Thyroid disorder : थायरॉइड डिसऑर्डर से कैसे बढ़ता है हार्ट डिजीज का खतरा?
How does thyroid disorder increase the risk of heart disease?
थायरॉइड हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी आपकी सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। थायरॉइड डिसऑर्डर न केवल मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है, बल्कि दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ाता है। आइए, इस विषय पर जानते है और समझते है कि थायरॉइड डिसऑर्डर के कारण कैसे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है।
थायरॉइड और मेटाबॉलिज्म का संबंध
थायरॉइड ग्रंथि हमारे गले में स्थित एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है, जो थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन करती है। ये हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में भी सहायक होते हैं। जब थायरॉइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
थायरॉइड डिसऑर्डर के प्रकार
थायरॉइड डिसऑर्डर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं: हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथायरॉइडिज्म।
हाइपोथायरॉइडिज्म: इसमें थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है। इसके कारण मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे वजन बढ़ना, थकान, ठंड लगना, और हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
हाइपरथायरॉइडिज्म: इसमें थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन अधिक हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है, जिससे वजन कम होना, धड़कन बढ़ना, और हृदय संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
थायरॉइड डिसऑर्डर और हार्ट डिजीज
डॉक्टरों के अनुसार, थायरॉइड डिसऑर्डर से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। हाइपोथायरॉइडिज्म के कारण दिल की धड़कन धीमी हो जाती है और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे हृदयाघात और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। वहीं, हाइपरथायरॉइडिज्म के कारण दिल की धड़कन तेज हो जाती है, जिससे एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial Fibrillation) हो सकता है, जो हार्ट फेलियर और स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
बचाव और उपचार
थायरॉइड डिसऑर्डर के प्रबंधन के लिए नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह का पालन करना महत्वपूर्ण है। थायरॉइड हार्मोन की मात्रा को संतुलित रखने के लिए दवाओं का सेवन, स्वस्थ आहार, और जीवनशैली में बदलाव आवश्यक हैं। साथ ही, तनाव से बचना और नियमित व्यायाम भी लाभकारी होते हैं।
निष्कर्ष
थायरॉइड डिसऑर्डर के कारण हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन समय पर जांच और उचित उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए, अपनी सेहत का ध्यान रखें और किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। थायरॉइड डिसऑर्डर को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कदम उठाएं, ताकि आप स्वस्थ और सुरक्षित रह सकें।