीपी के शरद पवार उद्धव ठाकरे के लिए किस हद तक उपयोगी साबित होते हैं।