Kedarnath Dham: केदारनाथ धाम के कपाट खुले, पीएम मोदी के नाम पर हुई पहली पूजा, मंदिर परिसर सजा 108 क्विंटल फूलों से
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही एक बार फिर श्रद्धा और आस्था का प्रवाह उत्तराखंड की वादियों में बह निकला है। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आत्मिक शांति और संस्कृति के संरक्षण का प्रतीक भी है।
Kedarnath Dham: देवभूमि उत्तराखंड की आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत चारधाम यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पड़ाव आज उस समय पूरा हुआ जब प्रातः 7 बजे विधिविधान के साथ भगवान केदारनाथ के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। बैशाख मास के शुभ मुहूर्त में खोले गए इन कपाटों के साथ ही केदारनाथ धाम भक्ति और आस्था के स्वर से गूंज उठा।
इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं धाम में उपस्थित रहे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बाबा केदारनाथ की पहली पूजा अर्पित की। सीएम धामी ने इसे एक अत्यंत पुण्य और भावनात्मक क्षण बताया और कहा कि यह केवल उत्तराखंड के लिए ही नहीं, बल्कि विश्वभर में बसे करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए भी एक आध्यात्मिक शुरुआत है।
फूलों से सजा स्वर्गिक धाम
कपाट खुलने के शुभ अवसर को और भी दिव्य बनाने के लिए केदारनाथ मंदिर परिसर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया। रंग-बिरंगे फूलों और पारंपरिक सजावट ने मंदिर को एक अद्भुत रूप प्रदान किया। हर दिशा से उठती भक्ति की आवाज़ों और भजनों ने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
पंचमुखी डोली का आगमन और स्वागत
एक दिन पहले, 1 मई की शाम को भगवान केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ पहुंची। पूरे रास्ते में श्रद्धालुओं ने जयकारों और पुष्प वर्षा के साथ डोली का स्वागत किया। शाम के समय डोली मंदिर परिसर पहुंची और पारंपरिक विधियों के अनुसार भंडारगृह में स्थापित की गई।
पीएम मोदी के प्रति विशेष श्रद्धा
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि यह पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई, क्योंकि वे बाबा केदारनाथ के परम भक्त हैं। उन्होंने कहा कि 2013 की त्रासदी के बाद जिस प्रकार पीएम मोदी ने पुनर्निर्माण के कार्यों में व्यक्तिगत रुचि लेकर केदारनाथ क्षेत्र को फिर से खड़ा किया, वह प्रेरणादायक है। इस पुनर्निर्माण में बेहतर सड़कें, विश्राम स्थल, सुरक्षा प्रबंध और तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को प्राथमिकता दी गई है।
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यात्रियों के लिए बेहतर इंतजाम
इस वर्ष यात्रा को और अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए कई नई व्यवस्थाएं लागू की गई हैं। डिजिटल रजिस्ट्रेशन से लेकर हेल्थ चेकअप, सुरक्षा पोस्ट और मार्गदर्शक केंद्रों की स्थापना की गई है। सीएम धामी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे प्रशासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करें और यात्रा को सुरक्षित बनाएं।
चारधाम यात्रा का क्रम
चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुलने के साथ हो चुकी है। अब 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद चारों धामों के द्वार श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह खुल जाएंगे। यह यात्रा आगामी छह माह तक चलेगी, जब तक अक्टूबर-नवंबर में कपाट शीतकाल के लिए पुनः बंद नहीं हो जाते।
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शीतकालीन यात्रा का बढ़ता प्रभाव
उत्तराखंड सरकार द्वारा शीतकालीन चारधाम यात्रा को भी बढ़ावा दिया गया है। मुख्य धामों के कपाट बंद होने के बाद देवताओं के शीतकालीन निवास स्थलों पर पूजा-अर्चना होती है, जिससे राज्य के पर्यटन को वर्षभर गति मिलती है।
आतंकी हमले पर सीएम का बयान
कपाट उद्घाटन के दौरान सीएम धामी ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सेना उचित समय पर सटीक जवाब देगी।
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