PM Modi France Visit: सिर्फ लड़ाकू विमान ही नहीं, जानिए भारत और फ्रांस एक-दूसरे से क्या-क्या आयात करते हैं?
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा पर पेरिस पहुंच गए हैं। पीएम मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बीच भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी की भी समीक्षा की जाएगी। माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी होगी, जिसमें कई रक्षा समझौतों पर सहमति बन सकती है। आइए इस बहाने जानते हैं कि भारत और फ्रांस एक दूसरे से क्या ऑर्डर करते हैं?
PM Modi France Visit: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर फ्रांस में हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया है। एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी होगी, जिसमें कई रक्षा समझौतों पर सहमति बन सकती है।
भारत पहले से ही फ्रांस से लड़ाकू विमान राफेल आयात कर रहा है। इसके अलावा अब नौसेना के लिए लड़ाकू विमान राफेल एम की खरीद को मंजूरी मिल सकती है। इसी बहाने आइए जानते हैं कि भारत और फ्रांस एक दूसरे से क्या ऑर्डर करते हैं?
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यूरोपीय देशों में सबसे बड़ा साझेदार
दरअसल, 1998 के बाद से कूटनीतिक और रक्षा क्षेत्र में भारत-फ्रांस की दोस्ती काफी मजबूत हुई है। हालांकि भारत की आजादी के बाद चार दशक तक ब्रिटेन यूरोपीय देशों में भारत का सबसे करीबी साझेदार रहा। इसके बाद रूस भारत का सबसे बड़ा दोस्त बनकर उभरा लेकिन अब फ्रांस यूरोपीय देशों में उसका सबसे मजबूत साझेदार बन गया है। 1998 में जब भारत ने राजस्थान के पोखरण में परमाणु बम का परीक्षण किया तो अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने नाराजगी जताई थी। इस परीक्षण को लेकर भारत पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे। इसके बावजूद फ्रांस इन देशों के समूह में शामिल नहीं हुआ। इसके उलट फ्रांस ने भारत पर लगे प्रतिबंधों को जल्द से जल्द हटाने में मदद की।
कारगिल युद्ध में मिराज एक आपदा थी
भारत ने अपनी नौसेना के लिए फ्रांस से राफेल जेट खरीदे हैं, जिसने कई दुश्मन देशों की नींद उड़ा दी है। फ्रांस से खरीदे गए मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को कड़ी टक्कर दी थी। वर्तमान में मिराज भारत का एकमात्र ऐसा लड़ाकू विमान है जो परमाणु बम गिराने में सक्षम है। 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद भारत पर लगे प्रतिबंधों के बावजूद फ्रांस ने भारत को अपनी परमाणु सक्षम पृथ्वी मिसाइल के लिए इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम दिया था। अब फ्रांस ने भारत के साथ मिलकर लड़ाकू विमान बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ा दिए हैं।
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दोनों देश एक-दूसरे से करते हैं ये सामान आयात
लड़ाकू विमानों के अलावा, भारत वर्तमान में फ्रांस से विमान उपकरण, हेलीकॉप्टर, एलएनजी, टर्बो जेट, नेविगेशन उपकरण और टर्बाइन आयात करता है। दूसरी ओर, फ्रांस इस रणनीतिक और रक्षा साझेदार देश से एटीएफ, डीजल, कपड़े, जूते, स्मार्टफोन, सोने के आभूषण, हवाई जहाज के पुर्जे, दवाइयाँ और रसायन आयात करता है।
भारत में काम कर रही फ्रांसीसी कंपनियाँ
इनके अलावा दोनों देशों की कंपनियां एक-दूसरे के देश में काम कर रही हैं। इनमें फ्रांस की इंजी-सोलर कंपनी भारतीय सौर ऊर्जा क्षेत्र में सबसे बड़ी विदेशी निवेशक है। भारत में 800 मेगावाट की सौर परियोजनाएं और 280 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित हैं। ये उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु में चल रही हैं। इसके अलावा फ्रांस की वाहन निर्माण कंपनी पीएसए ग्रुप ने भारतीय सीके बिड़ला समूह के साथ मिलकर तमिलनाडु में पावरट्रेन निर्माण इकाई स्थापित की है।
फ्रांस की ऑटोमोबाइल कंपनी रेनॉल्ट भारत में कार बना रही है। कंपनी की चेन्नई में एक प्रोडक्शन यूनिट और मुंबई में एक डिजाइन स्टूडियो है। इलेक्ट्रिक उपकरण बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी स्नाइडेक इलेक्ट्रिक ने भारत में 28 कारखाने स्थापित किए हैं। इसी तरह, विमान इंजन बनाने वाली कंपनी सफ्रान ने हैदराबाद और बेंगलुरु में एचएएल के साथ मिलकर तीन विनिर्माण इकाइयां स्थापित की हैं।
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ये भारतीय कंपनियां कर रही हैं फ्रांस में काम
महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह की कंपनी टेक महिंद्रा ने एयरोस्पेस क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए फ्रांस के टूलूज में एक विकास केंद्र स्थापित किया है। इसी तरह टाटा समूह की कई कंपनियां जैसे टाटा कम्युनिकेशन, टाटा एलेक्सी, टीसीएस और टाटा स्टील फ्रांस में काम कर रही हैं। मदरसन सुमी कंपनी के भी फ्रांस में कई विनिर्माण संयंत्र हैं, जो वाहनों के पुर्जे बनाते हैं। सिंटेक्स फ्रांस में प्लास्टिक वाटर टैंक जैसे उत्पाद बनाती है। एनटीपीसी और फ्रांसीसी कंपनी ईडीएफ मिलकर मध्य एशियाई देशों, यूरोप और अफ्रीका में बिजली परियोजनाएं विकसित कर रही हैं।
इन पर भी बन सकती है सहमति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत अपनी नौसेना के लिए फ्रांस से राफेल एम लड़ाकू विमान खरीदने के लिए अरबों डॉलर का सौदा कर सकता है। राफेल एम लड़ाकू विमानों को आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात करने की योजना है। इन लड़ाकू विमानों में मीटियोर एयर टू एयर मिसाइल जैसे अत्याधुनिक हथियार लगे होंगे। इसके साथ ही इनमें कई एंटी शिप हथियार भी लगे होंगे जो दुश्मन के युद्धपोतों को तबाह कर देंगे। समुद्र में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए भारत फ्रांस से और स्कॉर्पीन पनडुब्बियां खरीदने का समझौता कर सकता है।
इतना ही नहीं फ्रांस को भारत का पिनाका रॉकेट सिस्टम काफी पसंद आया है। भगवान शिव के धनुष पिनाका के नाम पर बने पिनाका रॉकेट सिस्टम को डीआरडीओ ने विकसित किया है। इससे महज 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागे जा सकते हैं। इसकी रेंज सात किमी से 90 किमी तक है। पिनाका रॉकेट सिस्टम के तीन वैरिएंट हैं। एमके-1 45 किमी तक निशाना साध सकता है। एमके-2 90 किमी की दूरी तक दुश्मन को तबाह करने में सक्षम है। वहीं, एमके-3 रॉकेट लॉन्चर सिस्टम अभी निर्माणाधीन है और संभावना है कि इसकी रेंज इससे भी ज्यादा होगी।
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