Sumud Convoy Gaza: 50 देशों का काफिला पहुंच रहा है रफाह, जानिए क्या है ‘सुमुद कांवो’ जो टूटेगा गाजा की नाकाबंदी
पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और यूरोपीय सांसद रीमा हसन समेत 12 कार्यकर्ताओं के एक समूह को 9 जून को गाजा पहुंचने से पहले ही इजरायली सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया था। अब 50 से ज़्यादा देशों के करीब 2500 लोगों ने राफा तक मार्च करने और नाकाबंदी तोड़ने के लिए 'सुमुद कॉन्वो' शुरू किया है, जिसमें एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के भी शामिल होने की उम्मीद है। आइए जानते हैं कि यह 'सुमुद कॉन्वो' क्या है, इसमें कौन-कौन शामिल है और यह किस तरह गाजा तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है।
Sumud Convoy Gaza: इजरायल ने कैटेनिया, इटली से गाजा के लिए छोड़े गए फ्रीडम फ्लोटिला को अवरुद्ध करने के बावजूद, 50 से अधिक देशों के लगभग 2,500 लोगों ने गाजा नाकाबंदी को तोड़ने और फिलिस्तीनियों को सहायता देने के लिए निर्धारित किया है। ट्यूनीशिया के नेतृत्व में गाजा के लिए इस वैश्विक मार्च को ‘सुमुद काफिले’ का नाम दिया गया है, जो एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है दृढ़ता।
यह कॉन्वो 9 जून को ट्यूनीशिया की राजधानी ट्यूनिस से लगभग 12 बसों और 100 निजी कारों के साथ रवाना हुआ और ट्यूनिस से मिस्र तक और फिर वहां से रफा तक पहुंचने के लिए लगभग 2500 किलोमीटर की यात्रा करेगा। साथ ही अन्य देशों से जुड़ने वाले कार्यकर्ता हवाई मार्ग से मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचेंगे और काफिले में शामिल होंगे।
इस काफिले के आज (12 जून) मिस्र पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन कुछ रिपोर्टों के अनुसार मिस्र सरकार ने अभी तक इसे देश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी है। भारत से मानवाधिकार संगठनों के एक छोटे प्रतिनिधिमंडल के भी इस वैश्विक मार्च का हिस्सा बनने की उम्मीद है। भारत से प्रतिनिधिमंडल के समन्वय और आयोजन में मदद कर रही मुंबई निवासी सना सैयद ने मीडिया से बात करते हुए इसे मानवता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
Statement and update from the Global March to Gaza team.
— Yipeng Ge 葛义朋 (@yipengGe) June 7, 2025
Over 54 countries, more than 2500 people are joining together to peacefully march to the Rafah crossing calling on the international community to ensure aid enters Gaza NOW. pic.twitter.com/pipKZyh8Sz
पढ़े : अमेरिकी एयरपोर्ट पर एक भारतीय के साथ क्यों किया गया ऐसा व्यवहार?
क्या सुमुद कान्वो राफा तक पहुंचेगा?
फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन की ओर से समुद्री मार्ग से गाजा तक खाद्यान्न, दवाइयां और अन्य आवश्यक वस्तुएं ले जा रहे 12 कार्यकर्ताओं के समूह, जिनमें से अधिकतर यूरोपीय देश के हैं, को गाजा से करीब 300 किलोमीटर दूर इजरायली सुरक्षा बलों ने हिरासत में ले लिया और निर्वासित कर दिया।
ऐसे में इस सुमुद कान्वो के राफा तक पहुंचने की उम्मीद भी कम ही है, लेकिन इसमें भाग लेने वाले लोगों का मानना है कि इसके जरिए वे दुनिया भर के नेताओं पर इजरायल के नरसंहारी युद्ध को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का दबाव बना सकेंगे।
Thousands in the #SumudConvoy from Algeria, Tunisia, Libya & Mauritania are heading to Rafah to break the siege on Gaza. Now in Libya, they move next to Egypt. Let our Egyptian brothers join in millions. Gaza will never stand alone again. Egypt and the world, it’s your moment! pic.twitter.com/g18ipZ0djw
— Khaled Oman (@KhaledOmman) June 10, 2025
पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.com: Hindi News, Today Hindi News, Breaking
सुमुद को ट्यूनीशियाई जनरल लेबर यूनियन, नेशनल बार एसोसिएशन, ट्यूनीशियाई लीग फॉर ह्यूमन राइट्स और ट्यूनीशियाई फोरम फॉर इकोनॉमिक एंड सोशल राइट्स का समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा दूसरे देशों के मानवाधिकार संगठन भी इस मार्च का समर्थन कर रहे हैं।
यह 50 देशों के कार्यकर्ताओं और नागरिकों के साथ मिस्र पहुंच रहा है ताकि वे सब मिलकर राफा तक मार्च कर सकें। अगर तय मार्ग पर कोई बाधा नहीं आई तो यह 14-15 जून को राफा पहुंच सकता है।
Latest ALSO New Update Uttar Pradesh News, उत्तराखंड की ताज़ा ख़बर
लोग गाजा क्यों गए?
गाजा युद्ध की शुरुआत से ही फिलिस्तीनी समर्थक गाजा की दुर्दशा को समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। 20 महीने पहले जब से इजरायल ने गाजा पर हमला करना शुरू किया है, तब से नागरिकों ने प्रमुख राजधानियों में विरोध प्रदर्शन किया है। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद युद्ध नहीं रुका है।
जिसके बाद कई देशों से लोग गाजा की ओर बढ़ने लगे हैं। इन लोगों को पता है कि वे गाजा में प्रवेश नहीं कर पाएंगे, लेकिन वे कोशिश कर रहे हैं। सुमुद काफिले को लीबिया के ईंधन पंपों द्वारा मुफ्त ईंधन दिया गया और लोगों ने कई जगहों पर इस काफिले का उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। 2007 में जब से इजरायल ने गाजा को खुली जेल में बदल दिया है, तब से कार्यकर्ता समय-समय पर इस प्रतिबंध को तोड़ने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें रोक दिया गया है। हालांकि, यह पहली बार है कि इतने बड़े पैमाने पर दुनिया भर से लोग गाजा जा रहे हैं।
Follow Us: हिंदी समाचार, Breaking Hindi News Live में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels। FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। Twitter।NEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV