38TH NATIONAL GAMES 2025: नेशनल गेम्स 2025 में उत्तराखंड ने रचा इतिहास, पहली बार पदकों का शतक पार
NATIONAL GAMES 2025: 38वें नेशनल गेम्स 2025 में उत्तराखंड ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए पहली बार 100 से अधिक पदक जीतने का कीर्तिमान स्थापित किया है। राज्य ने अपनी पिछली उपलब्धि को चार गुना से अधिक बढ़ाते हुए कुल 102 पदक अपने नाम किए हैं। इस शानदार प्रदर्शन के साथ उत्तराखंड सबसे ज्यादा पदक जीतने वाले राज्यों में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। वहीं, पदक तालिका में सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड (SSCB) ने 121 पदकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है। उत्तराखंड की इस उपलब्धि पर खेल मंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए इसे प्रदेश के खिलाड़ियों की मेहनत और सरकार की खेल नीतियों का परिणाम बताया है
38TH NATIONAL GAMES 2025 : उत्तराखंड ने 38वें नेशनल गेम्स 2025 में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए पहली बार 100 से अधिक पदक जीतने का कीर्तिमान स्थापित किया है। गोवा में हुए पिछले नेशनल गेम्स में राज्य ने कुल 24 पदक जीते थे, लेकिन इस बार प्रदर्शन को चार गुना बेहतर करते हुए उत्तराखंड ने कुल 102 पदक अपने नाम कर लिए हैं। इस उपलब्धि के साथ उत्तराखंड सबसे ज्यादा पदक जीतने वाले राज्यों में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। राज्य की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर खेल मंत्री रेखा आर्य ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह प्रदेश के खिलाड़ियों की मेहनत और सरकार की खेल नीतियों का परिणाम है।
नेशनल गेम्स 2025 पदक तालिका: सर्विसेज पहले स्थान पर, महाराष्ट्र और हरियाणा आगे
38वें राष्ट्रीय खेलों में सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड (SSCB) ने कुल 121 पदक (68 स्वर्ण, 26 रजत, 27 कांस्य) जीतकर पहला स्थान हासिल किया है। हालांकि, सर्विसेज किसी राज्य के रूप में गिनी नहीं जाती, इसलिए यदि केवल राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र पहले स्थान पर है। महाराष्ट्र ने कुल 198 पदक (54 स्वर्ण, 71 रजत, 73 कांस्य) जीते हैं। हरियाणा 153 पदकों (48 स्वर्ण, 47 रजत, 58 कांस्य) के साथ दूसरे स्थान पर है।
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उत्तराखंड ने 102 पदक (24 स्वर्ण, 35 रजत, 43 कांस्य) जीतकर सातवां स्थान प्राप्त किया है, लेकिन यदि राज्यों के पदकों की संख्या के आधार पर देखा जाए, तो उत्तराखंड तीसरे स्थान पर आता है। उत्तराखंड से आगे केवल महाराष्ट्र और हरियाणा हैं, जबकि राज्यों की सूची में उसने कई बड़े और पारंपरिक रूप से मजबूत माने जाने वाले खेल राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।
उत्तराखंड के पदकों की सेंचुरी, प्रदेश के लिए ऐतिहासिक दिन
उत्तराखंड के लिए यह राष्ट्रीय खेल एक ऐतिहासिक साबित हुए हैं। राज्य के खिलाड़ियों ने अंतिम दिन तक शानदार प्रदर्शन करते हुए पदकों की सेंचुरी पूरी की। पिछले संस्करण में महज 24 पदक जीतने वाले उत्तराखंड ने इस बार चार गुना से ज्यादा मेडल जीतकर अपने प्रदर्शन में बड़ा सुधार किया है।
पदक वितरण:
स्वर्ण पदक: 24
रजत पदक: 35
कांस्य पदक: 43
कुल पदक: 102
उत्तराखंड ने केवल पदकों की संख्या में ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता में भी सुधार किया है। विभिन्न खेलों में खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया और देशभर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
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उत्तराखंड की उपलब्धियों पर खेल मंत्री ने जताई खुशी
उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य ने इस ऐतिहासिक सफलता पर सभी खिलाड़ियों को बधाई दी और इसे प्रदेश की खेल संस्कृति में एक नए युग की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा,
“उत्तराखंड ने अब तक के नेशनल गेम्स के इतिहास में पहली बार 100 से ज्यादा पदक जीते हैं। यह हमारे खिलाड़ियों की मेहनत और सरकार की खेल नीति का परिणाम है। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना, पदक जीतने पर सरकारी नौकरियां, खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज जैसी योजनाओं से प्रदेश को ‘खेल भूमि’ बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के खिलाड़ी अब एशियाड और ओलंपिक की तैयारियों की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि राज्य सरकार भविष्य में खिलाड़ियों को और अधिक सुविधाएं प्रदान करेगी।
उत्तराखंड के सुपरस्टार खिलाड़ी, जिन्होंने दिलाई ऐतिहासिक जीत
इस ऐतिहासिक प्रदर्शन में उत्तराखंड के कई खिलाड़ियों ने असाधारण प्रदर्शन किया। कुछ ऐसे खिलाड़ी रहे, जिन्होंने स्वर्ण पदकों की झड़ी लगा दी और राज्य को ऊंचाईयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
मॉडर्न पेंटाथलॉन: सक्षम सिंह और ममता खाती ने एक ही दिन में 3-3 स्वर्ण पदक जीतकर स्वर्ण हैट्रिक लगाई।
एथलेटिक्स: अंकिता ध्यानी ने 3000 मीटर स्टीपलचेज़ और 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीते।
कयाकिंग और कैनोइंग: पी. सोनिया ने 2 स्वर्ण पदक जीतकर राज्य के नाम एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज की।
इन खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन ने उत्तराखंड को ऐतिहासिक पदक शतक तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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उत्तराखंड बना उभरती खेल शक्ति, भविष्य की बड़ी उम्मीदें
उत्तराखंड का यह प्रदर्शन साबित करता है कि राज्य धीरे-धीरे एक उभरती हुई खेल शक्ति बन रहा है। उत्तराखंड की सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में खेलों के लिए विशेष योजनाएं लागू की हैं, जिनमें उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना, खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरियों में 4% आरक्षण, पदक विजेताओं के लिए इनाम राशि दोगुनी करना, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज जैसी योजनाएं शामिल हैं।
इस बेहतरीन प्रदर्शन से यह साफ हो गया है कि अब प्रदेश के खिलाड़ी केवल राष्ट्रीय स्तर तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाएंगे। अब नजरें एशियाई खेलों और ओलंपिक की तैयारियों पर टिकी हैं, जहां उत्तराखंड के खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
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निष्कर्ष: उत्तराखंड ने किया कमाल, आगे और भी बड़े लक्ष्य
38वें नेशनल गेम्स 2025 उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक रहे। पहली बार 100 से अधिक पदक जीतकर प्रदेश ने नया कीर्तिमान स्थापित किया। राज्य ने अपनी पिछली सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि (24 पदक) को चार गुना से भी ज्यादा बढ़ाया और देश के शीर्ष खेल राज्यों की सूची में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
इस शानदार सफलता के बाद अब राज्य सरकार और खिलाड़ी भविष्य की बड़ी प्रतियोगिताओं की तैयारी करेंगे। अगर उत्तराखंड के खिलाड़ियों को इसी तरह प्रोत्साहन और सुविधाएं मिलती रहीं, तो आने वाले वर्षों में वे एशियाई और ओलंपिक खेलों में भी देश को गौरवान्वित कर सकते हैं।
उत्तराखंड ने इस बार यह साबित कर दिया है कि अब वह केवल ‘देवभूमि’ ही नहीं, बल्कि ‘खेलभूमि’ भी बन रहा है।
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