CHAMOLI AVALANCHE : हाईटेक उपकरणों से तेज होगा रेस्क्यू ऑपरेशन, एयरफोर्स के ड्रोन और रडार की मदद से होगी लापता मजदूरों की तलाश
CHAMOLI AVALANCHE: चमोली के माणा क्षेत्र में आए हिमस्खलन में लापता श्रमिकों की तलाश के लिए भारतीय वायुसेना आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने जा रही है। राहत और बचाव अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसे हवाई मार्ग से दिल्ली से मंगाया जा रहा है। यह हाईटेक प्रणाली मलबे में दबे लोगों या वस्तुओं की सटीक पहचान करने में मदद करेगी, जिससे बचाव कार्य को तेज किया जा सकेगा।
CHAMOLI AVALANCHE : उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में 28 फरवरी को हुए भीषण हिमस्खलन के बाद लापता मजदूरों की तलाश और बचाव अभियान में तेजी लाई जा रही है। भारतीय वायुसेना ने अब इस ऑपरेशन में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने का निर्णय लिया है। लापता श्रमिकों का पता लगाने के लिए दिल्ली से ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम और ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार (GPR) मंगाए जा रहे हैं। साथ ही, सेना के स्निफर डॉग्स को भी खोज अभियान में शामिल किया जाएगा।
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हवाई मार्ग से माणा पहुंचेगी हाईटेक तकनीक
भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के अनुसार, ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम को पहले हवाई मार्ग से देहरादून लाया जाएगा। वहां से इसे हेलीकॉप्टरों की मदद से चमोली के माणा इलाके में पहुंचाया जाएगा। यह प्रणाली हिमस्खलन के मलबे में दबे लोगों या वस्तुओं की पहचान करने में मदद करेगी, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
इसके अतिरिक्त, ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार (GPR) भी भेजे जा रहे हैं, जो बर्फ और मिट्टी के अंदर दबे लोगों की उपस्थिति का सटीक पता लगाने में सक्षम हैं। स्निफर डॉग्स को भी कंटेनरों और मलबे के भीतर लापता लोगों को ढूंढने के लिए तैनात किया जाएगा।
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अब तक 50 लोगों को बचाया गया, 5 की तलाश जारी
माणा हिमस्खलन में कुल 55 लोग फंस गए थे। अब तक 50 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन इनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल थे, जिनकी मौत हो चुकी है। अभी भी 5 मजदूर लापता हैं, जिनकी खोजबीन जारी है।
देहरादून रक्षा विभाग के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे पहले घायलों को निकालने को प्राथमिकता दी गई। अब लापता मजदूरों की तलाश के लिए ड्रोन, रडार और स्निफर डॉग्स को सेवा में लगाया जाएगा।
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आईटीबीपी का बचाव अभियान जारी, वीडियो भी किया जारी
इस बीच, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने हिमस्खलन प्रभावित इलाके से बचाव अभियान का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें जवान कठिन परिस्थितियों में राहत कार्य करते दिखाई दे रहे हैं। आईटीबीपी और सेना की टीमें लगातार मलबे के भीतर दबे लोगों को खोजने में जुटी हुई हैं।
मौसम और सड़क की स्थिति बनी चुनौती
बचाव कार्य में सबसे बड़ी चुनौती मौसम और सड़क की खराब स्थिति बनी हुई है। भारी बर्फबारी और दुर्गम रास्तों के कारण राहत अभियान में बाधाएं आ रही हैं। हालांकि, मौसम अनुकूल होने पर वायुसेना के यूएवी (Unmanned Aerial Vehicle) और अन्य हाईटेक उपकरणों को भी तैनात किया जाएगा।
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सरकार और सेना की नजर, जल्द से जल्द रेस्क्यू पूरा करने की कोशिश
इस पूरे अभियान पर उत्तराखंड सरकार, सेना और केंद्रीय प्रशासन की लगातार नजर बनी हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी जा रही है।
बचाव दलों का लक्ष्य जल्द से जल्द लापता मजदूरों को खोजकर उन्हें सुरक्षित बाहर निकालना है। हाईटेक तकनीक और विशेष प्रशिक्षित टीमें इस चुनौतीपूर्ण मिशन को सफल बनाने में दिन-रात जुटी हुई हैं। उम्मीद है कि जल्द ही रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी तरह सफल होगा और माणा गांव में आई इस प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों को राहत मिलेगी।
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