Latest Political News UP: समाजवादी पार्टी (samajwadi party) ने लोकसभा चुनाव (loksabha election) में अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव इस्तीफा दे सकते हैं। वे कन्नोज लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं। इससे पहले वे मैनपुरी की करहल विधानसभी सीट से विधायक हैं। ऐसे में उन्हें सिर्फ एक सीट का चयन करना होगा।
समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करते हुए उत्तर प्रदेश में 37 सीटें अपने नाम की. जिसके बाद पार्टी नेताओं का अनुमान है कि ऐसी स्थिति में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे देंगे। इसी समय कई नेता चुनाव लड़ने की तैयारी में भी हैं। हालांकि पार्टी हाईकमान ने अभी इस मामले में अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।
करहल विधानसभा सीट से विधायक अखिलेश यादव पार्टी के अध्यक्ष हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिछले लोकसभा चुनाव में कन्नौज लोकसभा सीट (loksabha seat) से विजयी हुए थे। अखिलेश (akhilesh) की जीत की बदौलत समाजवादी पार्टी ने इस बार लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है। सपा अब देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। नतीजों से सपा हाईकमान भी खुश है। पार्टी के पदाधिकारी अनुमान लगा रहे हैं कि सपा के पास बड़ी संख्या में सांसद हैं, इसलिए अखिलेश यादव को दिल्ली (Delhi) में राजनीति करनी चाहिए। संसद में उन्हें पार्टी के सांसदों का प्रतिनिधित्व करना चाहिए। पार्टी के नेता अनुमान लगा रहे हैं कि इन अफवाहों के चलते सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो करहल विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय है।
करहल सीट से ये होंगे दावेदार
अगर अखिलेश यादव अपनी करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं तो SP के कई उम्मीदवार मैदान में उतर सकते हैं। अखिलेश यादव, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, आदित्य यादव और अक्षय यादव सैफई परिवार से सांसद चुने गए हैं। पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव, पूर्व एमएलसी अरविंद यादव और पूर्व विधायक सोवरन सिंह यादव भी इस मामले में उम्मीदवार हो सकते हैं।
आजमगढ़ लोकसभा सीट से दिया था इस्तीफा।
SP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2019 के चुनाव में आजमगढ़ से लोकसभा सीट (loksabha seat) जीती थी। इसके बाद उन्होंने 2022 में करहल सीट से चुनाव लड़ा और विधानसभा के लिए चुने गए। संसद में SP के बहुत कम सांसद होने के कारण उन्होंने लोकसभा (Loksabha) से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वे विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर काम कर रहे थे और विधायकों को निर्देश दे रहे थे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे निर्णय
जिला अध्यक्ष आलोक शाक्य ने बताया कि इस संबंध में कोई भी निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे, पार्टी पदाधिकारी जो भी निर्णय लेंगे उसे स्वीकार करेंगे, क्योंकि जिला कार्यकारिणी को अभी इस बारे में नहीं बताया गया है।