CHAMOLI AVALANCHE : तीसरे दिन भी जारी रेस्क्यू ऑपरेशन, लापता 4 मजदूरों की तलाश में जुटी टीमें
CHAMOLI AVALANCHE: चमोली जिले के माणा गांव में आए एवलॉन्च के बाद तीसरे दिन भी लापता मजदूरों की तलाश जारी है। अब तक 50 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि चार मजदूरों की खोजबीन जारी है। राहत एवं बचाव दल स्निफर डॉग्स और आधुनिक उपकरणों की मदद से मलबे में दबे मजदूरों को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। प्रशासन और बचाव दल पूरी सतर्कता के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने में जुटे हुए हैं।
CHAMOLI AVALANCHE : उत्तराखंड के अंतिम गांव माणा में आए भीषण हिमस्खलन (एवलॉन्च) के बाद राहत और बचाव कार्य का तीसरा दिन है। रेस्क्यू टीमें अभी भी मलबे में फंसे चार लापता मजदूरों की तलाश कर रही हैं। इस आपदा में कुल 55 मजदूर फंस गए थे, जिनमें से 50 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जबकि चार की मौत हो चुकी है। प्रशासन ने अब स्निफर डॉग्स और आधुनिक तकनीक की मदद से बचाव अभियान को तेज कर दिया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, चार मजदूरों की तलाश तेज
एवलॉन्च प्रभावित क्षेत्र में राहत-बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। हालांकि, अब भी चार मजदूर मलबे में फंसे हुए हैं, जिनकी तलाश के लिए आईटीबीपी, सेना और राज्य आपदा प्रबंधन बल की टीमें लगातार जुटी हुई हैं। पहले यह माना जा रहा था कि पांच मजदूर लापता हैं, लेकिन बाद में पता चला कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा निवासी मजदूर सुनील कुमार बिना किसी सूचना के घर चला गया था। जब उसके परिवार से संपर्क किया गया, तो उन्होंने पुष्टि की कि वह घर पहुंच चुका है।
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स्निफर डॉग्स और हाई-टेक उपकरणों का इस्तेमाल
लापता मजदूरों की खोज के लिए सेना के स्निफर डॉग्स की मदद ली जा रही है। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना ने ड्रोन आधारित “इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम” को हवाई मार्ग से भेजने की योजना बनाई है। सेना ने “ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार” (GPR) को भी तैनात किया है, जो मलबे के नीचे दबे लोगों की स्थिति का पता लगाने में मदद करेगा।
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आईटीबीपी के जवान हिमस्खलन प्रभावित इलाके में लगातार खोजबीन कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के एवलॉन्च में बर्फ के नीचे दबे लोगों को ढूंढना बेहद मुश्किल होता है, लेकिन हाई-टेक उपकरणों की मदद से उनकी सही लोकेशन का पता लगाया जा सकता है।
हेलीकॉप्टर से चलाया जा रहा रेस्क्यू अभियान
हिमस्खलन के कारण मुख्य मार्ग बाधित हो गया है, जिसके चलते हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है। भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर कुल 6 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। इनमें भारतीय सेना विमानन के 3 चीता हेलीकॉप्टर, भारतीय वायुसेना के 2 चीता हेलीकॉप्टर और सेना द्वारा किराए पर लिया गया एक नागरिक हेलीकॉप्टर शामिल है।
सीएम धामी ने किया प्रभावित क्षेत्र का दौरा, पीएम मोदी और गृह मंत्री भी नजर बनाए हुए
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा लिया और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी राहत-बचाव अभियान पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सीएम धामी ने बताया कि पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से फोन कर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
माणा में बर्फीली तबाही, लेकिन उम्मीद कायम
माणा गांव, जो भारत का अंतिम गांव कहलाता है, इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। भारी बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण यहां काम कर रहे मजदूरों की जान पर बन आई। हालांकि, राहत की बात यह है कि अब तक 50 मजदूरों को बचा लिया गया है और प्रशासन बाकी चार की तलाश में पूरी ताकत झोंक रहा है।
हिमालयी क्षेत्र में इस तरह की आपदाएं आम हैं, लेकिन सरकार और बचाव एजेंसियों की तत्परता से नुकसान को कम किया जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही लापता मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा और यह कठिन मिशन सफलतापूर्वक पूरा होगा।
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