UP Bijnor News: मंत्री ने सिंचाई विभाग के अफसरो को जमकर लगाई लताड़
The minister reprimanded the officers of the irrigation department fiercely
UP Bijnor News: मूसलाधार बारिशों से नदियों का पानी उफान पर चल रहा है। पूरे प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं। बाढ़ की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किए जाते है।,सरकार के यही प्रयास रहते हैं कि प्रदेश में कही भी बाढ़ जैसे हालात पैदा ना हो। लेकिन अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकार का करोड़ो रुपया बाढ़ के पानी की तरह कहाँ बह जाता है। ये किसी को नही पता. इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में प्रदेश के अफसरों को लापरवाही न बरतने के सख्त आदेश जारी कर रखे है। बाढ़ सुरक्षा कार्यो में कहीं भी कोई भी लापरवाही सामने नही आनी चाहिये। मुख्यमंत्री के आदेशों का अधिकारियों पर कितना असर पड़ता है इसका जीता जागता सबूत आज उस वक्त देखने को मिला जब प्रदेश के राज्य सिचाई मंत्री दिनेश खटीक बिजनौर दौरे पर पहुंचे और उन्होंने गंगा बैराज पर पहुंचकर बाढ़ से बचाओ और रोकथाम के लिए कराए जा रहे निर्माण कार्य को देखा, सिचाई विभाग के कार्यो को देख मंत्री जी आग बबूला हो गए। उन्होंने अफसरों की क्लास लगते हुए कहा कि मैने आजतक इससे घटिया काम नहीं देखा।
बिजनौर में गंगा किनारे बसे गाँवो को बाढ़ से बचाने के लिए गंगा किनारे पत्थरों के बांध बनाये जा रहे है, जिसके निरिक्षण के लिए सिचाई राज्य मंत्री दिनेश खटीक मौके पर जा पहुंचे, मौके पर जब उन्होंने धीमी गति से किये जा रहे आधे अधूरे कामो को देखा तो मंत्री जी अफसरों पर बिगड़ गए,मंत्री जी ने अफसरों को लताड़ लगाते हुए कहा कि सबके खिलाफ एक्शन लिया जायगा, उन्होंने अफसरों को ठेकेदार के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही करने को कहा, मंत्री जी चल रहे काम की गुडवत्ता से इतने गुस्से में थे की ज़मीन से पत्थर उठा उठाकर उन्होंने अफसरों को दिखाते हुए कहा की क्या इन पत्थरो से बांध बनाओगे। मंत्री ने आगे कहा अगर मुख्यमंत्री और सचिव यहां आकर इस काम को देखेंगे तो तुम लोगो पर कार्यवाही जरूर होनी है। सरकार की हर तरह से यही कोशिश रहती है,की प्रदेश में बाढ़ ग्रस्त इलाको की जनता के लिए बरसात से पहले ही बाढ़ की रोकथाम के कार्यों को पूरा कर दिया जाए। जिससे बाढ़ जैसी समस्या से ग्राम वासियों को निजात मिल सके। लेकिन भ्रष्ट अफसर और ठेकेदारों की मिली भगत के चलते समय से काम पूरे नहीं हो पाते और यही कारण है गंगा किनारे बसे ग्रामीणों को बाढ़ जैसी समस्या से जूझना पड़ता है।