Jagannath Rath Yatra 2025: कोलकाता इस्कॉन की रथयात्रा में परंपरा और तकनीक का संगम – सुखोई जेट के टायरों के साथ 48 साल बाद नया इतिहास!
कोलकाता इस्कॉन की प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ रथयात्रा इस बार एक नई और अद्भुत पहल के साथ इतिहास रचने जा रही है। रथ के पहियों को 48 वर्षों बाद बदला गया है और इसमें रूसी सुखोई फाइटर जेट के टायर लगाए गए हैं।
Jagannath Rath Yatra 2025: कोलकाता इस्कॉन की प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ रथयात्रा इस बार एक नई और अद्भुत पहल के साथ इतिहास रचने जा रही है। रथ के पहियों को 48 वर्षों बाद बदला गया है और इसमें रूसी सुखोई फाइटर जेट के टायर लगाए गए हैं। यह बदलाव तकनीक और परंपरा के संगम का बेहतरीन उदाहरण है।
रथ की परंपरा और महत्व
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा कोलकाता ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। हर साल हजारों लोग इस उत्सव में शामिल होते हैं और रथ को खींचते हैं। यह रथयात्रा न केवल धार्मिक भावना को दर्शाती है, बल्कि सामाजिक समरसता और एकता का संदेश भी देती है।
पुराने टायरों की समस्या
पिछले कई वर्षों से इस्कॉन कोलकाता के आयोजकों को रथ के पहियों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। पुराने रथ में बोइंग विमान के पुराने टायर लगाए जाते थे, लेकिन अब ये टायर बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे। ऐसे में आयोजक करीब 15 वर्षों से नए टायरों की तलाश कर रहे थे।
सुखोई जेट के टायरों का प्रयोग
आखिरकार इस्कॉन ने भगवान जगन्नाथ के रथ में रूसी सुखोई फाइटर जेट के टायरों का उपयोग करने का निर्णय लिया है। ये टायर, जिनकी टेकऑफ स्पीड करीब 280 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है, अब रथ को नई मजबूती और टिकाऊपन प्रदान करेंगे। भले ही रथ की गति मात्र 1.4 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, लेकिन इन अत्याधुनिक टायरों की ताकत से रथयात्रा की सुरक्षा और सहजता पहले से कहीं अधिक सुनिश्चित हो जाएगी।
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टायर बदलाव का महत्व
रथयात्रा का आयोजन कोलकाता में बड़े धूमधाम से होता है और इसमें हजारों भक्त शामिल होते हैं। पिछले कुछ सालों से रथ के पहियों में तकनीकी समस्याओं के कारण रथ को खींचना मुश्किल हो गया था। अब सुखोई जेट के टायरों के इस्तेमाल से यह समस्या हल हो जाएगी और रथयात्रा पहले की तरह भव्य और सुचारु रूप से आयोजित हो सकेगी।
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आस्था और तकनीक का संगम
यह बदलाव एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि परंपरा और आधुनिक तकनीक का संगम कैसे धार्मिक और सामाजिक आयोजनों को और बेहतर बना सकता है। भगवान जगन्नाथ का रथ अब न केवल श्रद्धा का प्रतीक रहेगा, बल्कि उसमें आधुनिक तकनीकी मजबूती भी शामिल होगी।
कोलकाता इस्कॉन की यह पहल अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है। सुखोई जेट जैसे उन्नत तकनीकी साधनों का परंपरागत आयोजनों में उपयोग एक नई सोच और नवाचार की मिसाल है। इस रथयात्रा में आस्था के साथ-साथ तकनीक का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा, जो इसे और भी खास बना देगा।
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