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BRIDGES LOAD CAPACITY INCREASED: उत्तराखंड में 300 से ज्यादा पुलों की भार क्षमता बढ़ेगी, सामरिक और औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार

BRIDGES LOAD CAPACITY INCREASED: उत्तराखंड में जल्द ही 300 से अधिक पुलों की लंबाई, चौड़ाई और भार क्षमता को बढ़ाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इस पहल के तहत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित पुलों को अधिक मजबूत और व्यापक बनाया6 जाएगा, जिससे वे भारी वाहनों और मशीनरी के भार को आसानी से सहन कर सकें। सामरिक दृष्टि से भी निर्णय बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल सेना के मूवमेंट को सुगम बनाएगा बल्कि औद्योगिक विकास को भी गति देगा।

BRIDGES LOAD CAPACITY INCREASED: उत्तराखंड में जल्द ही 300 से अधिक पुलों की भार क्षमता को बढ़ाया जाएगा, जिससे राज्य में भारी वाहनों और मशीनरी के आवागमन में आसानी होगी। इस योजना को भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है, और इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। सामरिक दृष्टिकोण से यह फैसला बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि उत्तराखंड की सीमाएं चीन और नेपाल से लगी हुई हैं, जहां सैन्य गतिविधियों के लिए मजबूत पुलों की आवश्यकता होती है।

औद्योगिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण निर्णय

उत्तराखंड में आने वाले वर्षों में निवेश और उद्योगों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। हाल ही में आयोजित इन्वेस्टर समिट के बाद राज्य में भारी उद्योगों के स्थापित होने की उम्मीद है। ऐसे में भारी मशीनरी और औद्योगिक उपकरणों के सुगम परिवहन के लिए पुलों की भार क्षमता बढ़ाना आवश्यक हो गया था। इसके अलावा, सामरिक दृष्टिकोण से भी यह फैसला महत्वपूर्ण है, क्योंकि मजबूत पुलों के निर्माण से सेना का मूवमेंट आसान होगा और भारी सैन्य उपकरणों को स्थानांतरित करने में मदद मिलेगी।

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लोक निर्माण विभाग करेगा कार्य शुरू

उत्तराखंड के राष्ट्रीय राजमार्गों और कुछ प्रमुख स्टेट हाईवे पर स्थित पुलों की भार क्षमता को अपग्रेड करने के लिए राज्य सरकार ने विस्तृत योजना तैयार की है। इस योजना के तहत, कम भार क्षमता वाले पुलों को ‘क्लास बी’ से ‘क्लास ए’ में अपग्रेड किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग (PWD) जल्द ही इस परियोजना पर काम शुरू करेगा। जिन पुलों को इस योजना में शामिल किया गया है, उनकी पहचान पहले ही कर ली गई है।

1610 करोड़ रुपये की लागत से होगा अपग्रेडेशन

इस परियोजना को भारत सरकार से मंजूरी मिल चुकी है और इसे एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) की सहायता से लागू किया जाएगा। परियोजना की कुल लागत 1610 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसमें राज्य सरकार की 10% हिस्सेदारी होगी, जबकि शेष धनराशि एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा प्रदान की जाएगी। लोक निर्माण विभाग और ADB के बीच इस परियोजना के लिए 2025-26 में लोन साइन किया जाएगा।

The load capacity of more than 300 bridges in Uttarakhand will increase, strategic and industrial development will gain momentum

पहले चरण में 296 पुलों पर होगा कार्य

उत्तराखंड में कुल 339 पुलों को ‘क्लास बी’ से ‘क्लास ए’ में अपग्रेड करने के लिए चिन्हित किया गया है। पहले चरण में 296 पुलों पर काम किया जाएगा, जबकि शेष 43 पुलों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाई जा रही है। जिन पुलों की DPR तैयार की जा रही है, उनमें शामिल हैं:

अल्मोड़ा जिले के 8 पुल

बागेश्वर जिले के 10 पुल

पिथौरागढ़ जिले के 9 पुल

चमोली जिले के 4 पुल

देहरादून जिले का 1 पुल

पौड़ी जिले के 15 पुल
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क्लास ए पुलों की विशेषताएं

वर्तमान में उत्तराखंड के कई पुल ‘क्लास बी’ श्रेणी में आते हैं, जिनकी भार क्षमता लगभग 55 टन होती है। अपग्रेड होने के बाद, ये पुल ‘क्लास ए’ में आ जाएंगे, जिनकी भार क्षमता 70 टन तक होगी। इस परियोजना के तहत:

पुलों को 1.5 से 2 लेन तक चौड़ा किया जाएगा।

भारी वाहनों और औद्योगिक उपकरणों के आवागमन की सुविधा बढ़ेगी।

सामरिक दृष्टि से यह फैसला सेना के मूवमेंट को सुगम बनाएगा।

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सड़क और पुलों के विस्तार से आर्थिक विकास को बढ़ावा

उत्तराखंड में इस परियोजना के पूरा होने के बाद न केवल परिवहन और लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि औद्योगिक विकास की रफ्तारu भी तेज होगी। मजबूत पुलों के निर्माण से राज्य में बड़ी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना आसान होगी, जिससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

सामरिक महत्व: सेना के मूवमेंट में होगी सुविधा

उत्तराखंड की सीमाएं नेपाल और चीन से लगी हुई हैं, और यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। सेना के भारी वाहनों, टैंकों और हथियारों को सुगमता से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए मजबूत पुलों की आवश्यकता होती है। इस योजना के तहत बनाए जाने वाले ‘क्लास ए’ पुल सेना के मूवमेंट को और आसान बनाएंगे।

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Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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