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Trump Tariff Option for India: ट्रम्प ने टैरिफ़ का किया ऐलान, क्या टूट जाएगा विकसित भारत का सपना?

अमेरिका का पारस्परिक टैरिफ 2 अप्रैल से लागू होगा। इसका मतलब है कि उन देशों के उत्पादों पर भी उतना ही टैरिफ लगेगा जितना अमेरिका के उत्पादों पर। यह समझना ज़रूरी है कि इसका भारत की जीडीपी पर कितना असर हो सकता है।

Trump Tariff Option for India: दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि 2 अप्रैल से अमेरिका दुनियाभर के सभी देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने जा रहा है। यह पारस्परिक टैरिफ भारत के लिए भी काफी नुकसानदेह हो सकता है। खास तौर पर भारत की अर्थव्यवस्था पर। इसकी एक वजह भी है। अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। इससे भी बड़ी बात यह है कि अमेरिका भारत के लिए उन देशों में से एक है, जिसके साथ व्यापार करने पर देश को कोई घाटा नहीं होता।

इसका मतलब यह है कि अमेरिका के साथ भारत का व्यापार हमेशा सरप्लस रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार 100 अरब डॉलर को पार कर गया, उसके बाद भी दोनों देशों का व्यापार 80 अरब डॉलर से ऊपर बना हुआ है। जिसमें भारत अमेरिका को 50 अरब डॉलर से ज्यादा का निर्यात करता है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि आखिर भारत की हिस्सेदारी अमेरिका से ज्यादा है। इस पारस्परिक टैरिफ पर भारत को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

कुछ समय पहले सिटी रिसर्च की एक रिपोर्ट भी सामने आई थी। जिसमें कहा गया था कि अगर पारस्परिक टैरिफ लागू होता है तो भारत की जीडीपी को सालाना आधार पर 0.50 फीसदी का नुकसान हो सकता है। तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों में भारत एक बार फिर 6 फीसदी के पार पहुंच गया है। साथ ही चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान 6 फीसदी से ऊपर है। ट्रंप अमेरिका में 4 साल तक सत्ता में रहेंगे। अगर ऐसा ही रहा तो पारस्परिक टैरिफ की वजह से भारत की जीडीपी को ज्यादा नुकसान होने की संभावना है। आइए आपको भी बताते हैं कि ट्रंप के इस ऐलान से देश की जीडीपी को किस तरह नुकसान हो सकता है।

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भारत की हिस्सेदारी ज्यादा

दोनों देशों के बीच व्यापार पर नजर डालें तो चीन के बाद अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वर्ष 2024 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। वर्ष 2024 में भारत के साथ अमेरिका का कुल व्यापारिक व्यापार 129.2 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। वर्ष 2024 में भारत ने अमेरिका से 41.8 अरब डॉलर का सामान आयात किया, जो वर्ष 2023 की तुलना में 3.4 फीसदी (1.4 अरब डॉलर) ज्यादा था। वर्ष 2024 में भारत ने अमेरिका को 87.4 अरब डॉलर का सामान आयात किया, जो वर्ष 2023 की तुलना में 4.5 फीसदी (3.7 अरब डॉलर) ज्यादा था। वर्ष 2024 में भारत के पास अमेरिका के साथ व्यापार में अधिशेष था, जिसका मूल्य 45.7 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 2025 की बात करें तो वाणिज्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2025 में अमेरिका को भारत का निर्यात 39 फीसदी बढ़कर 8.44 अरब डॉलर हो गया। वहीं आयात भी 33.46 प्रतिशत बढ़कर 3.57 अरब डॉलर हो गया। सरकार ने 2030 तक अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

भारत को होगा ज्यादा नुकसान

इस द्विपक्षीय व्यापार में भारत की हिस्सेदारी काफी ज्यादा देखी जा रही है। भारत का निर्यात आयात के मुकाबले करीब दोगुना है। अब जब 2 अप्रैल यानी वित्त वर्ष 2026 में भारत के मुताबिक अमेरिका का पारस्परिक टैरिफ लागू होगा, तो देश के निर्यात या दूसरे शब्दों में कहें तो अमेरिका भारत से जो भी आयात करेगा, उस पर वह उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना भारत लगा रहा है। ऐसे में भारतीय उत्पादों की मांग घट सकती है और निर्यात में भी कमी देखी जा सकती है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक देश के निर्यात में 11 से 12 फीसदी की कमी आ सकती है।

61 हजार करोड़ रुपए का नुकसान

सिटी रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के करीब आधा दर्जन सेक्टरों को भारी नुकसान होने की आशंका है। विश्लेषकों का अनुमान है कि भारत के जिन सेक्टरों पर सबसे ज्यादा असर पड़ने वाला है, उनमें केमिकल, मेटल उत्पाद, ज्वैलरी, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स और खाद्य उत्पाद शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के निर्यात सेक्टर को सालाना आधार पर 61 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो सकता है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ का भारत पर कितना गहरा असर देखने को मिल सकता है।

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जीडीपी का 0.60 फीसदी सालाना नुकसान होने का अनुमान

ट्रंप के इस ऐलान के बाद भारत की जीडीपी को सालाना आधार पर भारी नुकसान होने की आशंका है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर पारस्परिक टैरिफ के सबसे खराब परिदृश्य को देखें तो भारत की जीडीपी को भारी नुकसान हो सकता है। यह नुकसान सालाना आधार पर 0.60 फीसदी देखने को मिल सकता है। भारत की तीसरी तिमाही के जीडीपी के जो आंकड़े सामने आए हैं, वो 6.2 फीसदी पर हैं। अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ 6.2 फीसदी पर रह सकती है। वित्त वर्ष 2026 के लिए भी इसी तरह के अनुमान लगाए गए हैं। ट्रंप के टैरिफ का असर वित्त वर्ष 2026 और आने वाले सालों में देखने को मिल सकता है।

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ट्रंप ने भारत को कहा टैरिफ किंग

दूसरी ओर भारत को लेकर ट्रंप की टैरिफ नीति पूरी तरह से साफ है। ट्रंप का कहना है कि भारत उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्यादा टैरिफ लगाते हैं। ट्रंप ने भारत को टैरिफ किंग तक कह दिया है। ट्रंप ने आज अपने भाषण में भारत के टैरिफ का जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर 150 फीसदी तक टैक्स लगाता है। ऐसे में भारत को भी इसी टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है।

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Written By। Chanchal Gole। National Desk। Delhi

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