Operation Sindoor: क्या है ऑपरेशन सिंदूर? जिसका सीधा संबंध है रामायण से
पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को देखकर यह स्पष्ट है कि इसकी प्रेरणा रामायण महाकाव्य और श्री राम चरित मानस से ली गई है। इस बात को भारत सरकार ने भी स्वीकार किया है। खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय सेना ने हनुमान के सिद्धांतों का पालन किया है। लेकिन कैसे, यही इस लेख में समझाने की कोशिश की गई है।
Operation Sindoor: भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई आतंकी घटना का बदला लेने के लिए मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर चलाया। माना जा रहा है कि इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं और इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान में डर और दहशत का माहौल है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ऑपरेशन सिंदूर नाम भले ही भारत के लिए नया हो, लेकिन यह ऑपरेशन बहुत पुराना है। यकीन न हो तो चलिए करीब दस लाख साल पहले त्रेता युग में चलते हैं। पहली बार यह ऑपरेशन रामायण यानी राम-रावण युद्ध से पहले उस समय किया गया था।
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण और गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्री रामचरित मानस के अनुसार सबसे पहले इस ऑपरेशन को भगवान राम के विशेष दूत हनुमान ने अंजाम दिया था। हालांकि, उस समय यह ऑपरेशन काफी कठिन था। उस समय लंका में रडार सिस्टम (लंकिनी) इतना मजबूत था कि मच्छर भी उसकी नजर से बच नहीं सकता था। उसके मुकाबले पाकिस्तान का रडार सिस्टम कहीं नजर नहीं आता। उल्लेख मिलता है कि हनुमान ने लंका के रडार सिस्टम को भेदकर बड़ी आसानी से अपना टारगेट प्वाइंट चिह्नित कर लिया था। इस काम को करने में उन्हें 24 घंटे से भी कम समय लगा था। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भी इसी तर्ज पर पाकिस्तान में अपने टारगेट चिह्नित किए हैं।
पढ़े : किसी भी स्थिति से निपटने के लिए रहें तैयार… उच्च स्तरीय बैठक में बोले अमित शाह
हनुमान जी ने भी साधा था निशाना
अब बात आती है ऑपरेशन को अंजाम देने की। रामायण में कथा है कि उस समय हनुमान जी ने केवल उन्हीं लक्ष्यों को नष्ट किया जो अधर्म के पक्ष में थे। उन्होंने विभीषण सहित कई अन्य लोगों के भवनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जो धर्म का पालन कर रहे थे। इन बातों को गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्री राम चरित मानस में और महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में शब्दशः लिखा है। तुलसीदास जी ने श्री राम चरित मानस में स्पष्ट लिखा है कि जब रावण हनुमान जी से पूछता है तो वे कहते हैं कि ‘जिन्होंने मुझे मारा, मैंने उन्हें ही मार डाला। मैं उन पर तुम्हारा शरीर बांधूंगा। मैंने कुछ नहीं बांधा है, मैं शर्मिंदा हूं। मैं अपना काम करना चाहता हूं प्रभु।’
पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.com: Hindi News, Today Hindi News, Breaking
अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
जहां तक उन्नत तकनीक के इस्तेमाल की बात है तो उस समय भी हनुमान जी ने उच्च कोटि की तकनीक का इस्तेमाल किया था। श्री रामचरित मानस में कथा है कि जब राक्षसों ने हनुमान जी की पूंछ में कपड़ा लपेट दिया था, तब उन्होंने सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल कर भगवान राम से मार्गदर्शन मांगा था और भगवान राम ने भी उन्हें इसकी अनुमति दे दी थी। दरअसल आज मोबाइल फोन सिर्फ एक तरंगदैर्घ्य पर काम करते हैं, लेकिन हनुमान जी के पास 49 तरंगदैर्घ्य वाला सैटेलाइट फोन था। तुलसीदास जी ने भी लिखा है कि ‘हरि प्रेरित तेहि अवसर चले मारुत उनचास।’ जोर से हंसते हुए बंदर दहाड़ते हुए आकाश में पहुंच गए।’ हनुमान ने इसी नेटवर्क के जरिए भगवान राम से संपर्क किया था।
Latest ALSO New Update Uttar Pradesh News, उत्तराखंड की ताज़ा ख़बर
शरद ऋतु में किया था हनुमान ने ऑपरेशन
भारतीय सेना को इस ऑपरेशन को पूरा करने में 25 मिनट लगे, लेकिन राम से अनुमति मिलते ही हनुमान ने राफेल से कई गुना तेज गति वाले संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए कुछ ही पलों में पूरी लंका को जलाकर राख कर दिया। भारत सरकार ने भी इन तथ्यों को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि यह ऑपरेशन हनुमान के सिद्धांतों पर आधारित था। हालांकि, इन दोनों ऑपरेशनों के समय में अंतर है। हनुमान ने यह ऑपरेशन चातुर्मास के बाद शरद ऋतु में किया था, लेकिन भारतीय सेना के वीर जवानों ने इस ऑपरेशन को ग्रीष्म ऋतु में अंजाम दिया।
Follow Us: हिंदी समाचार, Breaking Hindi News Live में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels। FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। Twitter।NEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV